शनिवार, 19 नवंबर 2022

रक्त विकार में रामबाण है यह औषधि

 * मानव शरीर के लिए अमृत है चिरायता जाने विभिन्न बीमारियों में पूरे शरीर पर कैसे काम करता है चिरायता *आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे वैद्य जी अनंत शिखर साकेत पुरी कॉलोनी अयोध्या चिरायता के लाभ सभी* तक पहुंचायें


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चिरायता बहुत से लाभों से भरपूर है 

 _चिरायता का परिचय

आपने चिरायता_ (chirata in hindi) के बारे में जरूर सुना होगा। घरों के बूढ़े-बुजुर्ग लोग अक्सर कहा करते हैं कि खुजली हो तो चिरायते का सेवन करो, खून से संबंधित विकार को ठीक करने के लिए चिरायते का उपयोग करो। क्या आप जानते हैं कि चिरायते की केवल यहीं दो खूबियां नहीं हैं बल्कि इसके इस्तेमाल से अनेक लाभ मिलते हैं। बच्चे और बड़े, सभी लोग इन्हीं खूबियों के कारण चिरायते का प्रयोग बराबर किया करते हैं। अगर आपको चिरायते के बारे में अधिक जानकारी नहीं है और जानना चाहते हैं तो यह जानकारी आपके लिए ही है।

आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, चिरायता बुखार, कुष्ठ रोग, डायबिटीज (chirata for diabetes), रक्त विकार, सांसों से संबंधित बीमारी, खांसी, अधिक प्यास लगने की समस्या को ठीक करता है। यह शरीर में होने वाली जलन, पाचनतंत्र के विकार, पेट के कीड़े की समस्या, नींद ना आने की परेशानी, कंठ रोग, सूजन, दर्द में काम आता है। इसके अलावा चिरायता घाव, प्रदर (ल्यूकोरिया), रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या), खुजली और बवासीर आदि रोगों में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके पौधे कैंसर में भी फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कि चिरायता किन-किन रोगों में *फायदेमंद होता है

 *चिरायता क्या है* 

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चिरायता का पौधा बाजार में आसानी से मिल जाता है। चिरायता (chirata in hindi) स्वाद में तीखा, ठंडा, कफ विकार को ठीक करने वाला है। कई विद्वान कालमेघ को चिरायता मानते हैं, लेकिन यह दोनों पौधें आपस में भिन्न हैं। असली चिरायता अपनी जाति के अन्य चिरायतों की तुलना में बहुत ही कड़वा होता है। चिरायते की कई प्रजातियां होती हैं, जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है।

यह 60-125 सेमी ऊँचा, सीधा, एक साल तक जीवित रहने वाला होता है। इसके पौधे में अनेक शाखाएं होती हैं। इसके तने नारंगी, श्यामले या जामुनी रंग के होते हैं। इसके पत्ते सीधे, 5-10 सेमी लम्बे, 1.8 सेमी चौड़े होते हैं। नीचे के पत्ते बड़े तथा ऊपर के पत्ते (chirota leaf) कुछ छोटे व नोंकदार होते हैं।

इसके फूल अनेक होते हैं और ये अत्यधिक छोटे, हरे-पीले रंग के होते हैं। इसके फल 6 मिमी व्यास के, अण्डाकार, नुकीले होते हैं। चिरायता की बीज संख्या में अनेक, चिकने, बहुकोणीय, 0.5 मिमी व्यास के होते हैं। चिरायते के पौधे में फूल और फल आने का समय अगस्त से नवम्बर तक होता है।

अनेक भाषाओं में चिरायता के नाम

चिरायता का वानस्पतिक नाम Swertia chirayita (Roxb. ex Fleming) Karst. (स्वर्टिया चिरायता) Syn-Gentiana chirayita Roxb. ex Fleming है और यह  Gentianaceae (जेन्शिएनेसी) कुल का पौधा है। चिरायता को देश-विदेश में अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः-

Chirayलल्ल– चिरायता, चिरेता, चिरैता, नेपालीनीम, चिराइता

Sanskrit – किराततिक्त, कैरात, कटुतिक्त, किरातक, काण्डतिक्त, अनार्यतिक्त, रामसेनक

English – ब्राउन चिरेता (Brown chireta), व्हाइट चिरेता (White chireta), Chiretta (चिरेता)

Urdu – चियारायता (Chiarayata)

Oriya – चिरायता (Chirayata), चिरायिता (Chirayita)

