गुरुवार, 11 मार्च 2021

चोरी की तीन कारों समेत दो शातिर पकड़े

 


मुजफ्फरनगर । कोतवाली नगर पुलिस द्वारा सुजडू बहलना चौराहे के पास से 2 शातिर अंतरराज्यीय वाहन चोर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया I अभियुक्तों के कब्जे से 03 चोरी की कार, 02 फर्जी नम्बर प्लेट,अवैध शस्त्र मय कारतूस बरामद किये गए है। 
गुरुवार को शहर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि तीन वाहन चोरी एक ब्रेजा कार से मेरठ की तरफ से आ रहे है। पुलिस ने वहलना चौकी के समीप चैकिंग करते हुए कार को रुकवा लिया। शहर कोतवाल योगेश शर्मा ने बताया कि कार से सरफराज निवासी जामियानगर गेट व ताहिर निवासी मातावाली गली खालापार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक तमंचा बरामद हुआ है। मौके से उनका साथी राजा सैय्यद उर्फ इस्तयाक निवासी संधावली थाना मन्सूरपुर फरार हो गया। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि एक चोरी की कार फरार साथी के घर खडी है। पुलिस ने मौके पर आकर चोरी की सैंट्रो कार को बरामद कर लिया। वहीं दूसरी चोरी की कार शामली बस स्टैंड के पास स्थित हाजी सईद मार्किट से बरामद की है। पुलिस ने उनके पास से दो फर्जी नम्बर प्लेट भी बरामद की है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि तीनों कार दिल्ली के ऋषिनगर से चोरी की थी। चोरी के वाहनों को शामली में बेचने की प्लानिंग की थी। पुलिस ने तीनों के खिलाफ लिखापढी कर चालान कर दिया है। फरार आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है।

गिरफ्तार अभियुक्त सरफराज पुत्र जरीफ अन्सारी निवासी जामियानगर गेट व ताहिर पुत्र इदरीश अन्सारी निवासी म0न0 28 माता वालीगली खालापार हैं। उनके कब्जे से 1 कार ब्रिजा (फर्जी नं प्लेट), 1 कार सेन्ट्रो (बिना नं0 प्लेट), 1कार होण्डा सिटी (बिना नं प्लेट), 1 तमंचा मय 2 जिन्दा कारतूस 315 बोर, 2 फर्जी नम्बर प्लेट बरामद की गई। अभियुक्त सरफराज उपरोक्त पर थाना कोतवाली नगर का वाहन चोरी का अभियोग व थाना मंसूरपुर के 02 अभियोग हैं।

पंचायत चुनाव और होली को लेकर सरकार का सख्त फरमान


लखनऊ । होली और चुनाव जहां सरकार का खजाना भरने जा रहे हैं वहीं सरकार इस मौके पर अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए विशेष उपाय कर रही है। 

आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि आगामी होली के त्योहार और पंचायत चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब बनाने और बेचने वालों पर पैनी नजर रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि राज्य में ऐसे अराजक तत्वों की धरपकड़ तेज की जाए। 

आबकारी मंत्री ने यह निर्देश गन्ना संस्थान में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों हुई घटनाओं से विभाग तथा सरकार की छवि धूमिल हो रही है, ऐसे लोगों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।अग्निहोत्री ने कहा कि अवैध शराब  के व्यापार पर अभी पूरी तरह  अंकुश नहीं लगा है, विशेष रूप से हरियाणा व दिल्ली के बार्डर से लगे जिलों  के अधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अवैध मदिरा के व्यापार के विरूद्ध प्रभावी अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आसवनियों के कार्य-कलापों पर कड़े नियंत्रण की भी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि एथनाल की आपूर्ति के लिए शीरे का अधिक से अधिक उपयोग एथनाल के लिए किया जा रहा है। ऐसी दशा में शीरे पर विशेष निगाह रखने की आवश्यकता है ताकि इसका डाइवर्जन अवैध मदिरा के निर्माण हेतु न हो सके। उन्होंने कहा कि जनपदों से ओवररेटिंग की शिकायत लगातार आ रही है, ऐसे अधिकारी जो ऐसे कार्यों में लिप्त हों उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

आबकारी मंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति शत-प्रतिशत सुनिश्चित की जाये, आसवनियों से अल्कोहल व मदिरा की निकासी पर पूर्ण सतर्कता बरतें, मदिरा की दुकानों की नियमित चेकिंग करें, इस कार्य में शिथिलता न बरतें। समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आबकारी  संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा कि अब प्रदेश में आबकारी विभाग के कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम लगाया जायेगा। जिससे कार्यों के क्रियान्वयन में गतिशीलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों  में ओवररेटिंग की शिकायतें आ रही हैं। जहां पर शराब की दुकानों से एमआरपी से अधिक दाम पर मदिरा की बिक्री की जा रही है। ऐसी स्थिति में सम्बंधित अधिकारी जो ऐसे कार्यों में लिप्त हैं उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।

डॉ संजीव बालियान भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल


मुजफ्फरनगर । केंद्रीय पशुधन एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री एवं मुजफ्फरनगर के  सांसद डॉक्टर संजीव बालियान को बीजेपी उत्तर प्रदेश का स्थायी विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल और विजय कश्यप भी सदस्य बनाये गये हैं। 


मुजफ्फरनगर के सुधीर सैनी और डॉक्टर सुभाष चंद शर्मा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने हैं । 

दादा के अंतिम संस्कार में गये पोते की डूबकर मौत


 मुज़फ्फरनगर। शुक्रताल में अंतिम संस्कार में गये व्यक्ति की गंगा में डूबकर मौत हो गई। 

छपार थाना क्षेत्र गाँव बसेड़ा निवासी 36 वर्षीय धर्मवीर दादा के अंतिम सँस्कार के बाद गंगा में स्नान करने गया था। वहां पैर फिसलने से वह पानी में बह गया। बाद में बड़ी मुश्किल से उसे निकाला गया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

मुठभेड़ में सिपाही घायल, शराब तस्कर गिरफ्तार


मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना इलाके में पुलिस और शराब तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई। 

मुठभेड़ में मोनू पैर में गोली लगने से घायल होने के बाद गिरफ्तार किया गया है। 

मुठभेड़ में सिपाही मनोज चौधरी भी गोली लगने से घायल हो गए। आरोपियों से 1 कार, 1 तमंचा, 2 कारतूस व शराब बरामद किए गए। बुढ़ाना क्षेत्र के बसी खुर्द के जंगलों में मुठभेड़ हुई।

स्काउट गाइड प्रशिक्षण शिविर संपन्न

 


मुजफ्फरनगर । उत्तर प्रदेश भारत स्काउट और गाइड लखनऊ की ओर से आयोजित बेसिक स्काउट मास्टर एवं बेसिक गाइड कैप्टन कोर्स आर्य समाज मुजफ्फरनगर में दिनांक 8 मार्च 2021 से चल रहा है आज कैंप में चौथे दिन प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है शिविर के एलओसी श्री संतोष कुमार वर्मा लीडर ट्रेनर स्काउट तथा श्रीमती रेहाना सुल्तान लीडर ट्रेनर गाइड के नेतृत्व में शिविर मैं आज डिसीप्लिन एंड गुड ऑर्डर इन द ट्रुथ यूनिफॉर्म इट्स केयर एंड हाउ टू वियर तथा प्रोग्राम प्लानिंग व हैंडीक्राफ्ट प्रार्थना व झंडा गीत वह बीपी सिक्स का एस टी ए भी संपन्न हुआ शिविर में श्री राजपाल सिंह पुंडीर श्री हिदायतुल्ला खान आनंद माल यान डॉक्टर चंद्र मोहन शर्मा अमरपाल डीटीसी गुंजन रानी कुमारी ज्योति प्रभा दहिया डी ओ सी भारत भूषण अरोड़ा डी ओ सी आदि का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। शिविर का निरीक्षण जिला मुख्य आयुक्त श्रीमती कंचन प्रभा शुक्ला व श्रीमती रेनू गर्ग जिला सचिव ने किया। शिविर में 40 स्काउटर्स तथा 30 गाइडर्स प्रतिभाग कर रही हैं।

ऋषिबोधोत्सव पर यज्ञ और भजन का आयोजन

मुजफ्फरनगर। आर्य समाज के संस्थापक, स्वदेशी राज के उदघोषक, महान समाज सुधारक ऋषि दयानन्द सरस्वती के बोधोत्सव पर यज्ञ और भजनों के द्वारा देश को राष्ट्रविरोधी ताकतों से बचाने का संकल्प लिया गया।

संतोष विहार में वैदिक संस्कार चेतना केंद्र पर यज्ञ में आहुतियां देकर महर्षि दयानंद की प्रेरक स्मृति को नमन किया गया। आचार्य गुरुदत्त आर्य ने कहा कि महाभारत काल के बाद ऋषि दयानंद जैसा वेदों का ज्ञाता, देशभक्त, समाज सुधारक, ब्रह्मचारी राष्ट्र में पैदा नहीं हुआ है। ढोंग, पाखंड, अंधविश्वास में आकंठ डूबे समाज में उन्होंने वेदों की ज्योत्ति जलाई। विधवा बेटियों के पुनर्विवाह, स्त्री शिक्षा और छुआ-छूत के खिलाफ देश में व्यापक अभियान चलाया। जीवन निर्माण के लिए बेटे-बेटियां सत्यार्थ  प्रकाश पढ़े, वेदों का स्वाध्याय करें। पाखंड और अंधविश्वास के चंगुल से बचिए, तभी ऋषि के सपनो का भारत बनेगा।

आर्य सँस्कृति प्रचार संघ के अध्यक्ष आनंद पाल सिंह आर्य, डॉ. सतीश चौधरी, मंगत सिंह आर्य, आर.पी.शर्मा, जनेश्वर प्रसाद आर्य, मास्टर राजेन्द्र प्रसाद ने ऋषि की महिमा बताई। सोना देवी, रेनु शर्मा, पिंकी, अनन्या दत्त, अथर्व भारद्वाज, लक्ष्य देव आदि मौजूद रहे।

गांधी कालोनी स्थित आर्य समाज मंदिर में ऋषिबोधोत्सव पर यज्ञ में कामिनी एवं संदीप सिंघल और रेणु चौधरी एवं डॉ. संदीप सिंह यज्ञमान रहे। भजनोपदेशक घनश्याम प्रेमी ने कहा कि महर्षि दयानंद ने धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज बुलंद कर हिंदुओ समाज की रक्षा की थी। उन्होंने भजनों के द्वारा प्रेरक संदेश दिया। इस मौके पर गजेंद्र सिंह राणा, मनीष अग्रवाल, जय सिंह धीमान, पूर्व डीसीओ विजय पाल, ब्रजपाल सिंह तोमर, ब्रजवीर एडवोकेट, देवेंद्र सिंह राणा, राकेश ढींगड़ा, प्रधानाचार्य अविनाश त्यागी, संगीता राठी, नीलम ढींगड़ा, ओमवती आदि ने यज्ञ में भाग लिया।

