रविवार, 16 जनवरी 2022

शाकम्भरी देवी जन्मोत्सव पर जानिए यह रोचक कथा

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              शाकंभरी देवी जन्मोत्सव 2022


                     सोमवार, 17 जनवरी 2022

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 17 जनवरी 2022 पूर्वाह्न 03:18 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 18 जनवरी2022 पूर्वाह्न 05:17 बजे


शाकंभरी माता रानी की कृपा आप पर आपके परिवार पर सदैव बनी रहे.. राजीव बंसल


शाकंभरी देवी जयंती हिन्दू धर्म के लिए महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन माँ आदिशक्ति जगदम्बा ने शाकंभरी देवी के रूप में सौम्य अवतार लिया था। ऐसा माना जाता है कि देवी भगवती ने अकाल और पृथ्वी पर गंभीर खाद्य संकट को कम करने के लिए शाकंभरी के रूप में अवतार लिया था। जैसा कि उनके नाम से ज्ञात होता है जिसका अर्थ है - ‘शाक’ जिसका अर्थ है ‘सब्जी व शाकाहारी भोजन’ और ‘भारी’ का अर्थ है ‘धारक’। इसलिए सब्जियों, फलों और हरी पत्तियों की देवी के रूप में भी जाना जाता है और उन्हें फलों और सब्जियों के हरे परिवेश के साथ चित्रित किया जाता है। शाकंभरी देवी को चार भुजाओं और कही पर अष्टभुजाओं वाली के रुप में भी दर्शाया गया है। माँ शाकम्भरी को ही रक्तदंतिका, छिन्नमस्तिका, भीमादेवी, भ्रामरी और श्री कनकदुर्गा कहा जाता है।


माँ श्री शाकंभरी के देश मे अनेक पीठ है। लेकिन शक्तिपीठ केवल एक ही है जो सहारनपुर के पर्वतीय भाग मे है यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे अधिक देखे जाने वाले मंदिरों मे से एक है और उत्तर भारत मे वैष्णो देवी के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तर भारत की नौ देवियों मे शाकम्भरी देवी का नौंवा और अंतिम दर्शन माना जाता है। नौ देवियों मे माँ शाकम्भरी देवी का स्वरूप सर्वाधिक करूणामय और ममतामयी माँ का है।


जयंती उत्सव

माँ श्री शाकंभरी की जयंती पर मेले का आयोजन भी होता है जिसमें सबसे ज्यादा माने जाने वाल मंदिर शाकंभरी देवी मंदिर सहारनपुर में स्थित है। इस दिन शाकंभरी देवी मंदिर सहारनपुर पर लाखों भक्त माँ के दर्शन हेतु आते है। शाकंभरी देवी मंदिर सहारनपुर को शक्ति पीठ कहा जाता है। इसके अलावा दो मंदिर और है, जो शाकंभरी माता सकरायपीठ और शाकंभरी माता सांभर पीठ है। ऐसा माना जाता है कि शाकंभरी माता के पूजन से अन्न, फल, धन, धान्य और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। माँ शाकम्भरी देवी जी सहारनपुर की अधिष्ठात्री देवी है।


शाकंभरी देवी के अवतार की कथा

देवी पुराण, शिव पुराण और धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार हिरण्याक्ष के वंश मे एक महादैत्य रूरु था। रूरु का एक पुत्र था जिसका नाम दुर्गमासुर था। दुर्गमासुर ने ब्रह्मा जी की तपस्या करके चारों वेदों को अपने अधीन कर लिया। वेदों के ना रहने से समस्त क्रियाएँ लुप्त हो गयी। ब्राह्मणों ने अपना धर्म त्याग कर दिया। चौतरफा हाहाकार मच गया। ब्राह्मणों के धर्म विहीन होने से यज्ञादि अनुष्ठान बंद हो गये और देवताओं की शक्ति भी क्षीण होने लगी। जिसके कारण एक भयंकर अकाल पड़ा। किसी भी प्राणी को जल नही मिला रहा था। जल के अभाव मे वनस्पति भी सूख गयी, जिसके काराण भूख और प्यास से समस्त जीव मरने लगे। दुर्गमासुर की देवों से भयंकर लडाई हुई जिसमें देवताओं की हार हुई अतः दुर्गमासुर के अत्याचारों से पीड़ित देवतागण शिवालिक पर्वतमालाओं में छिप गये तथा जगदम्बा का ध्यान, जप, पुजन और स्तुति करने लगे । उनके द्वारा जगदम्बा की स्तुति करने पर महामाया माँ पार्वती जो महेशानी, भुवनेश्वरि नामों से प्रसिद्ध है आयोनिजा रूप मे सहारनपुर शक्ति पीठ स्थल पर प्रकट हुई। समस्त सृष्टि की दुर्दशा देख जगदम्बा को बहुत दुख हुआ और उनकी आंखों से आंसुओं की धारा प्रवाहित होने लगी। आंसुओं की धारा से सभी नदियां व तालाब पानी से भर गये। देवताओं ने उस समय माँ की शताक्षी देवी नाम से आराधना की। शताक्षी देवी ने एक दिव्य सौम्य स्वरूप धारण किया। चतुर्भुजी माँ कमलासन पर विराजमान थी। अपने हाथों मे कमल, बाण, शाक- फल और एक तेजस्वी धनुष धारण किये हुए थी। भगवती परमेश्वरी ने अपने शरीर से अनेकों शाक प्रकट किये। जिनको खाकर संसार की क्षुधा शांत हुई। माता ने पहाड़ पर दृष्टि डाली तो सर्वप्रथम सराल नामक कंदमूल की उत्पत्ति हुई । इसी दिव्य रूप में माँ शाकम्भरी देवी के नाम से पूजित हुई।