Kannada – नेलबेवु (Nelbaevu), किरायत (Kirayat)

Gujarati – करियातु (Kariyatu), चिरायता (Chirayata)

Tamil – निलावेम्बु (Nilavembu), शिरातकूच्ची (Shirattakucchi)

Telugu – नलवेम (Nalavem), नीलवेरू (Nilveru), नीलवेम्बू (Nilavembu)

Bengali – चिराता (Chirata), चिरेता (Chireta), महातिता (Mahatita)

Nepali – चिराइता (Ciraaitaa), तिडा (Tidaa)

Punjabi – चिरेता (Chireta), चिरायता (Chirayata)

Marathi – काडेचिराईत (Kadechirait), चिराइता (Chirayita)

Malayalam – नीलावेप्पा (Nilaveppa), उत्तरकिरियट्ट (Uttarkiriyatta)

Arabic – कस्बुझ्झारिरा (Qasabuzzarirah), कसबूल् रायरह (Kasbul rairah)

Persian – नोनिहाद (Nonihaad), नेनिल आवंदी (Nenilawandi)

चिरायता के औषधीय गुण से फायदे 

 *आप *चिरायता के गुण से इन रोगों में लाभ पा सकते हैंः-* 

 *आंखों के रोग में चिरायता का प्रयोग* फायदेमंद* 

चिरायता के फल में पिप्पली पेस्ट और सौवीराञ्जन मिलाकर रख लें। एक सप्ताह के बाद मातुलुंग के रस में इसे पीस लें। इसे रोजाना काजल की तरह लगाने से आंखों की बीमारी (पिष्टक) में लाभ होता है।

चिरायता के इस्तेमाल से शुद्ध होता है स्तनों का दूध (Benefits of Chirayta in Cure Breast Milk)


चिरायता , कटुरोहिणी, सारिवा आदि का काढ़ा बना लें। इसे 15-30 मिली की मात्रा में सेवन करने से स्तनों का दूध शुद्ध होता है।

केवल चिरायता का काढ़ा 15-30 मिली पीने से भी स्तनों के दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, सोंठ तथा गुडूची के 15-30 मिली काढ़े का सेवन करने से भी माताओं के स्तन का दूध की गुणवत्ता बढ़ता है।

चिरायता के सेवन से खांसी का इलाज (Chirayta Uses in Fighting with Cougn)


चिरायता का पौधा (Chirata plant) खांसी के इलाज में भी काम आता है। चिरायते का काढ़ा 20-30 मिली की मात्रा में पिएं। इससे खांसी में लाभ होता है। इससे आंत के कीड़े खत्म होते हैं।

पेचिश रोग में चिरायता का उपयोग लाभदायक 

आप पेचिश रोग में भी चिरायता के फायदे ले सकते हैं। 2-4 ग्राम किराततिक्तादि चूर्ण (chirata patanjali) में दोगुना मधु मिला लें। इसका सेवन करने से पेचिश रोग ठीक  होता है।

 *भूख को बढ़ाने के लिए करें चिरायता का सेवन* 

चिरायता का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली मात्रा में पिलाने से भूख बढ़ती है। पाचन-शक्ति बढ़ती है।

 *अत्यधित त्यास लगने की परेशानी में करें चिरायता का सेवन* 

चिरायता, गुडूची, सुगन्धबाला, धनिया, पटोल आदि औषधियों का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन  करने से पिपासा/अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में लाभ होता है।

 *पेट के कीड़े को खत्म करने के लिए करें चिरायता का प्रयोग* 

चिरायता के गुण पेट के कीड़ों को भी खत्म करते हैं। सुबह भोजन के पहले (5-10 मिली) चिरायता के रस (chirata patanjali) में मधु मिश्रित कर सेवन करने से आंत के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

 *दस्त को रोकने के लिए करें चिरायता का उपयोग* 

दस्त को रोकने के लिए भी चिरायता (chirota leaf) फायदेमंद होता है। इसके लिए  बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, नागरमोथा, इन्द्रजौ तथा रसाञ्जन के चूर्ण (2-4 ग्राम) या पेस्ट में मधु मिला लें। इस चाटकर बाद में चावलों का धोवन पिएं। इससे पित्त विकार के कारण होने वाली दस्त पर रोक लगती है।

2-4 ग्राम बेल गिरी का चूर्ण खाकर ऊपर से चिरायते का काढ़ा (chirata patanjali) पीने से दस्त में लाभ होता है।