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तीरथ सिंह रावत को अशोक बाठला ने दी शुभकामनाएं

 देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बधाई देने वालों का तांता लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी के वसंत विहार स्थित आवास पर जाकर उनसे शिष्टाचार भेंट की। मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ व्यापारी नेता अशोक बाठला ने रावत के मुख्यमंत्री बनने पर हर्ष जताया है। 


मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद तीरथ सिंह रावत को बधाईयों का तांता लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी ने उन्हें शुभकामनाएं दी। दूसरी ओर मुजफ्फरनगर में वरिष्ठ व्यापारी तथा भाजपा नेता अशोक बाठला ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व मं उत्तराखंड मेें प्रगति की राह और तेजी से आगे बढेगी। वे कई बार मुजफ्फरनगर में और अशोक बाठला के निवास पर भी आ चुके हैं। अब उनके मंत्रिमंडल के विस्तार की प्रतीक्षा है। रावत की सबसे पहले चुनौती मंत्रिमंडल विस्तार करना होगा।मंत्रिमंडल में सीएम समेत कुल मिलाकर 12 लोग शामिल होंगे। अभी लंबे समय से मंत्रियों के तीन पद खाली चल रहे थे। इन तीन पदों को लेकर लंबे समय तक जोरआजमाइश चलती रही। हालांकि, अब नये सिरे से मंत्रियों के सभी पद भरे जाते हैं, तो तीन नए मंत्री बनेंगे, बाकी एक सीएम के अलावा आठ पुराने मंत्रियों में कुछ ड्रॉप भी हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में जगह बनाए रखने के लिए सभी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इसके लिए दिल्ली के संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है।

पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का बड़ा फैसला नहीं होंगे जमा लाइसेंस हथियार

 मेरठ l यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने भी शांतिपूर्ण चुनाव के लिए व्यवस्था बनानी शुरू कर दी है। ताजा फरमान मतदान के दौरान लाइसेंसी


हथियारों को जमा कराने का आया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस बार सभी लोगों के हथियार जमा नहीं होंगे। इस बार केवल चिन्हित लोगों के ही हथियार जमा होंगे। यह बदलाव हाईकोर्ट के आदेश से आया है। चिन्हित लोगों की श्रेणी निर्धारित की गई हैं। जिला स्क्रीनिंग कमेटी ऐसे लोगों के नाम फाइनल करेगी। इसके बाद उनके हथियार जमा कराये जाएंगे।

शांतिपूर्ण चुनाव के लिए लाइसेंसी हथियारों को थानों में अथवा हथियार विक्रेताओं के पास जमा कराया जाता है। अभी तक लगभग सभी के हथियार जमा कराये जाते थे लेकिन इस बार व्यवस्था बदली हुई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधिकारी) और सभी एसएसपी को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। इसमें बताया गया है कि मौ. आरिफ खां बनाम जिला मजिस्ट्रेट तथा उमाकांत यादव बनाम उ.प्र. राज्य एवं अन्य मामलों में हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश का पालन किया जाना है।


15 मार्च तक स्क्रीनिंग कमेटी तय करेगी नाम

आयोग का आदेश है कि जिलाधिकारी और एसएसपी की स्क्रीनिंग कमेटी बैठक करके शस्त्र लाइसेंस धारकों की समीक्षा करेगी। कमेटी आदेश में उल्लेखित श्रेणियों के तहत लाइसेंस धारकों के नाम 15 मार्च तक तय करेगी। इन चिन्हित लोगों को कमेटी हथियार जमा कराने का नोटिस जारी करेगी। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही लाइसेंसी हथियार जमा कराने का काम शुरू होगा जिसे नामांकन पत्र वापस लेने की तिथि से पहले पूर्ण कर लिया जाएगा। नोटिस जारी होने के पांच दिन के भीतर लाइसेंसधारक को हथियार जमा कराना होगा। हथियार जमा न कराने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। जमा हथियारों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था प्रशासन कराएगा तथा परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह के बाद वापस कराएगा।

इनके जमा होंगे हथियार

जो व्यक्ति जमानत पर रिहा हुए हों।

जिनका आपराधिक इतिहास हो।

जो पहले कभी चुनाव के दौरान दंगे में संलिप्त रहे हों।

धारा 116,117, 107, 108, 109, 110 में मुचलका पाबंद व्यक्ति।

वे व्यक्ति जिनसे कानून व्यवस्था तथा निष्पक्ष निर्वाचन में बाधा की आशंका स्क्रीनिंग कमेटी को हो। 

हाथी की सवारी छोड़ साथियों सहित नल चलाएंगे कमल गौतम

 



मुजफ्फरनगर l बहुजन समाज पार्टी के कमल गौतम , जो बीएसपी के तीन बार मुजफ्फरनगर जिले के अध्यक्ष रहे मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, मंडल के कोऑर्डिनेटर एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश सुरक्षित विधान सभा सीटो के प्रभारी रहे उन्होंने अपने साथियों के साथ बीएसपी को छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल की सदस्यता चौधरी अजीत सिंह के आवास पर पहुंचकर ,राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से मिलकर राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की l उनके साथ रालोद में शामिल होने वाले उनके साथी नितिन गौतम , अंकुर प्रजापति जी, शंकर पासी , देशपाल पंचाल , आदि रहे इस अवसर पर मुजफ्फरनगर राष्ट्रीय लोक दल के जिला अध्यक्ष अजीत राठी , चौधरी अभिषेक गुर्जर प्रवक्ता पश्चिम उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय लोक दल, मास्टर उदयवीर सिंह सदर मुजफ्फरनगर ब्लॉक अध्यक्ष उपस्थित रहे

जिलाधिकारी ने किया खाद्य विभाग की मोबाइल वैन का जन जागरूकता फैलाने के लिए शुभारंभ

 




 मुजफ्फरनगर  महावीर चौक पर खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन लखनऊ द्वारा एक मोबाइल वैन मुजफ्फरनगर प्रसासन को उपलब्ध कराई गई है इस मोबाइल वैन का उद्घाटन व शुभारंभ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने हरी झंडी दिखाकर महावीर चौक से किया मोबाइल वैन नगरी क्षेत्र में देहात क्षेत्रों में भ्रमण करेगी जिसमें व्यापारियों द्वारा किसी भी खाद्य पदार्थ की जांच निशुल्क कराई जा सकती है जिसका परिणाम उन व्यापारियों व दुकानदारों को आम जनमानस को तुरंत ही बताया जाएगा इस मोबाइल वैन का शुभारंभ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया यह मोबाइल वैन नगर में घूम कर खाद्य पदार्थों की जांच करेगी अभी तक खाद्य विभाग द्वारा व्यापारियों दुकानदारों के सेंपलिंग भरकर बाहर लखनऊ आगरा लेब में भेजती थी जिसका परिणाम महीनों तक व्यापारियों को प्रशासन को करना पड़ता था अब इसको और सुदृढ बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेश सरकार को 6 मोबाइल वैन दी गई है यह मोबाइल वैन हर जनपद में जाकर व्यापारियों द्वारा इस वैन पर सेम्पलिंग करा सकते है और इस मोबाईल वैन में उपस्थित अधिकारी तुरंत ही उसका परिणाम देंगे इस मोबाइल वैन से जनमानस को जागरूक किया जाएगा जिससे वे नकली खाद पदार्थों को खाने से बच सकें इस अवसर पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ,सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह अभिहित अधिकारी चमनलाल सिंह सहित उनकी खाद्य विभाग की पूरी प्रशासनिक अधिकारियों की टीम सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेता श्री मोहन तायल व्यापारी मुकेश बिंदल सहित कई भाजपा नेता व जनपद के वरिष्ठ व्यापारी भी मौजूद रहे जनपद में 11 मार्च से 17 मार्च तक मुजफ्फरनगर खाद्य कार्यालय को आयुक्त खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन लखनऊ द्वारा मोबाइल बैंक उपलब्ध कराई है जिसका उद्देश्य आम जनमानस और खाद्य व्यापारियों में जागरूकता फैलाना है इसके माध्यम से विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे खोया दूध पनीर मसाले आदि की जांच की जाएगी कोई भी आम जनमानस इसमें किसी भी खाद्य पदार्थ की जांच करा सकता है और कोई भी खाद्य व्यापारी अपने सामान की जांच करा सकता है जिसका परिणाम भी उनको तुरंत ही बताया जाएगा l

संगठन मंत्री सुनील बंसल के कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल सहित भाजपा नेताओं ने लिया जायजा

 मुजफ्फरनगर l भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल के आगमन को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही है l


जिसके चलते स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल और जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला के साथ नई मंडी मंडल के मंडल अध्यक्ष राजेश पाराशर सभासद विपुल भटनागर सहित भाजपा कार्यकर्ताओं ने एमजी पब्लिक स्कूल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया l




पुरकाजी थाना क्षेत्र में गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली ने मारी टक्कर, एक की मौत, चार घायल

 पुरकाजी l कार में गन्ने की टैक्टर ट्राली ने टक्कर मार दी l जिसमें एक युवक की मौत हो गई और चार घायल बताए जा रहे है।


महाशिव रात्रि के पर्व पर फरीदाबाद निवासी चार दोस्त गंगा स्नान को कार से बीती रात्रि हरिद्वार जा रहे थे l जैसे ही कार धमात पुल से आगे पहुची तो अज्ञात टैक्टर ट्राली ने कार में टक्कर मार दी,जिसमे सुदर्शन पुत्र फुलकुमार निवासी ठाकुरद्वारा फरीदाबाद की मौत गई।

महाशिवरात्रि पर ताजमहल में पूजा करने पहुंचे हिंदू महासभा के 3 कार्यकर्ता गिरफ्तार

आगरा l देशभर में आज महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी बीच आगरा में महाशिवरात्रि के अवसर पर ताजमहल में शिव पूजा करने पहुंचीं हिंदूवादी संगठन की महिला पदाधिकारी और दो कार्यकर्ताओं को सीआईएसएफ ने पकड़ लिया। इसके बाद तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।



हिंदूवादी संगठन ने महाशिवरात्रि पर गुरुवार की सुबह ताजमहल को तेजो महालय मानते हुए आराधना की। सेंट्रल टैंक के पास डायना बेंच पर हिंदू महासभा की प्रांतीय अध्यक्ष मीना दिवाकर विधि-विधान से आरती करने लगीं। इसी दौरान सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।  

