शनिवार, 8 जनवरी 2022

उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग

 


देहरादून । उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऎलान कर दिया। यहां एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। इसके लिए 21 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। 28 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है। 29 जनवरी को नामांकन की स्क्रूटनी होगी और 31 जनवरी तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 14 फरवरी को पूरे प्रदेश में वोट डाले जाएंगे। इसके नतीजे 10 मार्च को आएंगे। पिछली बार यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 15 फरवरी को वोट डाले गए थे, जबकि वोटों की गिनती 11 मार्च को हुई थी।  

मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के पुष्कर सिंह धामी चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री बनाए गए धामी,  इस चुनाव में भी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। 

कांग्रेस हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लडेगी। इस चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इसके बाद भी हरीश रावत कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। 

अजय कोठियाल आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। आप ने बीते 17 अगस्त को ही पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चहरे का ऐलान कर दिया था। कोठियाल 26 साल तक सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

मुजफ्फरनगर में पहले चरण में चुनाव


*पहला चरणः* 10 फरवरी 2022

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 15 जिलों की 73 सीटों पर चुनाव होंगे.

जिलेः शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज.

 


*दूसरा चरणः* 14 फरवरी 2022

दूसरे चरण में 11 जिलों के 67 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले जाएंगे.

जिलेः सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, खेरी, शाहजहांपुर और बदायूं.


*तीसरा चरणः* 20 फरवरी 2022

12 जिलों के 69 विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे चरण के दौरान चुनाव होंगे.

जिलेः फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी और सीतापुर.



*चौथा चरणः* 23 फरवरी 2022

12 जिलों के 53 विधानसभा क्षेत्रों में चौथे चरण के दौरान चुनाव होंगे.

जिलेः प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, रायबरेली और चित्रकूट.


*पांचवां चरणः* 27 फरवरी 2022

52 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान 11 जिलों में चुनाव होंगे.

जिलेः बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, अमेठी और सुल्तानपुर.


*छठा चरणः* 03 मार्च 2022

सात जिलों की 49 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण के दौरान मतदान संपन्न होंगे.

जिलेः महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ और बलिया.


*सातवां चरणः* 07 मार्च 2022

7 जिलों की 40 विधानसभा क्षेत्रों में पांचवे चरण में चुनाव होंगे.

जिलेः गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्रा और जौनपुर. 

उत्तर प्रदेश में चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा :

 सातवां चरण

अधिसूचना 10 फरवरी

नामांकन की आखिरी तारीख 17 फरवरी

नामांकन की जांच 18 फरवरी

नाम वापसी 21 फरवरी

मतदान 7 मार्च


उत्तर प्रदेश का छठा चरण और मणिपुर का दूसरा चरण

अधिसूचना 4 फरवरी

नामांकन की आखिरी तारीख 11 फरवरी

नामांकन की जांच 14 फरवरी

नाम वापसी 16 फरवरी

मतदान 3 मार्च



उत्तर प्रदेश का पांचवां चरण और मणिपुर का पहला चरण

अधिसूचना 1 फरवरी

नामांकन की आखिरी तारीख 8 फरवरी

नामांकन की जांच 9 फरवरी

नाम वापसी 11 फरवरी

मतदान 27 फरवरी


उत्तर प्रदेश का चौथा चरण

अधिसूचना 27 जनवरी 

नामांकन की आखिरी तारीख 3 फरवरी

नामांकन की जांच 4 फरवरी

नाम वापसी 7 फरवरी

मतदान 23 फरवरी


उत्तर प्रदेश का तीसरा चरण

अधिसूचना 25 जनवरी 

नामांकन की आखिरी तारीख 1 फरवरी

नामांकन की जांच 2 फरवरी

नाम वापसी 4 फरवरी

मतदान 20 फरवरी

 

उत्तर प्रदेश का दूसरा चरण और पंजाब, उत्तराखंड, गोवा का पहला चरण

अधिसूचना - 21 जनवरी 

नामांकन की आखिरी तारीख - 28 जनवरी

नामांकन की जांच - 29 जनवरी

नाम वापसी - 31 जनवरी

मतदान - 14 फरवरी 


उत्तर प्रदेश का पहला चरण

अधिसूचना - 14 जनवरी 

नामांकन की आखिरी तारीख - 21 जनवरी

नामांकन की जांच - 24 जनवरी

नाम वापसी - 27 जनवरी

मतदान - 10 फरवरी 


इस तरह यूपी में सात चरणों में मतदान किया जाएगा। प्रदेश में 10 फरवरी को पहले, 14 फरवरी को दूसरे, 20 फरवरी को तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी पांचवें, 3 मार्च को छठे और 7 मार्च को सातवें दौर का मतदान होगा।