तत्पश्चात् वह दुर्गमासुर को रिझाने के लिये सुंदर रूप धारण कर शिवालिक पहाड़ी पर आसन लगाकर बैठ गयीं। जब असुरों ने पहाड़ी पर बैठी जगदम्बा को देखा तो उनकों पकडने के विचार से आये। स्वयं दुर्गमासुर भी आया तब देवी ने पृथ्वी और स्वर्ग के बाहर एक घेरा बना दिया और स्वयं उसके बाहर खडी हो गयी। दुर्गमासुर के साथ देवी का घोर युद्ध हुआ अंत मे दुर्गमासुर मारा गया। इसी स्थल पर मां जगदम्बा ने दुर्गमासुर तथा अन्य दैत्यों का संहार किया व भक्त भूरेदेव(भैरव का एक रूप) को अमरत्व का आशीर्वाद दिया।माँ की असीम अनुकम्पा से वर्तमान में भी सर्वप्रथम उपासक भूरेदेव के दर्शन करते हैं तत्पश्चात पथरीले रास्ते से गुजरते हुये मां शाकम्भरी देवी के दर्शन हेतु जाते हैं। जिस स्थल पर माता ने दुर्गमासुर नामक राक्षस का वध किया था वहाँ अब वीरखेत का मैदान है। जहाँ पर माता सुंदर रूप बनाकर पहाड़ी की शिखा पर बैठ गयी थी वहाँ पर माँ शाकम्भरी देवी का भवन है। जिस स्थान पर माँ ने भूरा देव को अमरत्व का वरदान दिया था वहाँ पर बाबा भुरादेव का मंदिर है। प्राकृतिक सौंदर्य व हरी- भरी घाटी से परिपूर्ण यह क्षेत्र उपासक का मन मोह लेता है। देवीपुराण के अनुसार शताक्षी, शाकम्भरी व दुर्गा एक ही देवी के नाम है।

*माँ शाकम्भरी जयन्ती*

गतवर्षो की भांति इस वर्ष भी हमारी कुल देवी माता रानी शाकम्भरी देवी जी की जयन्ती के शुभ अवसर पर निम्न कार्यक्रम अनुसार मनाई जाएगी जिसमें 

आप सभी सपरिवार सादर आमत्रिंत है

 *-:सोमवार 17 जनवरी:-*

 हवन,पूजा 10-00 प्रातः

कन्या पूजन 11-30 दोपहर

विशाल भण्डारा 12-00 दोपहर

*स्थान:-प्राचीन देवी मन्दिर नदी रोड मौ० गऊशाला मुजफ्फरनगर*

कृपया निमंत्रण स्वीकार कर इष्टमित्रो सहित आकर धर्म लाभ उठाये

निवेदन:-विनय गर्ग,अतुल गर्ग,मुकुल गर्ग,शलभ गर्ग

संजय गर्ग:- जिला उपाध्यक्ष,पूर्व सभासद

मितिका गर्ग:- पूर्व सभासद

भारतीय जनता पार्टी मु०नगर

                            जय माता की

कोरोना संक्रमण गंभीर नहीं पर रहें सतर्क


मुजफ्फरनगर । कोविड-19 के मामले बढ़ जरूर रहें हैं लेकिन पहली दो लहर जैसी गंभीर स्थिति संक्रमितों में इस बार नहीं देखी जा रही है । बहुत से लोगों में तो कोई खास लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, फिर भी उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है । ऐसी स्थिति में घर पर ही रहकर कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए और स्वास्थ्य महानिदेशालय से जारी दवाओं का सेवन करते हुए कोरोना को आसानी से मात दिया जा सकता है । इसके साथ ही सरकार द्वारा कोविड की जांच, उपचार और रेफर के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से संक्रमितों की निगरानी की जा रही है और जरूरी परामर्श भी दिए जा रहे हैं ।