मीना दिवाकर के साथ दो और कार्यकर्ता पकड़े गए हैं। सीआईएसएफ ने तीनों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस उनको हिरासत में लेकर ताजगंज थाने आई। इस सूचना पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट और जिला अध्यक्ष रौनक ठाकुर समेत कार्यकर्ता ताजगंज थाने पहुंच गए। बता दें कि ताजमहल में तीन दिवसीय शाहजहां का उर्स चल रहा है। नियमानुसार ताजमहल में परंपरागत जुमा की नमाज और शाहजहां के उर्स के सिवाय किसी अन्य धार्मिक गतिविधि पर प्रतिबंध है। बता दें कि बीते दिनों ताजमहल परिसर में एक संगठन ने हनुमान चालीसा का पाठ किया था।

कोरोना की लहर ने फिर पकड़ी रफ्तार, मिले 22854 नए मामले



नई दिल्ली l भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक गुरुवार को देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के 22854 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 11285561 पहुंच गया है। बता दें कि इस साल यह तीसरा मौका है जब देश में कोरोना के 20000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले जनवरी 2021 के पहले सप्ताह में दो दिन देशभर में 20 हजार से अधिक नए मामले सामने आए थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सक्रिय मामलों की संख्या में 4628 की बढ़ोतरी हुई है, फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 189226 के एक्टिव केस हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण से 126 लोगों की मौत होने के बाद यह आंकड़ा 158189 पहुंच गया है। देशभर में अभी तक 10938146 लोगों को छुट्टी मिल चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि कोरोना के ताजा मामले छह राज्य महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु से आए हैं, जहां कुल केसों के 83.76 फीसदी मामले सामने आए हैं। 

भगवान केदारनाथ के 17 मई से होंगे दर्शन

 रुद्रप्रयाग


विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को सुबह 5 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्य, वेदपाठी और हक-हकूकधारियों की मौजूदगी में महाशिवरात्रि पर्व पर यह शुभ मुहूर्त निकाला गया। परम्परा के अनुसार महाशिवरात्रि के मौके पर हर साल पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन निकाला जाता है। इसी परम्परा के चलते गुरुवार सुबह मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पंचाग पूजा की गई। कपाट खाेलने के लिए ऊखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा 13 मई को होगी। बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 14 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। जबकि 15 मई को को गौरीकुंड और 16 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 17 मई को सुबह पांच बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।वहीं मंदिर में हवन यज्ञ, भजन कीर्तन और स्कूली बच्चों द्वारा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बाद में भंडारे का आयोजन किया गया।



वहीं, उत्तराखंड के चारों धामो में से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख तय हो चुकी है। चमोली जिले स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। धाम के कपाट विधि-विधान के साथ प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खोले जाएंगे। बता दें कि बसंत पंचमी के अवसर पर नरेन्द्रनगर राजदरवार में आयोजित समारोह में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। जबकि, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट हर वर्ष अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं। गौरतलब है कि चारधाम यात्रा पर विगत साल कोरोना का बड़ा असर पड़ा। सभी धामों में पहुंचने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 4.48 लाख रही। जबकि यही संख्या पिछली बार रिकॉर्ड 34.10 लाख रही। यही स्थिति धामों की कमाई की भी रही। सालाना 55 करोड़ की कमाई इस बार आठ करोड़ पर सिमट गई है।

धामों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की कम संख्या की स्थिति ये रही कि यमुनोत्री धाम में तो आंकड़ा दस हजार के पास भी नहीं पहुंचा। यहां इस साल सिर्फ आठ हजार श्रद्धालु ही पहुंचे। जबकि पिछले साल यहां 4.66लाख श्रद्धालु पहुंचे थे।कोरोना के कारण पहले तो इस बार कपाट समय पर नहीं खुले। कपाट खुले, तो श्रद्धालुओं को दर्शन की मंजूरी नहीं दी गई। सिर्फ पूजा पाठ तक गतिविधि सीमित रही। पहले चरण में सिर्फ जिले के भीतर के लोगों को मंजूरी दी गई। दूसरे चरण में राज्य के भीतर के श्रद्धालुओं ने ईपास के जरिए दर्शन किए। तीसरे चरण में राज्य से बाहर के लोगों को तमाम शर्तों के साथ मंजूरी दी गई। इन बंदिशों और कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या सीमित ही रही। श्रद्धालुओं की इस सीमित संख्या के कारण मंदिरों में दान दक्षिणा, भेंट, चढ़ावा भी सीमित रहा। 55 करोड़ की कमाई का आंकड़ा आठ करोड़ तक सीमित रहा।

जनपद के शिवालयों में लगी शिव भक्तों लंबी कतार, एसएसपी ने परखी सुरक्षा व्यवस्था

मुजफ्फरनगर l देशभर के साथ-साथ आज जिले में भी भगवान शिव का पवित्र पावन पर्व महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है l



जिसको लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं l सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए जिले के एसएसपी अभिषेक यादव द्वारा सुबह नगर के मुख्य मार्गो पर आने वाले शिव भक्तों के लिए लगाई गई सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया l अभिषेक यादव शिव चौक पहुंचे और भगवान आशुतोष को प्रणाम किया l उसके बाद नगर के विभिन्न मार्गो एवं मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को परखने के लिए आगे के निकल गए l





जिले एवं नगर के शिवालयों में भगवान आशुतोष को जल अर्पित करने वाले शिव भक्तों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई है

महाशिवरात्रि पर करेंगे यह तो भोले भंडारी रहेंगे हर कषट

 🌷 *महाशिवरात्रि* 🌷


🙏🏻 *गुरुवार, 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन की गई शिव पूजा से पिछले समय से चली आ रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं और धन लाभ भी मिल सकता है। यहां जानिए शास्त्रों में बताए गए उपाए...*

👉🏻 *शिवरात्रि पर करें इन 8 में से कोई 1 उपाय, दूर हो सकती है परेशानी*

🔥 *महाशिवरात्रि पर रात में किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं । शिव पुराण के अनुसार कुबेर देव ने पूर्व जन्म में रात के समय शिवलिंग के पास रोशनी की थी इसी वजह से अगले जन्म में वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।*

🙏🏻 *महाशिवरात्रि पर छोटा सा पारद (पारा) शिवलिंग लेकर आएं और घर के मंदिर में इसे स्थापित करें। शिवरात्रि से शुरू करके रोज इसकी पूजा करें । इस उपाय से घर की दरिद्रता दुर होती है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।*

🙏🏻 *यदि आप चाहें तो शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। घर के मंदिर में जल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से इस शिवलिंग को स्नान कराएं । मंत्र - ॐ नम: शिवाय ।  मंत्र जप कम से कम 108 बार करें।*

🙏🏻 *हनुमानजी भगवान शिव के ही अंशावतार माने गए हैं। शिवरात्रि पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी और शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इनकी कृपा से भक्त की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।*

👩🏻 *किसी सुहागिन को सुहाग का सामान उपहार में दें । जो लोग यह उपाय करते है, उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं। सुहाग का सामान जैसे - लाल साड़ी, लाल चूडियां, कुम -कुम आदि।*

💰 *महाशिवरात्रि पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अनाज और धन का दान करें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरिबों को दान करने से पुराने सभी पापों का असर खत्म हो सकता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।*

🍚 *जो लोग शिवरात्रि पर किसी बिल्व वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और घी का दान करते हैं, उन्हें महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। ऐसे लोग जीवनभर सुख-सुविधाएं प्राप्ति करते हैं और कार्यों में सफल होते हैं।*

🌳 *शिव पुराण के अनुसार बिल्व वृक्ष महादेव का रुप है। इसलिए इसकी पूजा करें।फूल, कुम -कुम, प्रसाद आदि चीजें विशेष रुप से चढ़ाएं । इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। शिवरात्रि पर बिल्व के पास दीपक जलाएं ।*

स्कार्पियो कार ट्रक में टकराई आठ की मौत

आगरा। एक सड़क हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. यह दुर्घटना एक ट्रक में एक स्कार्पियो गाड़ी के घुसने के कारण हुई है. यह हादसा आगरा-कानपुर हाईवे पर हुआ है . 

आगरा-कानपुर हाईवे पर गुरुवार तड़के भीषण सड़क हादसे  में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. एत्माउद्दौला इलाके में यह हादसा उस वक्त हुआ जब झारखंड नंबर की एक स्कॉर्पियो कंटेनर घुसी।

हादसा इतना भीषण था कि स्कॉर्पियो सवार आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. टकराने के बाद जोरदार आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए. हादसे की सूचना पुलिस को दी गई. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से स्‍कॉर्पियों में फंसे लोगों को बाहर निकाला। चार लोगों की सांसें चल रही थीं, उन्‍हें गंभीर हालत में एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है।

पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया ड्राइवर को झपकी आने की वजह से होने की आशंका है. स्कॉर्पियो का नंबर जेएच 13 डी 5029 है. अभी तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

बुधवार, 10 मार्च 2021

होली मिलन में रंगारंग प्रस्तुति



मुजफ्फरनगर । सनशाइन क्लब फॉरएवर द्वारा होली मिलन उत्सव मनाया गया। 

रंगारंग कार्यक्रम में महिलाओं ने लिया भाग, कार्यक्रम में महिलाओं ने की रंगारंग प्रस्तुति ने मन मोह लिया। 

कार्यक्रम में पारुल मित्तल ,सुषमा अग्रवाल ,पूनम मार्शल, प्राची मित्तल , निशा संगल , सोनिया, रजनी , नीति , दीपक गोयल, निशा खुशी कविता पल्लवी सविता अनीता, मीनू,  मृदुला ,  राधा, रोशी व अन्य ने भाग लिया।




 

महिला आईपीएस पर फर्जी सैक्स रैकेट में फंसाने का आरोप लगाकर कर ली आत्महत्या, मची खलबली


लखनऊ। ट्रेन के सामने कूदकर जान देने वाले संविदाकर्मी के एक कथित सुसाइड नोट से प्रशासनिक हल्कों में खलबली है। इसमें उसने लखनऊ में तैनात महिला आईपीएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं, मृतक ने महिला अधिकारी को सजा दिलाने की मांग भी की। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने आईपीएस अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।

 लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र स्थित रैदास मंदिर क्रासिंग पर बुधवार सुबह तकरीबन 11 बजे सचिवालय में बतौर संविदाकर्मी के पद पर काम करने वाले 26 साल के विशाल सैनी ने तेजी से आ रही ट्रेन के आगे कूद कर अपनी जान दे दी। इससे युवक की मौके पर ही मौत हो गई। देखते ही देखते लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को शव के पास एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। सुसाइड नोट को पढ़ते ही पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। नोट में मृतक विशाल सैनी ने आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह को आत्महत्या का कारण बताते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। इसके साथ ही महिला आईपीएस अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए माता-पिता से अपना ध्यान रखने की बात कही। आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह मौजूदा समय में एडीसीपी नार्थ के पद पर कार्यरत हैं।

