रविवार, 27 नवंबर 2022

यूपी नगर निकाय चुनाव:भाजपा से कौन होगा मेयर-पार्षद उम्मीदवार? हर वर्ग से तीन-तीन नामों का तैयार हो रहा पैनल

 


लखनऊ ।यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों का काम प्रदेश भाजपा ने तेज कर दिया है। नगर निगम, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों के साथ ही इनके वार्डों से प्रत्याशियों के नामों के पैनल तैयार किए जा रहे हैं। हर वर्ग से तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है ताकि जैसे ही आरक्षण सूची जारी हो संबंधित वर्ग के पैनल से प्रत्याशी का नाम फाइनल किया जा सके। निकायों के चुनाव की तैयारियों में प्रदेश भाजपा पिछले तीन-चार महीनों से काम कर रही है।18 नगर निगमों के प्रभारी प्रदेश सरकार के मंत्री पहले ही बनाये जा चुके हैं। नगर पालिका परिषदों के साथ ही नगर पंचायतों के भी अलग-अलग प्रभारी बनाए जा चुके हैं। निकाय चुनाव के लिए हर जिले में जिला संयोजक व सह संयोजक भी लगाए गए हैं। प्रदेश टीम के साथ ही क्षेत्र व भाजपा जिला की टीमों को इसके लिए अहम जिम्मेदारी दी जा चुकी है। मेयर से लेकर वार्ड सदस्य तक का तैयार हो रहा पैनल आरक्षण सूची जब भी आए भाजपा उससे पहले हर वर्ग से तीन संभावित प्रत्याशियों के पैनल पर काम कर रही है। नगर निगमों के मेयर, नगर पालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों के अध्यक्ष के साथ ही वार्ड सदस्यों के प्रत्याशियों के नामों की संभावित सूची पर काम किया जा रहा है।

आसाराम के रसोई सेवादार मुजफ्फरनगर के अखिल गुप्ता के हत्यारे को हरिद्वार से दबोचा

 


नई दिल्ली। आसाराम और उसके बेटे पर हुए दुष्कर्म सहित अन्य मामलों का गवाह की हत्या करने के केस में फरार आरोपी को गुजरात एटीएस की टीम ने उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आसाराम आश्रम में रसोई और सेवा का काम करने वाले गवाह बने अखिल गुप्ता की वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आसाराम पर आरोप हैं कि उसने अपने वकील प्रवीण काबले के जरिए कार्तिक हलघर और नीरज जाट नामक शार्प शूटरों से अखिल की हत्या करवाई थी। इसके बाद से ही प्रवीण फरार चल रहा था और बीते 4 सालों से हरिद्वार में साधु बनकर घूम रहा था।

गुजरात एटीएस के पीएसआई वाई जी गुर्जर को सूचना मिली थी कि आसाराम केस के साक्षी अखिल कुमार गुप्ता की हत्या के केस में फरार आरोपी प्रवीण कामले हरिद्वार में साधु बन रह रहा है। सूचना मिलते ही एटीएस की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवीण की पूछताछ करने पर खुलासा हुआ कि आसाराम आश्रम में रसोई और सेवा का काम करने वाले अखिल कुमार गुप्ता आसाराम की गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ गवाह बना था। इसलिए आसाराम के कहने पर शार्पशूटर कार्तिक हलधर और नीरज जाट द्वारा वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में अखिल की गोली मारकर हत्या करवा दी गई थी

हत्या करने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन बाद में जांच के दौरान कार्तिक और नीरज को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि प्रवीण अपने घर के सदस्यों से संपर्क खत्म कर फरार हो गया था। तीन साल तक अलग-अलग जगहों पर रहने के बाद वर्ष 2018 से उत्तराखंड के हरिद्वार में साधु बनकर रहने लगा था।

मनमोहन के मुकाबले मोदी सरकार ने बढाया अधिक एम एस पी

 मुजफ्फरनगर । मोदी सरकार ने मनमोहन सरकार की तुलना में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अधिक बढाया और अधिक खरीद की है।