 *आमाशय से रक्तस्राव की बीमारी में चिरायता के* सेवन से लाभ 

 *चिरायता का पौधा*  रक्तस्राव को रोकने में भी काम आता है। 1-2 ग्राम चंदन के पेस्ट के साथ 5 मिली चिरायता का रस मिला लें। इसका सेवन करने से आमाशय से रक्तस्राव की समस्या ठीक होती है।

 *पेट की बीमारी में चिरायता का इस्तेमाल* फायदेमंद 

रोजाना सुबह खाली पेट, चिरायता हिम (10-30 मिली) अथवा काढ़ा का सेवन करने से पाचन-क्रिया ठीक होती है तथा शरीर स्वस्थ रहता है।

 *पेट के दर्द में चिरायता* का सेवन लाभदायक 

चिरायता के फायदे की बात की जाए तो यह पेट के दर्द से भी आराम दिलाता है। चिरायता तथा एरण्ड की जड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे 10-30 मिली मात्रा में पिलाने से पेट के दर्द से आराम मिलता है।

 *लिवर विकार में चिरायता का उपयोग फायदेमं* 

चिरायता का पौधा (Chirata plant) लें। इससे बने चूर्ण, पेस्ट, काढ़े का सेवन करने से लिवर की सूजन ठीक होती है।

 *पीलिया और एनीमिया रोग में चिरायता से लाभ* 

अडूसा, चिरायता (chirota leaf), कुटकी, त्रिफला, गिलोय तथा नीम की र्छाल का काढ़ा बना लें। 15-20 मिली काढ़ा में मधु डालकर पिलाने से कामला तथा पाण्डु (पीलिया या एनीमिया) रोग में लाभ होता है।

 *चिरायता के सेवन से खूनी बवासीर का इलाज* 

बराबर-बराबर मात्रा में दारुहल्दी, चिरायता (chirota leaf), नागरमोथा तथा धमासा के चूर्ण (2-4 ग्राम) का सेवन करने से खूनी बवासीर (रक्तार्श) में लाभ हाता है।

चिरायता, सोंठ, धन्वयास, कुंदन आदि द्रव्यों से बने काढ़े (10-30 मिली) का सेवन करें। इससे कफज विकार के कारण होने *वाली रक्तार्श  (खूनी* बवासीर) में लाभ  होता hai

 _विसर्प (चर्म रोग) रोग में चिरायता से फायदा_ 

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, लोध्र, चन्दन, दुरालभा, सोंठ, कमल, केशर, नीलकमल, बहेड़ा, मुलेठी तथा नागकेशर का चूर्ण बना लें। इसे 25 ग्राम की मात्रा में लें और 200 मिली जल में पका लें। जब काढ़ा एक चौथाई बच जाए तो इसे 5-10 मिली मात्रा में पीने से विसर्प रोग (त्वचा रोग) में लाभ होता है।

 *बुखार उतारने के लिए करें *चिरायता का प्रयो* 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

* बुखार से आराम दिलाने में भी चिरायता फायदेमंद होता है। चिरायता तथा धनिया के हरे पत्तों से काढ़ा बना लें। इसे (10-20 मिली) की मात्रा में पीने से बुखार में शीघ्र लाभ (chirata ke fayde) होता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, नागरमोथा, गुडूची तथा सोंठ के काढ़े का सेवन करें। इससे बुखार, अत्यधिक प्यास, भूख की कमी, बुखार एवं मुंह का स्वाद ठीक होता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, कुटकी, नागरमोथा, पित्तपापड़ा तथा गुडूची का काढ़ा बना लें। 10-30 मिली मात्रा में रोजाना सेवन करने से बार-बार आने वाला बुखार ठीक होता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, गुडूची, द्राक्षा, आँवला तथा कचूर के (10-30 मिली) काढ़े में गुड़ मिलाकर पिएं। इससे वात-पित्त विकार के कारण होने वाले बुखार में लाभ होता है।

750 ग्राम चिरायता चूर्ण (chirata patanjali) तथा 50 ग्राम साबुत पिप्पली को चार गुने जल में तब तक उबालें, जब तक कि पूरा जल सूख न जाए। इस बची हुई पिप्पली को छाया में सुखा लें। इसे चूर्ण बनाकर 1-2 ग्राम मात्रा में लेकर मधु के साथ मात्रापूर्वक सेवन करने से बुखार में लाभ होता है।