मृतक विशाल सैनी ने सुसाइड नोट में महिला आईपीएस अधिकारी प्राची सिंह पर आरोप लगाते हुए लिखा कि मेरे आत्महत्या करने की जिम्मेदारी आईपीएस प्राची सिंह हैं, जिन्होंने मेरा करियर खराब कर दिया। इनकी वजह से मैं समाज में नजरें उठाकर नहीं चल पा रहा हूं, जिसकी वजह से मुझे घुटन सी हो रही है। मृतक विशाल ने यह भी लिखा कि आईपीएस प्राची सिंह ने मुझे सेक्स रैकेट में फंसाया है, जिसकी वजह से मैं अपने परिवार से भी नजरें नहीं मिला पा रहा हूं।

मृतक ने आईपीएस अधिकारी प्राची के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा कि आईपीएस प्राची सिंह को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जिससे कि वे अपने पद का गलत इस्तेमाल न कर सकें, निर्दोषों को जेल न भेजें और प्रमोशन के चक्कर में किसी निर्दोष को सजा न दे सकें।

आज का पंचांग एवँ राशिफल 11 मार्च 2021


 

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 11 मार्च 2021*

⛅ *दिन - गुरुवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - उत्तरायण*

⛅ *ऋतु - वसंत*

⛅ *मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)*

⛅ *पक्ष - कृष्ण* 


⛅ *तिथि - त्रयोदशी दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*

⛅ *नक्षत्र - धनिष्ठा रात्रि 09:45 तक तत्पश्चात शतभिषा*

⛅ *योग - शिव सुबह 09:25 तक तत्पश्चात सिद्ध*

⛅ *राहुकाल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:48 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 06:52* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:45* 

⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - महाशिवरात्रि व्रत, रात्रि - जागरण शिव - पूजन (निशीथकाल : रात्रि 12:24 से 01:13 तक) (प्रहर :- प्रथम : शाम 06:46 से, द्वितीय : रात्रि 09:47 से, तृतीय : मध्यरात्रि 12:48 से, चतुर्थ : 12 मार्च प्रातः 03:49 से), हरिद्वार कुंभ पहला शाही स्नान*

 💥 *विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाना मन होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *शिवरात्रि* 🌷

🙏🏻 *वैसे तो भगवान शिव का अभिषेक हमेशा करना चाहिए,लेकिन शिवरात्रि(11 मार्च, गुरुवार)का दिन कुछ खास है। यह दिन भगवान शिवजी का विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। कई ग्रंथों में भी इस बात का वर्णन मिलता है। भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है मनोकामना पूरी होती है। धर्मसिन्धू के दूसरे परिच्छेद के अनुसार,अगर किसी खास फल की इच्छा हो तो भगवान के विशेष शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यहां जानिए किस धातु के बने शिवलिंग की पूजा करने से कौन-सा फल मिलता है।*

1⃣ *सोने के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सत्यलोक (स्वर्ग) की प्राप्ति होती है ।*

2⃣ *मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।*

3⃣ *हीरे से निर्मित शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है ।*

4⃣ *पुखराज के शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।*

5⃣ *स्फटिक के शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी हो जाती हैं ।*

6⃣ *नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है ।*

7⃣ *चांदी से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति होती है ।*

8⃣ *ताम्बे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लम्बी आयु की प्राप्ति होती है ।*

9⃣ *लोहे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है ।*

🔟 *आटे से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है ।*

1⃣1⃣ *मक्खन से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने पर सभी सुख प्राप्त होते हैं ।*

1⃣2⃣ *गुड़ के शिवलिंग पर अभिषेक करने से अन्न की प्राप्ति होती है ।*

        🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 🌷

🙏🏻 *फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 11 मार्च, गुरुवार को है। ज्योतिष के अनुसार,जिन लोगों को कालसर्प दोष है,वे यदि इस दिन कुछ विशेष उपाए करें तो इस दोष से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है।*

➡ *कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है,इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किनया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाए हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप महाशिवरात्रि पर उपाए कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाए इस प्रकार हैं-*

 🐍 *1.अनन्त कालसर्प दोष* 

 *-अनन्त कालसर्प दोष होने पर शिवरात्रि पर एकमुखी,आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*

 *-यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है,तो महाशिवरात्रि पर रांगे(एक धातु)से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।*

🐍 *2.कुलिक कालसर्प दोष* 

*-कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।*

*-चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।*

🐍 *3. वासुकि कालसर्प दोष* 

*- वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।*

*- महाशिवरात्रि पर लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*

🐍 *4. शंखपाल कालसर्प दोष*

*- शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबुत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।*

*- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।*

🐍 *5. पद्म कालसर्प दोष*

*- पद्म कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।*

*- जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।*

🐍 *6. महापद्म कालसर्प दोष*

*- महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।*

*- महाशिवरात्रि पर गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।*

🐍 *7. तक्षक कालसर्प दोष*

*- तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।*

*- सफेद कपड़े और चावल का दान करें।*

🐍 *8. कर्कोटक कालसर्प दोष*

*- कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।*

*- महाशिवरात्रि पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।*

🐍 *9. शंखचूड़ कालसर्प दोष*

*- शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए महाशिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।*

*- पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।*

 🐍 *10. घातक कालसर्प दोष*

*- घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।*

*- चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।*

🐍 *11. विषधर कालसर्प दोष*

*- विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।*

*- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।*

 🐍 *12. शेषनाग कालसर्प दोष*

*- शेषनाग कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।*

*- महाशिवरात्रि पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें।*

        🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *महाशिवरात्रि* 🌷

🙏🏻 *अर्ध रात्रि की पूजा के लिये स्कन्दपुराण में लिखा है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को 'निशिभ्रमन्ति भूतानि शक्तयः शूलभृद यतः । अतस्तस्यां चतुर्दश्यां सत्यां तत्पूजनं भवेत् ॥' अर्थात् रात्रिके समय भूत, प्रेत, पिशाच, शक्तियाँ और स्वयं शिवजी भ्रमण करते हैं; अतः उस समय इनका पूजन करने से मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं । शिवपुराण में आया है “कालो निशीथो वै प्रोक्तोमध्ययामद्वयं निशि ॥ शिवपूजा विशेषेण तत्काले ऽभीष्टसिद्धिदा ॥ एवं ज्ञात्वा नरः कुर्वन्यथोक्तफलभाग्भवेत्” अर्थात रात के चार प्रहरों में से जो बीच के दो प्रहर हैं, उन्हें निशीधकाल कहा गया हैं | विशेषत: उसी कालमें की हुई भगवान शिव की पूजा अभीष्ट फल को देनेवाली होती है – ऐसा जानकर कर्म करनेवाला मनुष्य यथोक्त फलका भागी होता है |*

🙏🏻 *चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं। अत: ज्योतिष शास्त्रों में इसे परम कल्याणकारी कहा गया है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है। परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहा गया है। शिवरहस्य में कहा गया है ।*

🌷 *“चतुर्दश्यां तु कृष्णायां फाल्गुने शिवपूजनम्। तामुपोष्य प्रयत्नेन विषयान् परिवर्जयेत।। शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपापप्रणाशनम्।”*

🙏🏻 *शिवपुराण में ईशान संहिता के अनुसार “फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि। शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्यसमप्रभ:॥” अर्थात फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोडों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए इसलिए इसे महाशिवरात्रि मानते हैं।*

🙏🏻 *शिवपुराण में विद्येश्वर संहिता के अनुसार शिवरात्रि के दिन ब्रह्मा जी तथा विष्णु जी ने अन्यान्य दिव्य उपहारों द्वारा सबसे पहले शिव पूजन किया था जिससे प्रसन्न होकर महेश्वर ने कहा था की “आजका दिन एक महान दिन है | इसमें तुम्हारे द्वारा जो आज मेरी पूजा हुई है, इससे मैं तुम लोगोंपर बहुत प्रसन्न हूँ | इसीकारण यह दिन परम पवित्र और महान – से – महान होगा | आज की यह तिथि ‘महाशिवरात्रि’ के नामसे विख्यात होकर मेरे लिये परम प्रिय होगी | इसके समय में जो मेरे लिंग (निष्कल – अंग – आकृति से रहित निराकार स्वरूप के प्रतीक ) वेर (सकल – साकाररूप के प्रतीक विग्रह) की पूजा करेगा, वह पुरुष जगत की सृष्टि और पालन आदि कार्य भी कर सकता हैं | जो महाशिवरात्रि को दिन-रात निराहार एवं जितेन्द्रिय रहकर अपनी शक्ति के अनुसार निश्चलभाव से मेरी यथोचित पूजा करेगा, उसको मिलनेवाले फल का वर्णन सुनो | एक वर्षतक निरंतर मेरी पूजा करनेपर जो फल मिलता हैं, वह सारा केवल महाशिवरात्रि को मेरा पूजन करने से मनुष्य तत्काल प्राप्त कर लेता हैं | जैसे पूर्ण चंद्रमा का उदय समुद्र की वृद्धि का अवसर हैं, उसी प्रकार यह महाशिवरात्रि तिथि मेरे धर्म की वृद्धि का समय हैं | इस तिथिमे मेरी स्थापना आदि का मंगलमय उत्सव होना चाहिये |*

🙏🏻 *तिथितत्त्व के अनुसार शिव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि पर उपवास की प्रधानता तथा प्रमुखता है क्योंकि भगवान् शंकर ने खुद कहा है - “न स्नानेन न वस्त्रेण न धूपेन न चार्चया। तुष्यामि न तथा पुष्पैर्यथा तत्रोपवासतः।।” 'मैं उस तिथि पर न तो स्नान, न वस्त्रों, न धूप, न पूजा, न पुष्पों से उतना प्रसन्न होता हूँ, जितना उपवास से।'*

🙏🏻 *स्कंदपुराण में लिखा है “सागरो यदि शुष्येत क्षीयेत हिमवानपि। मेरुमन्दरशैलाश्च रीशैलो विन्ध्य एव च॥ चलन्त्येते कदाचिद्वै निश्चलं हि शिवव्रतम्।” अर्थात् ‘चाहे सागर सूख जाये, हिमालय भी क्षय को प्राप्त हो जाये, मन्दर, विन्ध्यादि पर्वत भी विचलित हो जाये, पर शिव-व्रत कभी निष्फल नहीं हो सकता।’ इसका फल अवश्य मिलता है।*