सीएमओ डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस बार कोविड को मात देने के लिए समिति द्वारा निर्धारित दवाओं की सूची जारी करने के साथ ही कोरोना से निपटने के लिए की गईं तैयारियों और बरती जाने वाली सावधानियों का भी जिक्र किया है । पत्र के मुताबिक इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर से होम आइसोलेशन के पात्र मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है । किसी होम आइसोलेटेड मरीज के लक्षण युक्त हो जाने या उसे चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होने पर इलाज व संदर्भन की सुविधा मिल रही है । इसके अलावा जन सामान्य को कोविड से बचाव के उपायों और प्रदेश में उपलब्ध कोविड की जांच व इलाज की उपलब्ध सेवाओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है । चिकित्सीय सलाह की सुविधा पूरे समय के लिए उपलब्ध है । ई-संजीवनी एप के माध्यम से घर पर ही अनुभवी चिकित्सकों द्वारा मुफ्त कंसल्टेंसी की सुविधा दी जा रही है । सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त कोविड टीकाकरण किया जा रहा है । नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त कोविड जांच और लक्षण युक्त व्यक्तियों के लिए उपचार की सुविधा मौजूद है । विशेष परिस्थितियों में हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-5145 और 104 नंबर की भी मदद ली जा सकती है । ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति कोविड पाजिटिव है तो होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करें और घर से बाहर न निकलें । इसके अलावा यदि खुद कोविड के लक्षणों से ग्रसित हैं तो खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रखें और घर से बाहर न निकलें ।

इन परिस्थितियों में हेल्पलाइन या डाक्टर से संपर्क करें : 

लगातार कई दिनों तक 101 डिग्री से अधिक का बुखार 

सांस फूलना और सांस लेने में परेशानी होना 

पल्स आक्सीमीटर से नापने पर आक्सीजन का स्तर 94 फीसद से कम आना 

भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने पर  

छोटे बच्चों में कोविड के लक्षण : 

बुखार, खांसी, जुकाम 

लगातार रोना 

दूध/खुराक लेना बंद कर देना 

दस्त लगना 

पसली चलना 

निढाल पड़ जाना 

12 वर्ष से अधिक के लोगों में कोविड के लक्षण : 

बुखार, खांसी, जुकाम व थकावट 

सिर दर्द व बदन दर्द 

स्वाद या गंध की चेतना का चला जाना 

बुखार के साथ दस्त 

बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते

कोविड से बचाव एवं सावधानियाँ : 

हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें 

मास्क को ठीक तरह से पूरे मुंह व नाक को ढकते हुए लगाएं 

सोशल डिस्टेंसिंग (छह फुट की दूरी) का पालन करें 

अनावश्यक घर से बाहर न निकलें 

लक्षण आने पर खुद को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें और जांच कराएं 

बार-बार साबुन-पानी से अच्छी तरह से हाथों को धुलते रहें 

समय से कोविड टीकाकरण जरूर कराएं  

दवाओं के साथ इन बातों का भी रखें ख्याल : 

सांस संबंधी व्यायाम, योग व प्राणायाम दिन में 20 से 30 मिनट तक करें (सहज महसूस करने पर ही) 

दिन में तीन से चार बार श्वसन दर (रेस्परेटरी रेट) व आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) अवश्य नापें, यह 94 फीसद अथवा इससे अधिक होना चाहिए 

पर्याप्त मात्रा में हल्का गर्म/गुनगुना पानी पियें 

उच्च रक्तचाप व किसी पुरानी बीमारी का उपचार चल रहा है तो उसे डाक्टर के परामर्श से जारी रखें

नाहिद हसन की जगह बहन इकरा सपा प्रत्याशी

 


लखनऊ । कैराना विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने  नाहिद हसन की जगह उनकी बहन इकरा को टिकट देने का ऐलान किया है।

कैराना से सपा विधायक और गठबंधन प्रत्याशी नाहिद हसन को गैंगस्टर एक्ट में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सपा ने यह फेरबदल किया है। शनिवार को नाहिद हसन को गैंगस्टर के पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट ने नाहिद हसन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नाहिद हसन और उनकी मां तबस्सुम हसन समेत 40 लोगों पर पिछले साल यह केस दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के बाद नाहिद पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था। इन हालात में नाहिद हसन चुनाव नहीं लड़ सकते थे। इसीलिए सपा ने फौरन प्रत्याशी बदल कर उनकी बहन इकरा को टिकट दिया। इकरा के लिए बुढ़ाना सीट से टिकट की मांग परिवार ने पहले ही कर रखी थी लेकिन बुढ़ाना से सपा किसी और को ला रही है। इसलिए इकरा को बुढ़ाना सीट के लिए मना कर दिया था। 

टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने थामा रालोद का दामन


 मुजफ्फरनगर। टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता शलभ कौशिक आज राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए है।

बता दें नगर के प्रमुख कांग्रेसी परिवार रामकुमार कौशिक के भतीजे व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व नगरपालिका के पूर्व चैयरमेन डॉ सुभाषचंद शर्मा के दामाद शलभ कौशिक आज कांग्रेस छोड़कर राष्ट्रीय लोकदाल में शामिल हो गए है। शलभ कौशिक ने राष्टीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के समक्ष राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की है। उन्होंने मुजफ्फरनगर शहर विधानसभा सीट से टिकट के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की है।



भाजपा विधायक समेत 27 पर कोविड गाइडलाइन उल्लंघन का मुकदमा दर्ज, बिना अनुमति सभा कर बांटी खिचड़ी

 


मुजफ्फरनगर। बिना अनुमति के सभा का आयोजन कर खिचड़ी बांटने पर पुरकाजी के विधायक प्रमोद उटवाल व उनके समर्थकों पर आचार संहिता व कोविड गाइड लाइन के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुरकाजी थाने में दरोगा लोकेंद्र पाल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया कि वह शुक्रवार दोपहर धमात नहर पुल पर गश्त पर थे, तभी पता चला कि विधायक प्रमोद उटवाल ने बिना अनुमति के गांव चंदन फार्म में पंचायत घर पर बैठक कर वहां खिचड़ी बांटी है। गांव में पहुंचने पर मामला सही पाया। इसके बाद विधायक प्रमोद उटवाल व उनके समर्थक नूरनगर पुरकाजी निवासी मनोज जोधा, रंडावली पुरकाजी निवासी नीटू, चंदन फार्म पुरकाजी निवासी गोपाल व सुरेंद्र व बीस पच्चीस अज्ञात समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। बताया गया कि इस मामले की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। 

पुरकाजी थाने के सब-इंस्पेक्टर लोकेश सिंह ने बताया कि विधायक और उनके समर्थकों के खिलाफ शनिवार शाम भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जिले में मिले 256 नए मामलें

 


मुजफ्फरनगर । जनपद में कोरोना के मामले बढते ही जा रहे हैं। आज फिर 256 नये मामले आने के बाद जिले में कोरोना के एक्टिव मामले बढकर 2103 हो गये।

प्रमोद ऊंटवाल ने किया जनसंपर्क

 



मुजफ्फरनगर । पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी प्रमोद ऊंटवाल ने ग्राम रोहाना में लोगों से मिलकर जन संघ जनसंपर्क किया और सरकार के ज़नहितकारी कार्यों को बताया तथा ग्राम के लोगों का हालचाल जाना।

सपा कार्यालय पर इस नेता ने मचा दिया हडकंप



लखनऊ । रविवार को करीब 11 बजे दिन में समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर उस समय खलबली मच गई, जब यहां पर पार्टी के नेता आदित्य ठाकुर ने आत्मदाह का प्रयास किया। 

बताया गया है कि अलीगढ़ के छर्रा से टिकट पाने के प्रयास में लम्बे समय से लगे ठाकुर आदित्य सिंह लोधी को जब निराशा मिली तो उन्होंने आत्मदाह का कदम उठाया। अलीगढ़ के आदित्य ठाकुर ने समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जवानी और जीवन को पार्टी के लिए खपा दिया है। वह अलीगढ़ के छर्रा से टिकट नहीं मिलने नाराज हैं। पुलिस ने आदित्य ठाकुर को हिरासत में ले लिया है। उनको मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया है।

क्षेत्र में पहुंचने पर उमेश मलिक का जोरदार स्वागत

 


मुजफ्फरनगर । बुढ़ाना विधानसभा से टिकट होने पर विधायक उमेश मलिक का विधानसभा क्षेत्र में जोरदार स्वागत किया गया। क्षेत्र की जनता ने उन्हें भरपूर प्यार दिया तथा फूल मालाओं के साथ स्वागत किया।