2-4 ग्राम चिरायता चूर्ण में मधु मिलाकर खाने से सभी प्रकार का बुखार का ठीक होता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता (chirota leaf), नीम, गुडूची, त्रिफला तथा आमाहल्दी के (20-30 मिली) काढ़े का सेवन करें। इससे पित्तज बुखार, आंतों के कीड़े, दाह, तथा त्वचा की बीमारियों  में लाभ होता है।

चिरायता, नीमगिलोय, देवदारु, हरड़, पीपर, हल्दी, दारुहल्दी, हरड़, बहेड़ा, आँवला, करंज की बीज मज्जा, सोंठ, काली मिर्च, पीपर, प्रियंगु, रास्ना, अर्कमूलत्वक्, वायविडंग, कुटकी तथा दशमूल का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से पित्त, कफ विकार के कारण होने वाले बुखार में लाभ होता है।

चिरायता, सैंधव, सोंठ, कूठ, चन्दन तथा नेत्रबाला को पीस लें। इसे सिर पर लेप करने से बुखार ठीक हो जाता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता, कुटकी, नागरमोथा, धनिया, इन्द्रयव, शुण्ठी, देवदारु तथा गजपीपल के (10-30 मिली) काढ़े का सेवन करें। इससे पसलियों के दर्द, सन्निपातबुखार, खांसी, साँस फूलना, उलटी, हिचकी, तन्द्रा तथा हृदय विकार आदि में लाभ होता है।

 *सूजन को कम करने के लिए करें चिरायता से लाभ* 

चिरायता तथा सोंठ को समान मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा में लेकर पुनर्नवा के काढ़े के साथ मिलाकर पिएं। इससे सूजन में लाभ होता है।

बराबर-बराबर मात्रा में चिरायता (chiraita) तथा सोंठ चूर्ण को गुनगुने जल के साथ 2-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे त्रिदोष के कारण होने वाली सूजन की बीमारी में लाभ होता है। इससे पुरानी सूजन भी ठीक हो जाती है।

सोंठ तथा चिरायता को बिम्बी के रस में मिला लें। इसका लेप करने से सूजन की समस्या ठीक हो जाती है।

रक्तपित्त (नाक-कान आदि से खून बहना) में *चिरायता से फायदा* 

रक्तपित्त मतलब नाक-कान आदि से खून बहने की परेशानी में 2-4 ग्राम किराततिक्तादि चूर्ण का सेवन करें। इससे लाभ होता है। इस दौरान चिरायता के शाक का प्रयोग करना चाहिए।

कुबड़ापन की परेशानी में चिरायता से लाभ (Benefits of Chirayta in Hump in Hindi)

चिरायता (chiraita) को पीसकर उसमें मधु मिला लें। इसे गर्मकर लेप करने से कुबड़ापन में लाभ होता है।

चिरायता के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Chirayta)

 *चिरायता की जड़* 

पञ्चाङ्ग

विशेष – Swertia chirayita (Roxb. ex Fleming) Karst. के अतिरिक्त चिरायते की कई और प्रजातियाँ भी पाई जाती है जो इससे कम गुण वाली होती है। बाजारों में उपलब्ध चिरायता के पञ्चाङ्ग में कालमेघ के पञ्चाङ्ग की मिलावट की जाती है।

चिरायता के प्रयोग की मात्रा (How Much to Consume Chirayta?)

चूर्ण – 1-3 ग्राम

काढ़ा – 20-30 मिली

चिरायता से अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार प्रयोग करें।

चिरायता कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Chirayta Found or Grown?)

चिरायता का पौधा (chiraita plant) भारत में यह हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा असम तक पाया जाता है। यह 1200 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर एवं मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत आदि के पर्वतीय प्रदेशों में 1200-1500 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है।

अब आप चिरायते के फायदों (Chirata ke fayde) से भलीभांति परिचित हो चुके हैं। अगर औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही करें।

*_आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे अनंत शिखर सद्गुरु औषधालय साकेत पुरी कॉलोनी देवकाली बाईपास अयोध्या मिलने का समय प्रातः 8:00 से1 2:00 तक शाम 5:00 से_ 8:00 बृहस्पतिवार 10:00 से 2:009455831300,9670108000*pin.c.224123*

आमिर खान की बेटी आयरा ने नूपुर शिखरे के साथ की सगाई


मुंबई. आमिर खान की बेटी आयरा खान और उनके बॉयफ्रेंड नुपुर शिखरे ने एक दिन पहले शुक्रवार को सगाई कर ली. सगाई काफी धूमधाम और बहुत ही निजी तरीके से हुई. आयरा और नुपुर की सगाई में सिर्फ परिवार के लोग और करीबी दोस्त शामिल हुए. आयरा ने सगाई के लिए लाल रंग के गाउन को चुना को जबकि नुपुर ब्लैक पैंट-सूट में हैंडसम दिखे. वहीं, आयरा के पिता आमिर खान बिल्कुल सिंपल सफेद कुर्ते में दिखाई दिए. आमिर और उनके चचेरे भाई मंसूर खान का इंगजमेंट पार्टी से एक वीडियो भी सामने आया है.