🙏🏻 *‘स्कंदपुराण’ में आता है “परात्परं नास्ति शिवरात्रि परात्परम् | न पूजयति भक्तयेशं रूद्रं त्रिभुवनेश्वरम् | जन्तुर्जन्मसहस्रेषु भ्रमते नात्र संशयः||” ‘शिवरात्रि व्रत परात्पर (सर्वश्रेष्ठ) है, इससे बढ़कर श्रेष्ठ कुछ नहीं है | जो जीव इस रात्रि में त्रिभुवनपति भगवान महादेव की भक्तिपूर्वक पूजा नहीं करता, वह अवश्य सहस्रों वर्षों तक जन्म-चक्रों में घूमता रहता है |’*

🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार एकादशी को अन्न खाने से पाप लगता है और शिवरात्रि, रामनवमी तथा जन्माष्टमी के दिन अन्न खाने से दुगना पाप लगता है। अतः महाशिवरात्रि का व्रत अनिवार्य है।*



मेष 

आज का दिन आपके लिए सफलता दायक रहेगा। आज आपको एक के बाद एक अपने हर काम में सफलता हासिल होगी, जिससे आपका हौसला भी सातवें आसमान पर होगा, लेकिन शाम के समय सेहत में कुछ गिरावट हो सकती है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विद्यार्थियों को शिक्षा के अध्ययन के लिए कुछ नई किताबें खरीदनी पड़ सकती हैं। संतान के भविष्य को लेकर आज आप थोड़े चिंतित हो सकते हैं। दिन का कुछ समय आप अपने परिवार के बुजुर्ग सदस्यों की सेवा में व्यतीत करेंगे।

वृष 

आज का दिन आपको अपने अधूरे कार्यों को पूरा करना ही पड़ेगा क्योंकि आपके पास कोई और समाधान नहीं होगा। आज आलस्य का त्याग करना पड़ेगा। आपकी सामाजिक पद व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। यदि जीवन साथी के साथ कुछ समय से विवाद चल रहा था, तो वह आज समाप्त होगा, जिससे परिवार के सभी सदस्य खुश नजर आएंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, लेकिन शाम के समय आपके कुछ शत्रु प्रबल नजर आएंगे, इसलिए सावधानी बरतें 

मिथुन 

आज का दिन आपके लिए भागदौड़ भरा रहेगा। कुछ तो संतान के कैरियर के लिए आप विशेष रूप से भाग दौड़ कर सकते हैं, जो लोग विदेश से व्यापार करते हैं, उनको आज विदेश यात्रा भी करनी पड़ सकती है। आप अपने लिए कुछ समय निकालने की सोचेंगे, लेकिन ऐसा संभव नहीं होगा। आज आप जीवन साथी के शृंगार की कोई वस्तु उन्हे भेंट कर सकते हैं। माता-पिता का आशीर्वाद आज आपको प्राप्त होगा।

कर्क

आज का दिन आपके लिए कानून के पचड़े में रहने का होगा। यदि आपका कोई कानूनी मामला चल रहा था, तो वह आज फिर से सिर उठाएगा, जो आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। धन कोष में भी आज कमी आएगी। व्यापार कर रहे लोगों के लिए आज नगद धन की कमी हो सकती है। नौकरी व व्यवसाय में लगे लोगों को आज तरक्की मिलेगी। विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा।

सिंह 

आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ कहीं घूमने फिरने का प्लान बना सकते हैं, जिससे परिवार के सदस्य खुश नजर आएंगे, लेकिन इसमें आपका धन व्यय अधिक होगा। आपके मान पद व प्रतिष्ठा में आज वृद्धि होगी। ससुराल पक्ष से संबंध मजबूत होंगे। मित्रों के लेन देन से बचना होगा, नहीं तो बाद में पछताना पड़ सकता है। जीवनसाथी आज आपके फैसले में पूरा साथ देंगे। बाहर का खाने पीने से आज परहेज रखें।

कन्या 

आज आप कोई नया जरूरी सामान अपने घर ला सकते हैं, जिसके लिए आप बहुत समय से इंतजार में थे। आज वह दिन आ गया है। आज आप अपनी आर्थिक स्थिति पर नजर डालेंगे, तो आपको अपने भविष्य की चिंता होगी। संतान से कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। आज आपके भाई की सलाह से आपके बिजनेस को नई जान मिलेगी। आप अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा चिंतित रहेंगे।

तुला 

आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा, लेकिन आज आपको किसी के भी मामले में टांग नहीं आ अढ़ानी है, नहीं तो वह मामला आपके सिर पर आ सकता है, जो आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। आज आपका अपनी माताजी से कोई विवाद हो सकता है, लेकिन संयम रखें। विद्यार्थियों को अच्छे परीक्षा परिणाम प्राप्त होंगे। शाम का समय आप अपने पास पड़ोस के लोगों के साथ किसी मांगलिक कार्यक्रम में व्यतीत करेंगे।

वृश्चिक 

सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए आज दिन उत्तम रहेगा क्योंकि उनको नए-नए अवसर प्राप्त होंगे। आपके पारिवारिक बिजनेस के लिए आज आपको किसी की सलाह की आवश्यकता होगी, लेकिन सलाह ऐसे व्यक्ति से लें जो अनुभवी हो। आपकी संतान को आज कोई शारीरिक कष्ट हो सकता है, जो आपकी परेशानी बन सकता है। यदि आप लंबे समय से कोई संपत्ति खरीदने का प्लान बना रहे हैं थे, तो वह आज पूरा होगा।

धनु 

आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा। आप आज कुछ भी करके अपनी आर्थिक स्थिति में वृद्धि करेंगे, जिसे देख आप व आपके परिवार के सदस्य प्रसन्न नजर आएंगे, इसलिए छोटे बच्चे आज आपसे कोई फरमाइश कर सकते हैं। पुत्र या पुत्री के विवाह से संबंधित कोई मामला आज फिर उठ सकता है। जीवनसाथी आज आपसे कहीं घूमने फिरने की बात कर सकता है। प्रेम जीवन सुदृढ़ होगा। पढ़ाई में मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।

मकर 

आज आप अपने घर में दैनिक जरूरतों के लिए कुछ खरीदारी कर सकते हैं, जिससे आपकी जेब का बोझ बढ सकता है। रोजगार के क्षेत्र में प्रयास कर रहे लोगों को सफलता मिलेगी। विदेशी व्यापार चरम पर होगा। आज रुका हुआ धन आपको कहीं से प्राप्त हो सकता है, जिसे देखकर मन में हर्ष होगा। ससुराल पक्ष से संबंधों में आज दरार आ सकती है, इसलिए वाणी पर संयम रखें।

कुंभ 

आज आप अपनी संतान के लिए कोई उपहार ला सकते हैं, जिससे आपका मान सम्मान और बढ़ेगा। सामाजिक, पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में शत्रुओं से सावधान रहें, क्योंकि वह आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। आज किसी पुराने मित्र से मुलाकात होगी, जिससे बातचीत करके आपको खुशी मिलेगी। व्यवसाय के लिए जीवनसाथी की सलाह की आवश्यकता होगी। आज अपने माता-पिता की सेवा का सहयोग प्राप्त होगा।

मीन 

यदि आप साझेदारी में व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो आज दिन उत्तम है। भविष्य में आपको भरपूर साथ मिलेगा। संतान के भविष्य की चिंता आज समाप्त होगी। संतान को धर्म-कर्म के कार्यों में जुटा देख मन मे हर्ष होगा। आज आप किसी मित्र की मदद भी कर सकते हैं। आज आपको अपने भाई बहनों की साथ की आवश्यकता होगी। जीवन साथी से आपकी माताजी का कोई वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन परेशान ना हो। शाम तक सब ठीक हो जाएगा।


जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं


दिनांक 11 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। ग्यारह की संख्या आपस में मिलकर दो होती है इस तरह आपका मूलांक दो होगा। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में बहुत सफल होते हैं। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से आप कमजोर हैं। 

 

शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29   

 

शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92  



  

शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036

 

ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव


 

शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे 

 

कैसा रहेगा यह वर्ष

किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी।

देहरादून के किराना व्यापारी के 5 साल के बेटे का अपहरण, शव देवबंद से मिला

 सहारनपुर l देहरादून के दो बदमाशों ने किराना व्यापारी के पांच साल के बेटे का अपहरण कर दस लाख की फिरौती मांगी। बाद में बच्चे की हत्या कर शव को देवबंद की साखन नदी में फेंक दिया। उत्तराखंड पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर बच्चे के शव को बरामद कर लिया। वारदात को अंजाम देने वाला एक अभियुक्त हिमाचल प्रदेश तो दूसरा उत्तराखंड के सहसपुर का रहने वाला है।



वारदात देहरादून के विकासनगर स्थित थाना सहसपुर क्षेत्र की है। मंगलवार को किराना व्यापारी पप्पू का पांच साल का बेटा अभय घर के बाहर ही खेल रहा था, तभी उसका अपहरण कर लिया गया। देर शाम तक जब अभय घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने सहसपुर पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने जब अभय की तलाश आरंभ की तो देर रात दो अपहरणकर्ता उनके हत्थे चढ़ गए, जिन्होंने कड़ी पूछताछ के बाद अभय की हत्या कर शव को देवबंद स्थित साखन नहर में फेंकना बताया। 

बुधवार को देहरादून पुलिस अपहरणकर्ताओं को लेकर देवबंद पहुंची। अभियुक्तों की निशानदेही पर बच्चे का शव नहर स्थित पुल के पिलर के नीचे से बरामद कर लिया। देहरादून क्राइम ब्रांच के अधिकारी विनीत जटराना के मुताबिक अभय के अपहरण के बाद अभियुक्तों ने रात में फोन कर उसके पिता से दस लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। जिसके बाद ही सहसपुर थाना पुलिस को अपहरण की सूचना दी गई। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद से बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया तो चेकिंग के दौरान दोनों बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उन्होंने बताया कि दोनों बदमाशों के नाम अनीस है। इनमें से एक अनीस पुत्र अली हसन निवासी पांवटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) और दूसरा अनीस सलमानी सहसपुर का रहने वाला है।

हादसे को हमला बताकर चुनावी नौटंकी कर रही ममता बनर्जी

 


कोलकाता। हादसे को हमला बताकर चुनावी नौटंकी कर रही हैं ममता बनर्जी। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज नंदीग्राम में घायल हो गईं। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें धक्का दिया है। यहां तक कि उन्होंने इसे साजिश करार दिया है। हालांकि नंदीग्राम में जिस वक्त ममता घायल हुईं, वहां मौजूद एक छात्र ने इस बात से इनकार कर दिया है। छात्र का कहना है कि उन्हें किसी ने धक्का नहीं दिया है।