गौरव, सौरभ, राकेश शर्मा या अरविंद त्यागी, सदर विधानसभा पर फंसा पेंच


 मुजफ्फरनगर। आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं हालांकि समाजवादी पार्टी रालोद गठबंधन और कॉन्ग्रेस द्वारा सदर विधानसभा से अभी प्रत्याशी के नाम पर मुहर नहीं लगाई गई है। वहीं बीजेपी द्वारा कपिल देव अग्रवाल व बहुजन समाज पार्टी से पुष्पांकर पाल को प्रत्याशी बनाया गया है। वही बुढाना विधानसभा सीट से वर्तमान में विधायक उमेश मलिक को भाजपा द्वारा अपना प्रत्याशी बनाया गया है। गठबंधन से राजपाल बालियान एवं बहुजन समाज पार्टी से मोहम्मद अनीस को प्रत्याशी घोषित किया गया है। खतौली विधान सभा सीट वर्तमान विधायक विक्रम सैनी को भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया है। समाजवादी पार्टी एवं रालोद गठबंधन से हाल ही में बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद राजपाल सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है। बहुजन समाज पार्टी द्वारा माजिद सिद्दीकी को प्रत्याशी घोषित किया गया है। कांग्रेस द्वारा अभी तक कोई भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है। बात करें मीरापुर विधानसभा सीट की तो भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस बार भी जमीनी नेता को तवज्जो ना देकर हेलीकॉप्टर नेता बागपत के रहने वाले प्रशांत गुर्जर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। समाजवादी पार्टी रालोद गठबंधन से पुरखों की विरासत को संभालने के लिए युवा नेता चंदन सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। बहुजन समाज पार्टी द्वारा वर्तमान के जिला पंचायत सदस्य शाहनवाज कुरैशी के भाई सलीम कुरैशी को प्रत्याशी घोषित किया गया है। बात करें पुरकाजी विधानसभा जो कि एससी कोटे में सुरक्षित विधानसभा मानी जाती है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा वर्तमान विधायक प्रमोद ऊंटवाल गठबंधन से पूर्व विधायक अनिल कुमार एवं बहुजन समाज पार्टी से हाल ही में कांग्रेस छोड़कर शामिल हुए अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह बेनीवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर चरथावल विधानसभा सीट जयपुर में विधायक रहे एवं बाद में राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद लोगों के बीच रहकर कार्य करने वाले विजय कश्यप की पत्नी सपना कश्यप को प्रत्याशी घोषित किया गया है। गत वर्ष कोरोना काल में कोरोना से पीड़ित होने के बाद राज्य मंत्री विजय कश्यप का देहांत हो गया था। समाजवादी रालोद गठबंधन से हाल ही में कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक को प्रत्याशी बनाया गया है। अभी 2 दिन पूर्व कांग्रेस का दामन छोड़ हाथी पर सवार होने वाले पूर्व गृह राज्य मंत्री शहीदों जमा के बेटे सलमान शहीद को बहुजन समाज पार्टी द्वारा अपना प्रत्याशी बनाया गया है जिसको लेकर पूर्व के विधानसभा प्रभारी अरशद राणा द्वारा पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन लाइन पर ₹67 लेने के बाद टिकट ना करने का भी आरोप लगाया है। जिसमें उन्होंने टिकट अगर घोषित नहीं होता है तो आत्महत्या करने की चेतावनी तक दे डाली थी। कांग्रेस द्वारा अभी भी जिले की सभी विधानसभा को लेकर सभी प्रत्याशियों को विचाराधीन डाला गया है। बात करें सदर विधानसभा की पूर्व में दो बार विधायक एवं राज्यमंत्री का दर्जा लेने वाले वर्तमान में सदर विधायक कपिल देव अग्रवाल को तीसरी बार पार्टी द्वारा अपना प्रत्याशी घोषित किया गया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी अभी तक अपने सदर विधानसभा को लेकर पत्ते दबा कर बैठी हुई है। बात करें पूर्व में राजनीतिक परिवार मंत्री स्वर्ग चितरंजन स्वरूप के परिवार से तो उनके दोनों बेटे गौरव स्वरूप और सौरव स्वरूप उर्फ बंटी टिकट को लेकर लगातार लखनऊ के चक्कर लगा रहे हैं। वही पूर्व बसपा से सदर विधानसभा में चुनाव लड़ने वाले राकेश शर्मा के लिए पार्टी के 2 बड़े नेता टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं। वही वर्तमान में शाहपुर से ब्लॉक प्रमुख अरविंद त्यागी का नाम भी प्रकाश में आ रहा है। जिसको लेकर रालोद के कई नेता दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से मुलाकात भी कर चुके हैं। जिसको लेकर सदर विधानसभा में समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन को प्रत्याशित को लेकर पेंच फंसा हुआ है। देखते हैं कि अब गठबंधन से किस प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाता है।

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