नयी दिल्ली। चुनावी माहौल में जाट मतदाता को भाजपा से जोड़ने के लिए दिल्ली में सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जाट नेताओं के साथ बैठक की । उन्होंने कहा कि भाजपा और जाटों का डीएनए एक ही है।
बैठक को सामाजिक भाईचारा बैठक नाम दिया गया। बैठक में 300 से अधिक जाट नेता शामिल रहे। अमित शाह ने जाट समुदाय के साथ 650 साल पुराना रिश्ता बताते हुए कहा कि आपने मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, हम भी लड़ रहे हैं। जाट भी किसानों के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। जाट देश की सुरक्षा के लिए सोचते हैं और बीजेपी भी। शाह ने कहा कि यदि कोई शिकायत है तो उनसे झगड़ा कर सकते हैं, लेकिन पार्टी से कोई नाराजगी ना रखी जाए। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में मिले समर्थन का जिक्र करते हुए कहा कि हम जब भी आए आपने वोटों से झोली भर दी। कई बार आपकी बात नहीं मानी तब भी आपने हमें वोट दिया।
बैठक में खाप चौधरी टिकैत, गठवाला खाप चौधरी राजेंद्र मलिक, शियोवीर सिंह, सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान आदि शामिल नहीं हुए। राकेश टिकैत का कहना था कि यह जाटों की बैठक थी और वह किसानों के नेता है हालांकि इससे पहले हमेशा जाटों की बैठक में राकेश टिकैत शामिल होते रहे हैं वहीं उनके बेहद करीबी और उनके मुख्य सलाहकार अशोक बालियान और सुभाष चौधरी इस बैठक में मुख्य रूप से शामिल थे।भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि हम रालोद प्रमुख जयंत चौधरी का अपने घर (भाजपा) में स्वागत करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने गलत रास्ता चुना है। जाट समुदाय के लोग उनसे बात करेंगे। हमारे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं। यह बात तय है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।
बैठक में केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान और बागपत सांसद सतपाल तोमर, राघव लखनपाल अशोक प्रधान, मोहित बेनीवाल, कैप्टन अभिमन्यु भी उपस्थित थे। मुजफ्फरनगर से सुभाष चौधरी अशोक बालियान राजू अहलावत गौरव पिन्ना, वंदना वर्मा, हरेंद्र प्रमुख, धीरेंद्र प्रधान योगेंद्र काला आदि भी हुए शामिल। अशोक बालियान, सुभाष चौधरी ने भी लोगों को संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का डीएनए और जाट बिरादरी का डीएनए एक सा है। दोनों ही देश पर कुर्बान होने की सोचते हैं दोनों ही देश के लिए कार्य करना पसंद करते हैं। जाटों को प्रदेश में आरक्षण दिया तो हमने दिया और केंद्र में भी आरक्षण मिले इस पर अब और तेजी से कार्य होगा। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी जी हमारे अपने ही हैं। हमें उनसे कोई परहेज नहीं उन्होंने गलत घर चुन लिया है उनका हमेशा हम लोग स्वागत करेंगे। आगे भी उनसे बात होती रहेगी।उन्होंने कहा कि जाट इस देश का सबसे बड़ा रक्षक है और वह भारतीय जनता पार्टी के विचारों से सहमत हैं। कृषि बिल पर कुछ मतभेद हुए थे वह भी अब समाप्त है। उन्होंने कहा कि जाट बिरादरी कभी नहीं चाहेगी कि प्रदेश में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग रखी गई है। साथ ही जाटों के लिए आरक्षण के साथ केंद्र और यूपी सरकार में प्रतिनिधित्व की मांग भी उठाई है।
प्रवेश वर्मा के आवास पर हुई इस बैठक का नाम सद्भावना बैठक रखा गया इसमें पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से जाट नेता शामिल हुए। हालांकि इनमें अधिकांश बीजेपी से ही जुड़े हुए हैं।