अशोक बालियान, चेयरमैन, पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि  मोदी सरकार ने न केवल फसलों का दाम बढ़ाया है, बल्कि उसकी खरीद और लाभार्थी किसानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों को मिलाकर मोदी सरकार ने साल 2014 से मार्च 2022 तक किसानों को 14.25 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में इतना पैसा कभी नहीं मिला। जहां तक उससे पहले की बात है तो मनमोहन सरकार के कार्यकाल में साल 2009 से 2014 तक किसानों को 4.60 लाख करोड़ रुपये एमएसपी के तौर पर मिले थे। 

     केंद्रीय कृषि मन्त्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुताबिक साल 2009 से 2014 तक देश भर में सरकार ने 2,89,140 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया था। लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में साल 2014 से 2021-22 में मार्च तक रिकॉर्ड 8,91,557 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया है। यानी धान खरीद पर सरकार ने किसानों से पहले के मुकाबले कहीं बहुत अधिक पैसा दिया है। किसानों को इतना पैसा देने के बावजूद कुछ किसान संगठन व विपक्ष के तमाम नेता यह आरोप लगाते रहते हैं कि सरकार एमएसपी की व्यवस्था खत्म करना चाहती है। 

    केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019-20 में खरीफ फसलों में रागी के एमएसपी 1900 रुपये से बढ़ाकर 2,897 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1700 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग के एमएसपी को 5,575 रुपये से बढ़ाकर 6,975 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द के एमएसपी को 5400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5600 रुपये प्रति क्विंटल व बाजरा के एमएसपी को 1425 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1950 रुपये किया था। 

    केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2022-23 में खरीफ फसलों में रागी का एमएसपी 3578 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के एमएसपी 1962 प्रति क्विंटल, मूंग के एमएसपी को 7755 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का समर्थन मूल्य को 6600 रुपये प्रति क्विंटल व बाजरा के एमएसपी को 2350 रुपये प्रति क्विंटल किया है। 

     वर्ष 2022-23 में रबी फसलों में गेहूं का एमएसपी 2,015 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर का एमएसपी 5500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों के एमएसपी में 5050 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर की 5450 रुपये प्रति क्विंटल किया है। दलहन में चना के लिए एमएसपी को 5,230 रुपये प्रति क्विंटल से 105 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल व मसूर का एमएसपी 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से 500 रुपये बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

   साल 2009-10 से लेकर 2013-14 की तुलना में देखें तो बीते 2014-15 से लेकर बीते 5 साल 2019-20 के दौरान गेहूं की एमएसपी में 1.77 गुना का इजाफा हुआ था। गेहूं की फसलों के लिए पहले जहां 1.68 लाख करोड़ रुपये का पेमेंट हुआ था, वहां बीते 5 साल में यह पेमेंट 2.97 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। इसी प्रकार दालों के लिए एमएसपी में 75 गुना का इजाफा हुआ है। साल 2009-10 से लेकर 2013-14 के बीच दालों के लिए कुल 645 करोड़ रुपये का एमएसपी पेमेंट हुआ था, लेकिन, बीते पांच साल 2019-20 में यह आंकड़ा 49,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। 

    बीते 5 साल में धान की फसलों पर मिलने वाले MSP में 2.4 गुना इजाफा हुआ है। साल 2009-10 से लेकर 2013-14 में किसानों को 2.06 लाख करोड़ रुपये का एमएसपी पेमेंट हुआ था। जबकि, बीते पांच साल 2019-20 में यह बढ़कर 4.95 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

     केंद्रीय पशुपालन राज्य मन्त्री डॉ संजीव बालियान के अनुसार यदि हम उत्तरप्रदेश के गन्ना किसान की बात करें, तो अखिलेश यादव सरकार में साल 2014-2015 में गन्ना मिलों ने 744.83 लाख टन गन्ना खरीदा था। और योगी सरकार में साल 2021- 2022 में यह बढ़कर 1016.33 लाख टन गन्ना खरीदा गया है। साल 2007 से 2017 तक जितना कुल भुगतान किसानों को हुआ था, उतना योगी सरकार ने सिर्फ 4 साल में कर दिया था। यह सच है कि योगी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में गन्ने का एसएपी केवल 35 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ाया था, जबकि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में गन्ने का एसएपी 65 रुपये प्रति क्विटंल बढ़ा था, लेकिन अखिलेश सरकार में गन्ना मिलों ने योगी सरकार के मुकाबले कम गन्ना खरीद की थी और योगी सरकार ने अधिक गन्ना खरीद की, जिससे किसानों का अधिक गन्ना चीनी मीलों पर गया और किसानों को अधिक लाभ हुआ। 