मुजफ्फरनगर में आज फिर टूटे कोरोना के रिकॉर्ड, मिले 144

 


मुजफ्फरनगर । देश के साथ-साथ जिले में भी आज करोड़ों ने अपने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 

जिले में आज 144कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं ।जिसके बाद कोरोना पॉजिटिव की संख्या 401 हो गई है।

चुनाव में यह रहेंगी पाबंदियां


नयी दिल्ली. चुनाव आचार संहिता, सरकार, राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा जनता को दिए गए निर्देश हैं, जिसका पालन चुनाव के दौरान किया जाना जरूरी है. चुनाव आचार संहिता चुनाव की तिथि की घोष से लागू होता है और यह मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाता है. देश में स्वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए इन नियमों यानी आचार संहिता का पालन करना सभी राजनैतिक दलों की जिम्मेदारी होती है. साथ ही नियम तोड़ने वालों को लिए सजा का भी प्रावधान है. आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जो कई तरह की हो सकती है. तो नियम न टूटें या फिर नियम तोड़ने वालों की जानकारी सही विभाग तक पहुंचाई जा सके, इसके लिए आचार संहिता के नियम बनाए गए हैं. दरअसल आदर्श आचार संहिता के कारण उन कामों पर पाबंदी होती है, जिनसे किसी भी तरह से वोट प्रभावित हो सके. 

1. सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद.

2. नए कामों की स्वीकृति बंद होगी.

3. सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे.

4. संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरे नहीं होंगे.

5. सरकारी वाहनों में सायरन नहीं लगेंगे.

6. सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे.

7. सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे.

8. सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे.

9. किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें.

10. सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें. आपकी एक गलत पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है. इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें.

कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसका आशय यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार में लगे हैं तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा. अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के इतर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं. क्योंकि ऐसा करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी. ज्यादातर मामलों में आपको हिरासत में लिया जा सकता है.

चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता. सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता, सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता. केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण कर सकते हैं. सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो. इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है.

उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है. इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है. सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है.

यूपी में सात चरणों में चुनाव, ये रहेंगी तारीख


नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होंगे। 10 जनवरी को यूपी में पहले चरण के लिए नोटिफिकेशन होगा। दस फरवरी को पहले चरण के मतदान के बाद 14 फरवरी को दूसरे, बीस फरवरी तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी को पांचवे चरण में, तीन मार्च को छठे, छह मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। 

पंजाब व उत्तराखंड में एक चरण में चुनाव होंगे। दस मार्च को वोटों की गिनती होगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने आज यह ऐलान किया। इस बार मतदान का समय एक घंटे बढाया गया है। सभी उम्मीदवारों को फिजीकल के बजाय दूसरे वर्चुअल माध्यम से प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है। पंद्रह जनवरी तक कोई रोड शो पदयात्रा साइकिल व बाइक यात्रा व जन सभा निकालने की इजाजत नहीं होगी। डोर टू डोर प्रचार में चार लोगों को अनुमति होगी। विजय यात्रा पर भी पाबंदी रहेगी। जनसभा व रैली कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप प्रशासन की अनुमति से ही कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित की जा सकेगी। हेट स्पीच और अफवाहों पर खास नजर रहेगी।

चुनाव के ऐलान के साथ आचार संहिता लागू


नयी दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि चुनाव के ऐलान के साथ आचार संहिता लागू हो गई है। 

उत्तर प्रदेश में 403 पंजाब में 117 उत्तराखंड में 70 गोवा में 40 तथा मणिपुर में 60 सीटों के लिए मतदान होना है।  उत्तर प्रदेश में 29 प्रतिशत मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। चुनाव कोरोना नियमों के अनुसार कराए जाएंगे। हर बूथ पर मास्क और सेनेटाइजर होगा। 18.3 करोड़ मतदाता इन चुनावों में मतदान करेंगे। इस बार 24.9 लाख मतदाता बढे हैं। दिव्यांगो व कोरोना पॉजिटिव लोगों के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा रहेगी।  उम्मीदवार आन लाइन नामांकन भर सकेंगे। इस बार नो योर कैंडीडेट एप के जरिए प्रत्याशी के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। नौ सौ आब्जर्वर चुनाव पर निगरानी रखेंगे।

पुलिस लाइन में कई पुलिसकर्मियों को कोरोना ने जकड़ा

 


मुजफ्फरनगर। कोरोना ने खाकी को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। 

पुलिस लाइन में कुछ पुलिसकर्मी पाए गए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। सभी को होम आइसोलेट किया गया है।

