नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) की बैठक के बाद कई नियमों में बदलाव किया है। इन नियमों की सिफारिश सौरव गांगुली की अगुवाई वाली पुरुष क्रिकेट समिति ने की थी। पुरुष और महिला क्रिकेट में ये बदलाव एक अक्तूबर से लागू होंगे। अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी किसी बल्लेबाज के कैच आउट होने पर अगली गेंद नए बल्लेबाज को ही खेलनी होगी। रन भागने से इस पर फर्क नहीं पड़ेगा। इसके अलावा गेंद चमकाने के लिए लार के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इस बैठक के बाद गांगुली ने कहा, "पहली बार आईसीसी क्रिकेट समिति की बैठक की अध्यक्षता करना एक सम्मान की बात थी। मैं समिति के सदस्यों के योगदान से खुश हूं, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण सिफारिशें की गईं। मैं सभी सदस्यों को उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद देता हूं।"
एक अक्तूबर से होगा यह परिवर्तन
जब कोई बल्लेबाज कैच आउट होता है, तो नया बल्लेबाज स्ट्राइक में आएगा, भले ही बल्लेबाज कैच लेने से पहले एक दूसरे को पार हो गए हों। पहले यह नियम था कि कैच पकड़े जाने से पहले अगर बल्लेबाज एक-दूसरे को पार कर लेते थे तो दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज स्ट्राइक पर आ जाता था और नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक पर रहता था।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो साल से अधिक समय से गेंद चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगा है। कोरोना महामारी आने के बाद इसे सुरक्षा के मद्देनजर लाया गया था, लेकिन अब इसे स्थायी रूप से लागू कर दिया गया है।
अब विकेट गिरने के बाद नए बल्लेबाज को टेस्ट और वनडे मैचों में दो मिनट के भीतर स्ट्राइक लेने के लिए तैयार होना होगा, जबकि टी20 में यह समय पहले की तरह 90 सेकंड ही रखा गया है। पहले नए बल्लेबाज को इसके लिए टेस्ट में तीन मिनट का समय लगता था।
अगर कोई बल्लेबाज गेंद खेलने की कोशिश में पिच से पूरी तरह बाहर चला जाता है तो वह गेंद डेड बॉल हो जाएगी और बल्लेबाज को कोई रन नहीं मिलेगा। इसके अलावा कोई भी गेंद जो बल्लेबाज को पिच छोड़ने के लिए मजबूर करेगी, उसे भी नो बॉल कहा जाएगा। (कई मौकों पर जब गेंद गेंदबाज के हाथ से छूट जाती थी और पिच से काफी बाहर चली जाती थी, तब बल्लेबाज पिच से बाहर जाकर भी उसे खेलते थे। अब पिच से बाहर जाने पर बल्लेबाज को कोई रन नहीं मिलेगा।)
गेंदबाज के गेंद फेंकने से ठीक पहले अगर फील्डर जानबूझकर कोई अनुचित हरकत करते हैं तो अंपायर उस गेंद को डेड बॉल देने के अलावा बल्लेबाजी करने वाली टीम को पेनल्टी के रूप में पांच रन दे सकते हैं।
अगर कोई गेंदबाज गेंद करने से ठीक पहले नॉन स्ट्राइक पर खड़े बल्लेबाज की गिल्लियां बिखेरकर उसे आउट कर देता है तो इसे रन आउट माना जाएगा। इसे मांकडिंग के नाम से जाना जाता है और पहले इसे खेल भावना के विपरीत माना जाता था।
पहले नियम था कि अगर कोई बल्लेबाज गेंद खेलने से पहले ही क्रीज से बाहर आ जाता है तो गेंदबाज थ्रो करके उसे रन आउट कर सकता था, लेकिन अब यह नियम हटा दिया गया है। ऐसा करने पर वह गेंद डेड बॉल करार दी जाएगी।
टी20 क्रिकेट में धीमी ओवर गति पर जुर्माने का नया प्रावधान लाया गया है। 2023 विश्व कप के बाद इसे वनडे में भी लागू किया जाएगा। इस नियम के अनुसार गेंदबाजी करने वाली टीम को निश्चित समय के अंदर अपना आखिरी ओवर शुरू करना होता है। अगर तय समय पर कोई टीम अपना आखिरी ओवर नहीं शुरू कर पाती तो उस समयसीमा के बाद जितने भी ओवर होते हैं, उनमें एक फील्डर बाउंड्री से हटाकर तीस गज के दायरे के अंदर रखना पड़ता है। इससे बल्लेबाजों को मदद मिलती है। फिलहाल यह नियम टी20 क्रिकेट में लागू है और अगले साल इसे वनडे में भी लाया जाएगा।
अब सभी पुरुषों और महिलाओं के वनडे और टी20 मैचों में दोनों टीमों की सहमति होने पर हाइब्रिड पिचों का उपयोग किया जा सकेगा। वर्तमान में, हाइब्रिड पिचों का उपयोग केवल महिला टी20 मैचों में ही किया जा सकता है।