    देश में कुल 520 चीनी मिलों में से 119 उत्तर प्रदेश में हैं। सपा और बसपा की सरकारों ने चीनी मिलों को बेचकर गन्ना किसानों को बर्बाद करने का कार्य किया था। पिछली सरकारों में मायावती सरकार में 19 चीनी मिलें व् अखिलेश सरकार में 10 चीनी मिलें बंद की गईं थी। जबकि योगी सरकार नें बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया था। योगी सरकार ने बंद चीनी मिलों को चलाकर, डेढ़ दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्धि कर और नई चीनी मिलों की स्थापना कर गन्ना किसानों को राहत देने का कार्य किया है। हम उम्मीद करते है कि उप चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में गन्ने के राज्य समर्थित परामर्श मूल्य (एसएपी) घोषित किया जायेगा। 

    वर्तमान में, सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। सरकार की तरफ से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का एलान कृषि लागत व मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs & Prices, CACP) की सिफारिश पर वर्ष में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में किया जाता है। गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग तय करता है और कुछ प्रदेशों में राज्य सरकार तय करती है।

शहर की सड़कों से हटेंगी ई रिक्शा


लखनऊ । प्रदेश के शहरों में मुख्य मार्गो से ई-रिक्शा हटेंगे। 

जाम की समस्या के चलते यह निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव परिवहन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया। ई रिक्शा लिंक मार्गो से सवारियों को लेकर मुख्य मार्ग तक आएंगे। शहरों के मुख्य मार्गों पर ई रिक्शा चल सकेंगे। अक्टूबर तक प्रदेश में 3.61 लाख ई-रिक्शा प्रदेश में मौजूद हैं।

खतौली और सकौती स्टेशनों के बीच दुर्घटना ग्रस्त होने से बची उज्जैनी एक्सप्रेस 

 


मुजफ्फरनगर। खतौली और सकौती स्टेशनों के बीच शनिवार को शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर बड़ा पत्थर रख दिया। इसी दौरान वहां से गुजरी उज्जैनी एक्सप्रेस का बंपर पत्थर से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके कारण ट्रेन को रोकना पड़ा। मामले की जानकारी मिलते ही रेलवे और आरपीएफ अफसर मौके पर पहुंचे। इस दौरान करीब 20 मिनट ट्रेन के पहिए थमे रहे। हालात सुधरने के बाद ट्रेन रवाना की गई।दरअसल देहरादून से उज्जैन जाने वाली उज्जैनी एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर करीब पौने ग्यारह बजे पहुंची और नियमानुसार अपनी मंजिल के लिए रवाना हुई। जब ये ट्रेन खतौली-सकौती के बीच पहुंची तो रेलवे ट्रैक पर भारी पत्थर रखा हुआ था। पत्थर देखकर चालक ने ब्रेक लगाने शुरू किए। मगर, ट्रेन रुकते-रुकते पत्थर से टकरा गई। इससे ट्रैन का बंपर क्षतिग्रस्त हो गया।

मामले की सूचना पर रेलवे अधिकारी, आरपीएफ मुजफ्फरनगर टीम मौके पर पहुंची। आरपीएफ के सहायक कमांडेंट शंकर सिंह गर्बयाल भी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। बताया गया कि पत्थर हटाने और जांच पड़ताल के कारण ट्रेन लगभग बीस मिनट तक मौके पर ही खड़ी रही। इसके बाद में ट्रेन को रवाना किया गया।