जमानत अर्जी खारिज, सराफ बंधु गये जेल


मुजफ्फरनगर। रुपये के लेन-देन को लेकर किए गए कथित उत्पीड़न पर युवक द्वारा रेल के सामने कूदकर आत्महत्या करने के मामले में आरोपी सराफा कारोबारी अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल की अंतरिम जमानत अर्जी जिला जज चवन प्रकाश ने खारिज कर दी। इसके बाद दोनों भाइयों को जेल भेज दिया गया। अब नियमित जमानत पर सुनवाई की तिथि 22 नवंबर की तिथि तय की गई है।

सूत्रों के अनुसार शहर के भगत सिंह रोड पर अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल का शोरूम है। जुलाई 2019 में थाना नई मंडी में रामलीला टील्ला निवासी राजेश ने रेलवे लाइन पर ट्रेन के सामने कूदकर जीवन लीला समाप्त कर ली थी। मृतक के भाई चमन सिंह ने रुपये के लेन-देन के विवाद में दोनों सराफा कारोबारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा थाना नई मंडी में कायम कराया था। मामले में थाना पुलिस ने पहले अंतिम रिपोर्ट (एफआर ) लगा दी। मगर, मामले में पुन: अग्रिम विवेचना हुई तो पुलिस ने दोनों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

इसके बाद आरोपी हाईकोर्ट पहुंचें, लेकिन उनकी जमानत नहीं हो सकी। आरोपियों ने अधिवक्ता के माध्यम से अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अंतरिम जमानत पाने के लिए समर्पण किया। निचली अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र खारिज होने के बाद जिला जज की अदालत में अर्जी लगाई गई। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया जिला सत्र न्यायाधीश चवन प्रकाश ने मामले में तत्काल सुनने से इन्कार कर दिया। अगली तिथि 22 नवबंर नियत कर दी। इसके बाद पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

अभियोजन के अनुसार शहर के कोतवाली क्षेत्र के रामलीला टिल्ला निवासी राजेश कुमार ने 10 जुलाई 2019 को सुबह रेल के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली थी। शव के पास बरामद सुसाइड नोट में मृतक ने शहर के अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल पर आरोप लगाए थे। वादी चमन सिंह ने बताया था कि उसके भाई राजेश (मृतक) ने जनवरी वर्ष 2019 में सदर बाजार में आरोपियों से एक दुकान के किराए (पगड़ी) के लिए सौदा किया था। तय रकम 6.55 लाख रुपये दो किस्तों में चुकाने के बाद भी उसे दुकान पर कब्जा नहीं दिया और ना ही रकम लौटाई। आरोपियों के उत्पीड़न से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली थी।

पूर्व चेयरमैन के गैरजमानती वारंट जारी


शामली। जिले की नगर पालिका परिषद शामली में चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल का कैराना कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है। 

अरविंद संगल वर्ष 2012 में शामली नगर पालिका परिषद चेयरमैन पद के लिए निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उनका कार्यकाल पांच साल का रहा था। उस समय उप्र में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। वर्ष 2016 अप्रैल माह में तत्कालीन चेयरमैन अरविंद संगल का तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण के साथ अभद्रता करने एवं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के साथ-साथ उत्पीड़न को लेकर विवाद हो गया था।

उस दौरान विगत 20 अप्रैल 2016 को तत्कालीन ईओ अमिता वरुण ने शामली कोतवाली में एससी-एसटी सहित कई संगीन धाराओं में अरविंद संगल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यह मामला एससी/एसटी कोर्ट कैराना में विचाराधीन था। उधर, अरविंद संगल ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी न हो, इसके लिए स्टे लिया हुआ था। स्टे की अवधि खत्म होने के बाद कैराना कोर्ट से अब गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने शामली कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को अरविंद संगल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

