हरिद्वार। पिछले लगभग 2 वर्षों में कोरोना का एक बहुत बड़ा कुनबा पैदा हो गया है, देष और दुनिया को कोरोना के कुनबे से जुझते हुए लगभग 2 साल हो गये, लेकिन पूरा मेडिकल सिस्टम और इंडस्ट्रीज मिलकर के भी अभी तक कोरोना की दवा नहीं बना पाये, हाँ, वैक्सीन जरूर बनायी है, हालाँकि वह कोरोना का ट्रीटमेन्ट नहीं, बल्कि केवल प्रिवेनशन है। योग गुरू बाबा रामदेव का कहना है कि पतंजलि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कोरोनिल किट 25 प्रतिशत छूट से देने का फैसला किया है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि हमनें इन पिछले 20 महीनों में 20 से अधिक इन्टरनेषनल रिसर्च पेपर्स, कोरोना के ट्रीटमेन्ट, प्रीवेन्शन और कॉम्प्लीकेषन के लिए प्रकाशित करके एक नया कीर्तिमान बनाया है, और एक इतिहास रचा है। जो मॉडर्न मेडिकल साइन्स नहीं कर पाया है, वह भी हमने करके दिखाया है। कोरोनिल, श्वासारि, अणुतेल, गिलोय घनवटी, च्यवनप्राष, दिव्यपेय व अष्वगंधा आदि पर हमने 30 से अधिक बड़ी रिसर्च की है। हमारे इस काम व अभियान से चाहे दुराग्रह, स्वार्थ और अहंकार से चूर कुछ मेडिकल माफियाओं को आपत्ति हो सकती है; लेकिन देष के करोड़ों लोगों ने हमारे काम, अनुसंधान और सेवाओं से लाभ उठाया है व सराहना की है। साथ ही महामारी की इस तीसरी लहर के संकट के इस काल में, लोगों की सहायता करने के लिए हमने ये तय किया है कि आज से देश के सभी पतंजलि चिकित्सा केन्द्रों पर कोरोनिल किट पर 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। आप पतंजलि आर्डर-मी एप से डायरेक्ट आर्डर करके, या www.patanjaliayurved.net पर भी ऑनलाईन कोरोनिल किट को छूट पर मंगवा सकते हैं। जो लोग संस्थागत रूप से, एक कॉर्टन (25 पीस) व उससे अधिक दूसरों की सेवा के लिए कोरोनिल किट मंगवाना चाहते हैं, उनको हम 40 प्रतिशत की छूट देंगे, जिससे संकट काल में लोगों की सेवा व सहायता की जा सके।
उन्होंने कहा कि हमने कोरोना के माइल्ड, मोडरेट और सीवियर इन तीनों प्रकार के रोगियों पर कार्य किया है, लोगों को औषधि दी है और उनको संकट से बाहर निकाला है, हमारे पास मोडरेट व सीवियर पेसेन्ट का डाटा है, जिसमें कोरोना के संक्रमण में इस औषधि का प्रभाव देखा गया है। यद्यपि ओमिक्रोन का संक्रमण दर फैलने की दर ज्यादा है तथापि सीवियरटी और कैजुएल्टी कम है। फिर भी ओमिक्रॉन को हल्के में नहीं लेना चाहिये। जिन रोगियों में डायबिटीज व दूसरे कॉम्पलीकेषन है उनको ऑमिक्रॉन से नुकसान का ज्यादा खतरा है। जिनकी इम्यूनिटी कम है, वह अपने-आपको ओमिक्रोन से विजय प्राप्त करने के लिए तथा भीतर से अपने आपको मजबूत बनाने के लिए योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी का प्रयोग करें।
एलौपैथी से बीमारियों को केवल supress कर सकते हैं, लेकिन ऐलोपैथी में क्योर करने की प्रक्रिया नगण्य है। हमारे परम्परागत साइन्टिफिक तौर-तरीकों को ज्यादा से ज्यादा अपनायें और रोग को जड़-मूल से मिटायें। जैसे-लौकी से बी.पी., हार्ट के रोगों को मिटायें; खीरा, करेला, टमाटर से डायबिटीज को; अर्जुन की छाल से हार्ट की प्रॉब्लम को; तथा गिलोय अश्ववगंधा आदि से अपनी इम्यूनिटी को बढ़ायें।
हमारी प्रतिबद्धता WHO के सस्टेनेबल हेल्थ के उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए पूरी दुनिया के मेडिकल सिस्टम में इन्ट्रीग्रेटेड पैथी की अप्रोच को स्थापित करना है। पतंजलि वेलनेस के द्वारा पूरे विश्व में इन्ट्रीग्रटिड पैथी को प्रतिस्थापित करके लोगों को बीमारियों से स्थायी समाधान (सस्टेनेबल व कम्पलीट सॉल्यूशन) देना हमारा उद्देश्य है।