रालोद में मची भगदड़, भाजपा का थामा दामन

 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण ताकत बनने की कोशिश कर रहे राष्ट्रीय लोकदल में इस समय अचानक से भगदड़ जैसे हालात हो गए हैं। पिछले दिनों पार्टी छोडकर गये अभिषेक चौधरी गुर्जर के बाद आज कई नेता अपने इस्तीफे देकर पार्टी से बाहर आ गए हैं। रालोद छोड़कर बाहर आए इन नेताओं का अब जल्द ही कहीं और ठोर ठिकाना दिखाई देगा।रविवार को हुए एक बडे घटनाक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय लोकदल में अचानक से भगदड़ जैसे हालात हो गए। जिसके चलते कई नेता पार्टी छोड़कर बाहर आ गए। हाल ही में पिछले दिनों खतौली विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने की वजह से राष्ट्रीय लोकदल को छोड़कर भगवाई हुए बीजेपी नेता अभिषेक चौधरी गुर्जर ने अपनी ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश संगठन मंत्री यशवीर सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री भोपाल सिंह गुर्जर, महिला प्रकोष्ठ की क्षेत्रीय अध्यक्ष नेहा सिरोही एवं अनुसूचित जाति जनजाति के क्षेत्रीय अध्यक्ष संजय जाटव के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की जानकारी दी है।

अचानक से चार नेताओं के रालोद छोड़कर बाहर आ जाने से पार्टी में भगदड़ जैसे हालात दिखाई दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में भगवाधारी अभिषेक चौधरी गुर्जर भी पिछले काफी लंबे समय से रालोद में प्रवक्ता का पद संभाले हुए थे। लेकिन जब पार्टी की ओर से खतौली विधानसभा सीट से उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो उपेक्षा से आहत हुए अभिषेक चौधरी गुर्जर ने रालोद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। रविवार को राष्ट्रीय लोकदल को छोड़कर बाहर आए इन नेताओं का भी जल्द ही नया ठौर ठिकाना दिखाई देगा।रविवार को हुए एक बडे घटनाक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय लोकदल में अचानक से भगदड़ जैसे हालात हो गए। जिसके चलते कई नेता पार्टी छोड़कर बाहर आ गए। हाल ही में पिछले दिनों खतौली विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने की वजह से राष्ट्रीय लोकदल को छोड़कर भगवाई हुए बीजेपी नेता अभिषेक चौधरी गुर्जर ने अपनी ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश संगठन मंत्री यशवीर सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री भोपाल सिंह गुर्जर, महिला प्रकोष्ठ की क्षेत्रीय अध्यक्ष नेहा सिरोही एवं अनुसूचित जाति जनजाति के क्षेत्रीय अध्यक्ष संजय जाटव के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की जानकारी दी है।


मोदी को हत्या की धमकी, बदायूं से युवक गिरफ्तार

 


बदायूं । मोदी की हत्या का ईमेल करने के आरोप में गुजरात के अहमदाबाद की एटीएस ने बदायूं शहर के आदर्श नगर मोहल्ला निवासी एक युवक को उठा लिया। बताया जा रहा है कि उसने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में मेल करके प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। फिलहाल उसे एसएसपी आवास पर रखकर पूछताछ की जा रही है।

गुजरात के अहमदाबाद की दो सदस्यीय एटीएस शनिवार रात दिल्ली होते हुए बदायूं पहुंची। इसमें शामिल इंस्पेक्टर बीएन बघेला ने एक सब इंस्पेक्टर के साथ सिविल लाइंस थाने में आमद दर्ज कराई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने स्थानीय पुलिस के साथ रात करीब दस बजे आदर्श नगर मोहल्ले में दबिश दी और अमन सक्सेना नाम के युवक को उठा लिया। बताया जा रहा है कि अमन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। परिवार वालों ने चाल-चलन देखकर उसको पहले ही बेदखल कर दिया था, लेकिन वह रात को घर पहुंच जाता था। इससे पकड़ा गया।

उस वक्त एटीएस युवक को सिविल लाइंस थाने ले गई, जहां उससे करीब एक घंटे तक पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि उसने प्रधानमंत्री कार्यालय में ई-मेल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी दी थी। इसमें तीन लोग शामिल बताए जा रहे हैं, जिनमें गुजरात की एक लड़की और दिल्ली का एक लड़का भी शामिल है। सिविल लाइंस थाने पर मीडिया कर्मियों को जुटते देखकर एटीएस युवक को एसएसपी आवास ले गई। अब वहीं उससे पूछताछ की जा रही है। इंस्पेक्टर सहंसरवीर सिंह ने बताया कि गुजरात से एटीएस आई है। वह अपनी गोपनीय पूछताछ कर रही है।

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