नंदीग्राम में मौके पर मौजूद एक छात्र सुमन मैती ने कहा, "जब सीएम यहां आए थे, तो जनता उनके चारों ओर इकट्ठा हो गई थी। उस समय उनकी गर्दन और पैर में चोट लगी थी। उन्हें धक्का नहीं दिया गया था। कार धीरे-धीरे चल रही थी"

एक और प्रत्‍यक्षदर्शी चित्‍तरंजन दास ने भी ममता बनर्जी के आरोपों को झुठलाया है। दास ने कहा- 'मैं मौके पर मौजूद था। मुख्‍यमंत्री अपनी कार में अंदर बैठी हुई थीं, लेकिन कार का दरवाजा खुला था। एक पोस्‍टर से टकराकर कार टका दरवाजा बंद हो गया। किसी ने दरवाजे को न तो धक्‍का दिया और न ही छुआ। दरवाजे के पास कोई भी नहीं था।'

हरिद्वार कुंभ में हेलीकॉप्टर से होगी पुष्प वर्षा


देहरादून। तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को राज्य के 10वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत राजभवन से देहरादून स्थित शहीद स्मारक पहुंचे। सत्ता संभालते ही नए सीएम तीरथ सिंह एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने हरिद्वार कुम्भ मेले  में गुरूवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा किए जाने के निर्देश दिए। 

बीजापुर गेस्ट हाउस में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सावधानियों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। आगंतुक श्रद्धालु गंगा जी में सुविधापूर्वक पवित्र स्नान कर सकें। संतों का सम्मान सबसे ऊपर है। साथ ही कुम्भ की दिव्यता और भव्यता सुनिश्चित की जाए। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए कि हरिद्वार कुम्भ मेले में गुरूवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।

राशि के अनुसार करें शिव की आराधना, मिलेगा इच्छित फल

 


'शिवरात्रि' का अर्थ है 'भगवान शिव की महान रात्रि।' ऐसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का व्रत रखने का बड़ा महत्व है। इस तरह तो सालभर में 12 शिवरात्रि व्रत किए जाते हैं, परंतु उन सभी में महाशिवरात्रि का व्रत रखने का खास महत्व होता है। महाशिवरात्रि व्रत काशी पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर किया जाता है।

शिवरात्रि के पावन पर्व में शिव मंदिरों की रौनक खूब दिखती है। प्रात:काल से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता जुटने लगता है और सभी भगवान शिव के मंत्र 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करते हैं। इस दिन शिवजी को दूध और जल से अभिषेक कराने की भी प्रथा है।

महाशिवरात्रि की कथाएं

महाशिवरात्रि को लेकर एक या दो नहीं बल्कि हिन्दू पुराणों में कई कथाएं प्रचलित हैं-


पुराणों में महाशिवरात्रि मनाने के पीछे एक कहानी है जिसके अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवतागण एवं असुर पक्ष अमृत प्राप्ति के लिए मंथन कर रहे थे, तभी समुद्र में से कालकूट नामक भयंकर विष निकला। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान शिव ने भयंकर विष को अपने शंख में भरा और भगवान विष्णु का स्मरण कर उसे पी गए। भगवान विष्णु अपने भक्तों के संकट हर लेते हैं। उन्होंने उस विष को शिवजी के कंठ (गले) में ही रोककर उसका प्रभाव समाप्त कर दिया। विष के कारण भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया और वे संसार में 'नीलंकठ' के नाम से प्रसिद्ध हुए।


शिवपुराण में एक अन्य कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी व विष्णुजी में विवाद छिड़ गया कि दोनों में श्रेष्ठ कौन है? ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता होने के कारण श्रेष्ठ होने का दावा कर रहे थे और भगवान विष्णु पूरी सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में स्वयं को श्रेष्ठ कह रहे थे। तभी वहां एक विराट लिंग प्रकट हुआ। दोनों देवताओं ने सहमति से यह निश्चय किया गया कि जो इस लिंग के छोर का पहले पता लगाएगा, उसे ही श्रेष्ठ माना जाएगा।


अत: दोनों विपरीत दिशा में शिवलिंग का छोर ढूढंने निकले। छोर न मिलने के कारण विष्णुजी लौट आए। ब्रह्माजी भी सफल नहीं हुए, परंतु उन्होंने आकर विष्णुजी से कहा कि वे छोर तक पहुंच गए थे और उन्होंने केतकी के फूल को इस बात का साक्षी बताया। ब्रह्माजी के असत्य कहने पर स्वयं शिव वहां प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्माजी का एक सिर काट दिया और केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिवजी की पूजा में कभी भी केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं होगा।

चूंकि यह फाल्गुन के महीने का 14वां दिन था जिस दिन शिव ने पहली बार खुद को लिंग रूप में प्रकट किया था। इस दिन को बहुत ही शुभ और विशेष माना जाता है और महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव की पूजा करने से उस व्यक्ति को सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार एक आदमी जो शिव का परम भक्त था, वह एक बार लकड़ियां काटने के लिए जंगल में गया और खो गया। बहुत रात हो चुकी थी इसीलिए उसे घर जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था, क्योंकि वह जंगल में काफी अंदर चला गया था इसलिए जानवरों के डर से वह एक पेड़ पर चढ़ गया।

लेकिन उसे डर था कि अगर वह सो गया तो पेड़ से गिर जाएगा और जानवर उसे खा जाएंगे इसलिए जागते रहने के लिए वह रातभर शिवजी नाम लेकर पत्तियां तोड़कर गिराता रहा। जब सुबह हुई तो उसने देखा कि उसने रातभर में हजार पत्तियां तोड़कर शिवलिंग पर गिराई हैं और जिस पेड़ की पत्तियां वह तोड़ रहा था वह बेल का पेड़ था।

अनजाने में वह रातभर शिवजी की पूजा कर रहा था जिससे खुश होकर शिवजी ने उसे आशीर्वाद दिया। यह कहानी महाशिवरात्रि को उन लोगों को सुनाई जाती है, जो व्रत रखते हैं और रात को शिवजी पर चढ़ाया गया प्रसाद खाकर अपना व्रत तोड़ते हैं। एक कारण यह भी है इस पूजा को करने का कि यह रात अमावस की रात होती है जिसमें चांद नहीं दिखता है और हम ऐसे में भगवान की पूजा करते हैं।


महाशिवरात्रि के तुरंत बाद पेड़ फूलों से भर जाते हैं, जैसे सर्दियों के बाद होता है। पूरी धरती फिर से उपजाऊ हो जाती है। यही कारण है कि पूरे भारत में शिवलिंग को उत्पत्ति का प्रतीक माना जाता है। भारत के हर कोने में शिवरात्रि को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

'अभिषेक' शब्द का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना। 'रुद्राभिषेक' का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक।

भगवान शिव को 'रुद्र' कहा गया है और उनका रूप शिवलिंग में देखा जाता है। इसका अर्थ हुआ 'शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना।' 'अभिषेक' के कई रूप तथा प्रकार होते हैं। शिवजी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ तरीका है 'रुद्राभिषेक' करना या फिर श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा करवाना। अपनी जटा में गंगा को धारण करने से भगवान शिव को जलधाराप्रिय माना गया है।


*जानिए किस धारा का अभिषेक शुभ है आपकी राशि के लिए...*

कैसे करें अपनी राशि अनुसार रुद्राभिषेक?


1. मेष- शहद और गन्ने का रस


2. वृषभ- दुग्ध, दही


3. मिथुन- दूर्वा से


4. कर्क- दुग्ध, शहद


5. सिंह- शहद, गन्ने के रस से


6. कन्या- दूर्वा एवं दही


7. तुला- दुग्ध, दही


8. वृश्चिक- गन्ने का रस, शहद, दुग्ध


9. धनु- दुग्ध, शहद


10. मकर- गंगा जल में गुड़ डालकर मीठे रस से


11. कुंभ- दही से


12. मीन- दुग्ध, शहद, गन्ने का रस

शिव खोडी : भस्मासुर से बचने के लिए यहां पहुंचे थे भगवान शिव



 शिव रात्रि पर्व पर विशेष :

    जम्मू कश्मीर

शिव खोड़ी 🔱 शिव भगवान की पवित्र प्राचीन प्राकृतिक गुफा :

 शेषनाग व पंचमुखी गणेशसहित देवी-देवताओं के दर्शन एंव पवित्र शिवलिंग पर टपता है दूध

भस्मासुर से बचने को छिपे थे: यही से पहुंचे थे अमरनाथ गुफा


जम्मू-कश्मीर स्थित भगवान शिव के विश्व प्रसिद्ध धाम अमरनाथ से तो आप भलीभांति परिचित होंगे ही लेकिन यहाँ भगवान शिव का एक और प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का मंदिर है जिसका नाम है शिवखोड़ी धाम। मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन किये तो आपका स्वर्ग जाना तय है। शिवखोड़ी एक ऐसी अलौकिक और अद्भुत गुफा है जिसमें भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ वास करते हैं और मान्यता है कि इसी गुफा का रास्ता सीधा स्वर्ग लोक की और जाता है क्योंकि यहाँ स्वर्ग लोक की ओर जाने वाली सीढ़ियां भी बनी हुई हैं और साथ ही इस गुफा का दूसरा छोर सीधा अमरनाथ गुफा की ओर निकलता है।

        श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा के बाद जिला रियासी के दूसरे सबसे बडे़ धार्मिक स्थल श्री शिवखोड़ी धाम रनसू श्रद्धालुओं के लिए 12 महीने खुला है मगर शिव रात्रि का विशेष महत्व है यहां 10 मार्च से 13 मार्च तक पर्यटन विभाग व श्राईन बोर्ड द्वारा विशेष  मेले का आयोजन किया जाता है अनेक हिन्दू संगठनों द्वारा भक्तों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है कोविड -19 के बाद 16 अगस्त को मंदिरों के खुलने से प्राकृतिक गुफा के दर्शन हेतु श्रद्धालु शिवखोड़ी धाम पहुंचने लगे और  इनमें  श्रद्धालुओं स्थानीय श्रद्धालुओं के अनूरुप दूसरे राज्यों से आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ी तादाद में होती है ।

इस गुफा में भगवान के अर्ध नारिश्वर रूप के दर्शन होते हैं, जम्मू से करीब 120 किलोमीटर दूर है जो जम्मू संभाग के रियासी जिले में स्थित है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बना हुआ है जिसकी ऊंचाई करीब साढ़े तीन से 4 फीट के बीच है, इतनी ही नहीं इस शिवलिंग के ऊपर अमृत की बूंदें यानि गंगा जल की बूंदें लगातार टपकती हैं। प्राचीन कथाओं के अनुसार पहले इस शिवलिंग पर दूध की धारा लगातार गिरती थी क्योंकि कामधेनु गाय के थन भी इन शिवलिंग के ऊपर ही बने हुए हैं। कथाओं के अनुसार इस शिव गुफा में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ वास करते हैं तो वहीं 33 करोड़ देवी देवता भी इस गुफा वास करते हैं।