तिहाड में केजरीवाल के मंत्री सतेंद्र जैन के ठाठ, वीडियो वायरल


 


नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन का  सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है। इसमें सत्येंद्र जैन कोठरी के अंदर मसाज करवाते नजर आ रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि सत्येंद्र जैन बिस्तर पर लेटकर कुछ पढ़ रहे हैं, जबकि एक शख्स उनके पैरों की मालिश करता हुआ दिखाई दे रहा है। फुटेज से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन जेल में ऐश की जिंदगी जी रहे हैं। वायरल फुटेज पर अब तक तिहाड़ जेल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वीडियो को लेकर कोर्ट में पहुंच गई है। यह फुटेज सामने आने के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आना तय है। शनिवार को सामने आए सीसीटीवी फुटेज में सत्येंद्र जैन जेल में अपनी बैरक में ही मसाज का लुत्फ उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के आने से सियासी हल्को में हलचल मच गई है,

हिंदू नेता की हत्या से सनसनी

 


बदायूं। शनिवार सुबह एक हिंदू नेता की हत्या से सनसनी फैल गई। अज्ञात अपराधियों ने मूसाझाग थाना इलाके में विश्व हिंदू सेवा दल के जिलाध्यक्ष प्रदीप कश्यप की गोली मारकर हत्या कर दी। वह थाना इलाके के गांव गिधौल के रहने वाले थे।

शनिवार सुबह करीब 7:30 बजे प्रदीप अपनी कार से घर लौट रहे थे। इसी दौरान गांव के नजदीक रास्ते में कार रुकवा कर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसकी सूचना पर पुलिस, परिवार और गांव के तमाम लोग पहुंच गए।

परिवार वालों ने गांव के लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रदीप से कोटे को लेकर विवाद हुआ था। आरोपी ने उन्हें 24 घंटे में गोली मारने की धमकी दी थी। इस संबंध में उन्होंने थाना पुलिस से लेकर अधिकारियों को भी शिकायत की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई और सुबह उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

गीता जी के चतुर्थ अध्याय ज्ञान कर्म सन्यास योग पाठ हुआ


मुजफ्फरनगर। महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज श्री कृष्ण कृपा धाम वृन्दा वन द्वारा संचालित जीओ  गीता परिवार  मुज़फ्फर नगर  के द्वारा आज गीता जयन्ती 5159 वर्ष उपलक्ष्य मे  18 परिवार 18 अध्याय  का पाठ 18 दिन 18 शोभा यात्रा  की कड़ी मे चतुर्थ कुटुंब श्री श्याम लाल बंसल  योगेंद्र पूरी मुज़फ्फर नगर  के निवास स्थान पर हुआ जिसमे  सर्व प्रथम भव्य  गीता जी  की भव्य शोभा यात्रा  पश्चात् गणेश वंदना, ओम नमो भगवते वाशु देवाय  का जाप, चतुर्थ  अध्याय ज्ञानकर्म  सन्यास योग  का पाठ, एक झोली मे फूल खिले है एक झोली मे कांटे, सदा सर पर तेरा हाथ रहे  आयेंगे मेरे भगवान,  मख्खन मिश्री का नास्ता कराउ मोहन , मेरे बाँके बिहारी लाल तू इतना ना कर श्रृंगार मुझे एक तेरा सहारा है हरि तो मुझे प्राणो से प्यारा है ,  श्री कृष्ण प्यारे मेरे  मन के राजा, मेरे सतगुरु तेरी नोकरी, कैसे आऊं  रे कन्हैया तेरी गोकुल नगरि,गीता पढ़ो और गीता पड़ाओ हे,हर साँस में हो सुमिरन तेरा अनेक भाव आदि सुनकर श्र दालु भाव विभोर हो गए कार्य क्रम को सफल बनाने श्री अमर कांत गुप्ता, अजय कुमार गर्ग, अतुल कुमार गर्ग , सुभाष गोयल, विजय कुमार शर्मा,सुरेंद् गुप्ता  सुरेंद्र सिंघल,कुलदीप गोयल,, होती लाल शर्मा, महेंद्र गोयल, त्रिलोक चंद गुप्ता, लोकेश चंद्र, विनोद सिंघल, वेद प्रकाश सिंघल,अजय गर्ग स्वीटी गुप्ता, सुनीता अरोरा, करुणा गर्ग रंजु झा, आदि सदस्यों का सहयोग रहा।

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