  जम्मू कश्मीर राज्य के रियासी जिले में श्री शिवखोड़ी धाम में भगवान शिव ने भस्मासुर को भस्म किया था। पौराणिक कथा के अनुसार भस्मासुर ने भगवान शिव की आराधना कर उनको प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप शिव ने उसको मुंह मांगा वर देते हुए कहा कि भस्मासुर जिसके भी सिर पर हाथ रखेगा वह वहीं भस्म हो जाएगा। शिव से वरदान मिलने के बाद भस्मासुर अहंकारी हो गया। उसने अहंकार में आकर शिव को ही भस्म करने की सोची और उनका पीछा करने लगा। भगवान शिव भस्मासुर की मंशा को भांपते हुए शिवखोड़ी की पहाड़ियों में आकर एक गुफा में बैठ गए। भस्मासुर के पीछा करने के उपरांत शिव ने मनमोहनी रूप धारण कर लिया तथा गुफा के बाहर आकर नृत्य करने लगे। मनमोहनी व सुंदर स्त्री को देखकर भस्मासुर भी उनके साथ नृत्य करने लगा। इस दौरान जैसे ही शिव ने अपना हाथ अपने सिर पर रखा तो भस्मासुर ने उनका अनुसरण करते हुए अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया, इसके बाद वह वहीं भस्म हो गया।

   शिवखोड़ी की प्राकृतिक गुफा संगड़ की पहाड़ियों में स्थित है। पुरानी गुफा से भीतर जाने का रास्ता काफी संकरा और टेढ़ा-मेढ़ा है। वहां से खड़े होकर अथवा बैठ कर ही निकला जा सकता है। लगभग तेरह वर्ष पहले कोंकण रेलवे की तरफ से एक नई गुफा का निर्माण किया गया, जिससे श्रद्धालु किसी भी प्रकार से अंदर जा सकते हैं। शिवखोड़ी के आधार शिविर रनसू से जम्मू, कटड़ा, उधमपुर या फिर अन्य किसी भी स्थान से किसी भी वाहन के जरिये पहुंचा जा सकता है। आधार शिविर से गुफा तक पौने चार किलोमीटर की सरल चढ़ाई है। इसके अलावा घोड़ा पालकी की भी सेवा ली जा सकती है।

श्री शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड रनसू की तरफ से पैदल ट्रैक पर सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। यहाँ पानी की व्यवस्था के साथ ही शौचालय भी बनाए गए हैं। गुफा के बाहर पांच मंजिला इमारत बना कर कमरे बनाए गए हैं। इसके साथ ही लॉकर की भी व्यवस्था की गई है। महाशिवरात्रि के मौके पर यहाँ प्रतिवर्ष दो लाख श्रद्धालु आते हैं, जिसके लिए पूरे इंतजाम किए गए होते हैं।

  गौरतलब है शिवखोड़ी में रोजाना पांच से छह हजार श्रद्धालु पहुंचते थे। ज्यादातर यात्री कटड़ा में माता वैष्णो देवी के दर्शन बाद यहां आते थे। अब कटड़ा में यात्रा शुरू होने के बाद ही रनसू शिवखोडी में बम बम भोले का जयघोष गूंजने लगा ।


देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं जहां शिव जी अपने विभिन्न रूपों में विराजमान हैं।  जिस गुफ़ा की हम बात कर रहे हैं वो शिवालिक पर्वत की श्रृंखलाओं में स्थित है, जहां प्रकृति-निर्मित शिवलिंग और अन्य दुर्लभ प्रतिमाएं स्थापित हैं। कहा जाता है ये प्राकृतिक गुफ़ा हर शिवभक्त के लिए बहुत मायने रखती हैं।


जम्मू-कश्मीर राज्य के जम्मू से कुछ दूरी पर स्थित है रयासी में ही भगवान शिव का घर कही जानेवाली शिवखोड़ी गुफा स्थित है। इससे जुड़ी सबसे हैरानी वाली बात ये है कि इसी गुफा का दूसरा छोर अमरनाथ गुफा में खुलता है। यही कारण है कि शिवखोड़ी शिव भक्तों की आस्था का केंद्र बिंदु माना जाता है।

     इस चमत्कारी गुफ़ा में देवों के देव महादेव भोलेनाथ शिवखोड़ी गुफ़ा के दर्शन करने जाने के लिए अप्रैल से लेकर जून तक का मौसम सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम बेहद सुहावना और ठंडा रहता है। इसके बारे में कहा जाता है कि प्रकृति की गोद में बसी हुई यह एक ऐसी दुर्लभ जगह है, जहां अपने आप ही आदिकाल से ही लेकर अब तक भगवान शिव की महिमा बनी हुई है।

दूध सा सफ़ेद जल

माना जाता है कि शिवखोड़ी गुफ़ा में समस्त 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। बता दें कि यह स्थान जम्मू से करीब 120 कि.मी. एवं कटरा से 85 कि.मी. दूर उधमपुर ज़िले में स्थित है। रनसू (रणसू) से शिवखोड़ी की गुफ़ा करीब 3.5 कि.मी. दूर रह जाती है। यहां से पैदल व खच्चर के द्वारा बाबा भोलेनाथ की यात्रा प्रारंभ हो जाती है। इसके अलावा रनसू से थोड़ा आगे चलने पर लोहे का एक छोटा सा पुल आता है, जो नदी पर बना हुआ है। लोक मान्यता के अनुसार इस नदी को दूध गंगा कहते हैं। इससे जुड़ी किंवदंति के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन इस नदी का जल स्वतः ही दूध के समान सफ़ेद हो जाता है।


इससे आगे एक कुंड आता है, जिसे अंजनी कुंड के नाम से जाना जाता हैं। इसी कुंड के पास नीलकंठ की सवारी ‘नंदी’ यानि ‘बैल’ के पैरों के निशान हैं। मान्यता है कि नंदी इस कुंड में पानी पीने आते था ,हर-हर महादेव, बम-बम भोले, भोले तेरा रूप निराला शिवखोड़ी में डेरा डाला आदि जैसे जयकारों के साथ भक्त काफ़िले में आगे बढ़ते हैं। करीब एक किलोमीटर आगे चलने पर 'लक्ष्मी-गणेश' का मंदिर आता है। जिसके अंदर छोटी सी एक गुफ़ा में प्राचीन लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति है। इसके अलावा नीचे से बहती हुई दूध गंगा की कल-कल ध्वनि मंदिर की शोभा में और चार चांद लगाती है।

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शिवखोड़ी एक ऐसी अलौकिक और अद्भुत गुफा है जिसमें भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ वास करते हैं और मान्यता है कि इसी गुफा का रास्ता सीधा स्वर्ग लोक की और जाता है क्योंकि यहाँ स्वर्ग लोक की ओर जाने वाली सीढ़ियां भी बनी हुई हैं और साथ ही इस गुफा का दूसरा छोर सीधा अमरनाथ गुफा की ओर निकलता है।▪️


✍️  जगबीर सिंह पाल

148/6 राजीव कालोनी बड़ी ब्राह्मणा, जम्मू

सृष्टि के प्रारंभ का पर्व है महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। 

फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है|भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है|

कश्मीर शैव मत में इस त्यौहार को हर-रात्रि और बोलचाल में 'हेराथ' या 'हेरथ' भी कहा जाता हैं।

महाशिवरात्रि से संबधित कई पौराणिक कथायें है:

       *समुद्र मंथन*

समुद्र मंथन अमर अमृत का उत्पादन करने के लिए निश्चित था, लेकिन इसके साथ ही हलाहल नामक विष भी पैदा हुआ था। हलाहल विष में ब्रह्मांड को नष्ट करने की क्षमता थी और इसलिए केवल भगवान शिव इसे नष्ट कर सकते थे। भगवान शिव ने हलाहल नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था। जहर इतना शक्तिशाली था कि भगवान शिव बहुत दर्द से पीड़ित हो उठे थे और उनका गला बहुत नीला हो गया था। इस कारण से भगवान शिव 'नीलकंठ' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उपचार के लिए, चिकित्सकों ने देवताओं को भगवान शिव को रात भर जागते रहने की सलाह दी। इस प्रकार, भगवान भगवान शिव के चिंतन में एक सतर्कता रखी। शिव का आनंद लेने और जागने के लिए, देवताओं ने अलग-अलग नृत्य और संगीत बजाने। जैसे सुबह हुई, उनकी भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव ने उन सभी को आशीर्वाद दिया।शिवरात्रि इस घटना का उत्सव है, जिससे शिव ने दुनिया को बचाया। तब से इस दिन, भक्त उपवास करते है।


     *शिकारी कथा*

एक बार पार्वती जी ने भगवान शिवशंकर से पूछा, 'ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ तथा सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्युलोक के प्राणी आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?' उत्तर में शिवजी ने पार्वती को 'शिवरात्रि' के व्रत का विधान बताकर यह कथा सुनाई- 'एक बार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था। वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी।'

शिकारी ध्यानमग्न होकर शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा। चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। संध्या होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के विषय में बात की। शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन देकर बंधन से छूट गया। अपनी दिनचर्या की भांति वह जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था। शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल-वृक्ष पर पड़ाव बनाने लगा। बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो विल्वपत्रों से ढका हुआ था। शिकारी को उसका पता न चला।

पड़ाव बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर गिरीं। इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए। एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भिणी मृगी तालाब पर पानी पीने पहुंची। शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर ज्यों ही प्रत्यंचा खींची, मृगी बोली, 'मैं गर्भिणी हूं। शीघ्र ही प्रसव करूंगी। तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे, जो ठीक नहीं है। मैं बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत हो जाऊंगी, तब मार लेना।' शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और मृगी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई।

कुछ ही देर बाद एक और मृगी उधर से निकली। शिकारी की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। समीप आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया। तब उसे देख मृगी ने विनम्रतापूर्वक निवेदन किया, 'हे पारधी! मैं थोड़ी देर पहले ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं। अपने प्रिय की खोज में भटक रही हूं। मैं अपने पति से मिलकर शीघ्र ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी।' शिकारी ने उसे भी जाने दिया। दो बार शिकार को खोकर उसका माथा ठनका। वह चिंता में पड़ गया। रात्रि का आखिरी पहर बीत रहा था। तभी एक अन्य मृगी अपने बच्चों के साथ उधर से निकली। शिकारी के लिए यह स्वर्णिम अवसर था। उसने धनुष पर तीर चढ़ाने में देर नहीं लगाई। वह तीर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली, 'हे पारधी!' मैं इन बच्चों को इनके पिता के हवाले करके लौट आऊंगी। इस समय मुझे शिकारी हंसा और बोला, सामने आए शिकार को छोड़ दूं, मैं ऐसा मूर्ख नहीं। इससे पहले मैं दो बार अपना शिकार खो चुका हूं। मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे। उत्तर में मृगी ने फिर कहा, जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है, ठीक वैसे ही मुझे भी। इसलिए सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान मांग रही हूं। हे पारधी! मेरा विश्वास कर, मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर तुरंत लौटने की प्रतिज्ञा करती हूं।

मृगी का दीन स्वर सुनकर शिकारी को उस पर दया आ गई। उसने उस मृगी को भी जाने दिया। शिकार के अभाव में बेल-वृक्षपर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था। पौ फटने को हुई तो एक हृष्ट-पुष्ट मृग उसी रास्ते पर आया। शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार वह अवश्य करेगा। शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर मृगविनीत स्वर में बोला, हे पारधी भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन मृगियों तथा छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है, तो मुझे भी मारने में विलंब न करो, ताकि मुझे उनके वियोग में एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े। मैं उन मृगियों का पति हूं। यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण का जीवन देने की कृपा करो। मैं उनसे मिलकर तुम्हारे समक्ष उपस्थित हो जाऊंगा।

मृग की बात सुनते ही शिकारी के सामने पूरी रात का घटनाचक्र घूम गया, उसने सारी कथा मृग को सुना दी। तब मृग ने कहा, 'मेरी तीनों पत्नियां जिस प्रकार प्रतिज्ञाबद्ध होकर गई हैं, मेरी मृत्यु से अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगी। अतः जैसे तुमने उन्हें विश्वासपात्र मानकर छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो। मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने शीघ्र ही उपस्थित होता हूं।' उपवास, रात्रि-जागरण तथा शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल हो गया था। उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था। धनुष तथा बाण उसके हाथ से सहज ही छूट गया। भगवान शिव की अनुकंपा से उसका हिंसक हृदय कारुणिक भावों से भर गया। वह अपने अतीत के कर्मों को याद करके पश्चाताप की ज्वाला में जलने लगा।

थोड़ी ही देर बाद वह मृग सपरिवार शिकारी के समक्ष उपस्थित हो गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके, किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता, सात्विकता एवं सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई। उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई। उस मृग परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटा सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया। देवलोक से समस्त देव समाज भी इस घटना को देख रहे थे। घटना की परिणति होते ही देवी-देवताओं ने पुष्प-वर्षा की। तब शिकारी तथा मृग परिवार मोक्ष को प्राप्त हुए।

शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि *पूजा में छह वस्तुओं को अवश्य शामिल करना चाहिए:*

शिव लिंग का पानी, दूध और शहद के साथ अभिषेक। बेर या बेल के पत्ते जो आत्मा की शुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं;

सिंदूर का पेस्ट स्नान के बाद शिव लिंग को लगाया जाता है। यह पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है;

फल, जो दीर्घायु और इच्छाओं की संतुष्टि को दर्शाते हैं;

जलती धूप, धन, उपज (अनाज);

दीपक जो ज्ञान की प्राप्ति के लिए अनुकूल है;

और पान के पत्ते जो सांसारिक सुखों के साथ संतोष अंकन करते हैं।

अभिषेक में निम्न वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता है:

तुलसी के पत्ते

हल्दी

चंपा और केतकी के फूल।



*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*

*असी.प्रोफेसर*

( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वाराणसी*) *सदस्य- अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी  एवं उत्तरप्रदेशअध्यक्ष - वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*

*मोबाइल नंबर-7766989511*

मोदी के पूरे बाकी कार्यकाल दिल्ली बॉर्डर पर बैठने को तैयार : नरेंद्र टिकैत


मुजफ्फरनगर। किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत के पुत्र नरेंद्र टिकैत भी पहली बार किसान आंदोलन पर बोले हैं। उन्होंने कहा है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शेष साढ़े तीन साल तक दिल्ली की सीमाओं पर बैठे रहने को तैयार हैं। नरेंद्र उनके पिता द्वारा 1986 में गठित भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) में किसी आधिकारिक पद पर नहीं है और ज्यादातर परिवार की कृषि गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन किसानों से संबंधित मुद्दों पर वह उतने ही मुखर है, जितने कि उनके दो बड़े भाई नरेश और राकेश टिकैत।

नरेश टिकैत और राकेश टिकैत इन कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का पिछले 100 दिनों से अधिक समय से नेतृत्व कर रहे हैं।मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली में स्थित अपने आवास पर 45 वर्षीय नरेंद्र ने कहा कि उनके दो भाइयों सहित पूरा टिकैत परिवार आंदोलन से पीछे हट जायेगा यदि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यह बात साबित कर दी जाये कि उन्होंने कुछ भी गलत किया है। उन्होंने कुछ वर्गो के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि उन्होंने आंदोलन से संपत्ति और धन अर्जित किया है। नरेंद्र के सबसे बड़े भाई नरेश टिकैत बीकेयू के अध्यक्ष हैं जबकि राकेश टिकैत संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में बीकेयू ने गन्ने की ऊंची कीमतों, ऋणों को रद्द करने और पानी और बिजली की दरों को कम करने की मांग को लेकर मेरठ की घेराबंदी की थी। उसी वर्ष, बीकेयू ने किसानों की ''दुर्दशा'' पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दिल्ली के बोट क्लब में एक सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन किया था। महेंद्र सिंह टिकैत की 2011 में मृत्यु के बाद, नरेश और राकेश टिकैत विभिन्न भूमिकाओं में मुख्य संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं, हालांकि देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षों से कई गुट उभरे हैं। नरेंद्र ने कहा कि केन्द्र इस गलतफहमी में है कि वह किसानों के विरोध को उसी तरह कुचल सकता है जैसा कि उसने विभिन्न रणनीतियों का इस्तेमाल कर पूर्व में हुए अन्य आंदोलनों को कुचला था। उन्होंने कहा, ''मैं यहां सिसौली में हूं, लेकिन मेरी नजर वहां पर है।''

उन्होंने कहा कि वह गाजीपुर की सीमा पर जाते रहते हैं जहां नवंबर 2020 से सैकड़ों किसान और बीकेयू समर्थक डेरा डाले हुए हैं। नरेंद्र ने कहा, ''इस सरकार को गलतफहमी है, शायद इसलिए कि इस तरह के विरोध का सामना उसे कभी नहीं करना पड़ा, लेकिन हमने आंदोलन देखे हैं और 35 वर्षों से इसका हिस्सा हैं। इस सरकार को केवल छोटे विरोधों का सामना करने और विभिन्न रणनीति के माध्यम से उन विरोध प्रदर्शनों को दबाने का अनुभव है।'' उन्होंने कहा, ''वे किसी भी तरह से इस विरोध को कुचल नहीं सकते। यह तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं। इस सरकार का कार्यकाल साढ़े तीन साल का है, और हम उसके कार्यकाल के अंत तक आंदोलन जारी रख सकते हैं।''

उन्होंने कहा, ''अगर सरकार बार-बार कहती है कि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा, तो वे इसे लिखित रूप में क्यों नहीं दे सकते? वे रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने की बात कहते रहते हैं, लेकिन यह सब्सिडी भी खत्म हो गई है।'' टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र ने स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए यही काम किया है, जहां निजी संस्थान पैसे कमा रहे हैं, जबकि सरकारी संस्थानों की स्थिति और खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा, ''अब वे चाहते हैं कि व्यावसायिक घराने फसलों का भंडारण करें और बाद में वांछित दरों पर बेच दें। उनका प्रयास व्यवसाय के लिए है और यही एजेंडा है।'' उन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि टिकैत परिवार के पास करोड़ों की जमीन है और क्षेत्र में बीकेयू गुंडागर्दी में शामिल है, उन्होंने कहा, ''ऐसा कुछ भी नहीं है कि वे (सरकार) हमारे खिलाफ कुछ साबित कर सकें और इसलिए ऐसा (आरोपों को लगाना) हो रहा है। यदि वे हमारे परिवार के किसी एक सदस्य में भी कोई दोष पाते हैं, तो हम दिल्ली से लौट आएंगे।'' उन्होंने बीकेयू द्वारा गुंडागर्दी के आरोपों को भी गलत बताया।

उन्होंने कहा, ''हम ऐसा क्यों करेंगे? कुछ तो यह भी कहते हैं कि हम विरोध प्रदर्शन के लिए पैसे ले रहे हैं। हमारे 200 से अधिक किसानों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान अपना बलिदान दिया है। विरोध के लिए पैसे लेने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि हमारे पास किसी भी संसाधन की कमी नहीं है।'' उनके सबसे बड़े भाई नरेश टिकैत बालियान खाप के प्रमुख हैं। नरेंद्र ने कहा, ''हमारे 84 गांव हैं (बालियान खाप से संबंधित)। इस हिसाब से हमारे पास तीन लाख बीघा जमीन है। जब हमारे पिता का निधन हो गया, तो उन्होंने 84 गांवों की जिम्मेदारी हमारे ऊपर दी थी। हम 84 गांवों के चौधरी हैं और ये सब केवल हमारे है। ज्यादा पैसे हासिल कर हमें क्या करना हैं।''

टिकैत ने सोरम में एक 'सर्व खाप' बैठक में संकेत दिया कि यदि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी रहा और सरकार किसानों की मांगों पर सहमत नहीं होती है तो निकट भविष्य में और क्षेत्रीय समर्थन जुटाया जायेगा। गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं।

किसानों ने फिर किया 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान


नई दिल्ली। एमएसपी पर कानून बनाने और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 मार्च को चार महीने पूरे होने के अवसर पर किसान संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। 

इससे पहले किसान यूनियनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें काफी हिंसा हुई थी। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए रूटों से अलग चले गए थे। कई किसानों ने लाल किले परिसर में घुसते हुए झंडा फहरा दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया। हिंसा को लेकर विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए गए। 

उधर,  भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने आगामी 13 मार्च को कोलकाता जाने का ऐलान करते हुए कहा है कि वह किसानों से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर चर्चा करके भाजपा को पराजित करने का आह्वान करेंगे। हालांकि, वह किसी राजनैतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि वह 13 मार्च को कोलकाता जाएंगे और वहीं से निर्णायक संघर्ष का बिगुल फूकेंगे।

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