चुनाव के ऐलान से पहले ताबड़तोड़ शिलान्यास


मुजफ्फरनगर। चुनाव के ऐलान से पहले ताबड़तोड़ शिलान्यास का सिलसिला जारी रहा। 

मोहल्ला साकेत कॉलोनी की मेन रोड व ब्रह्मपुरी की कुछ सड़कों का सदर विधायक यूपी सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा शिलान्यास किया गया। इस दौरान वार्ड 18 की सभासद श्रीमती रानी सक्सेना, सभासद पति संजय सक्सेना, ठाकुर अमित पुंडीर, सुबोध दीक्षित, संजय दीक्षित, विनय गौतम आदि कॉलोनीवासी भी मौजूद रहे। इस विकास कार्य के लिए संजय सक्सेना व ठाकुर अमित सिंह पुंडीर के अथक प्रयास से इस कार्य का शिलान्यास हो पाया।


लेखपालों और पुलिस को डीएम की सख्त हिदायत


मुजफ्फरनगर । जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह व मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव ने संयुक्त रूप से थाना मंसूरपुर में आयोजित थाना समाधान दिवस में जाकर फरियादियों की शिकायतों को सुन उनका निस्तारण कराया। उन्होने निर्देश दिए कि जनता दर्शन के दौरान भूमि विवाद से संबंधित जो शिकायतें प्राप्त हो रही है इसके लेखपाल, सिपाही भूमि विवाद प्रकरणों को गंभीरता से ले। सभी लेखपाल, सिपाही अपने क्षेत्र में आवंटित रोस्टर के अनुसार भ्रमण कर भूमि विवादों का अंकन रजिस्टर में करके उनका प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करें। निस्तारण के दौरान दोनों पक्षों से हस्ताक्षर भी करा लें।

जिलधिकारी ने कहा कि लेखपाल थाना दिवस में उपस्थित रहें, साथ ही नगर पालिका, ब्लाक, विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी थाना समाधान दिवस के दौरान उपस्थित रहकर जनसमस्याओं के प्रभावी निस्तारण में सहयोग प्रदान करें। जिससे शिकायत कर्ता की शिकायत का शत प्रतिशत निस्तारण कराया जा सके। उन्होने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए शरारती तथ्यो को चिन्हित करके कार्यवाही सुनिश्चित की जाये तथा अवैध शराब पर भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

इस अवसर पर , एसडीएम खतौली, थाना अध्यक्ष मंसूरपुर,  पुलिस के अधिकारी, लेखपाल सहित समस्त थाना स्टाफ उपस्थित रहे।

इस सपा नेता का ऐलान : टिकट ना दिया तो भी लडूंगा चुनाव


 लखनऊ । प्रसपा युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने घोषणा की कि 12 जनवरी को वे अपना काफिला छोड़ के लखनऊ से पैदल पैदल अपने गाँव जानी के लिए कूच करेंगे। जानी आकर वे सिवालखास विधानसभा क्षेत्र  के लोगो को सम्बोधित करके आगामी विधानसभा चुनाव के बारे मे रणनीति बनाएंगे। अमित जानी ने घोषणा की कि सपा रालोद गठबंधन से टिकट मिले ना मिलें वे चुनाव जरूर लड़ेंगे और जनता से सीधे सेवा करने का मौका मांगेगे। अमित जानी ने जानकारी दी कि प्रसपा का सपा से गठबंधन होने के बाद शिवपाल यादव ने उनसे कहा कि जयंत चौधरी के सामने अपना पक्ष रखकर् अपनी दावेदारी करो।कल उन्होंने जयंत चौधरी को अपने समीकरन् बताये और जानकारी दी कि उन्होंने बिना किसी पद् के विधानसभा के लोगो के लिए 2 साल मे करोड़ो रुपये का काम कराया है ।अमित जानी ने आरोप लगाया कि उनका अपमान किया गया और कहा गया कि विधानसभा चुनाव की छोड़ो जाकर पहले गाँव के प्रधान का चुनाव लड़ो। लखनऊ आने का ख्वाब छोड़ दो। इसीलिए मेने निर्णय लिया है कि वे अब तभी लखनऊ आएंगे जब उनके क्षेत्र के लोग उनको जिताकर लखनऊ भेजेंगे। यदि वे चुनाव नहीं जीते तो मरते दम तक लखनऊ मे कदम नहीं  रखेंगे। अमित जानी ने कहा कि अपनी गाड़ियां और काफिले को छोड़ के वे पैदल पैदल लखनऊ से 557 किलोमीटर दूर अपने गाँव आएंगे । जिसको लगे कि अमित जानी सही था वे अमित जानी का साथ दे। फेसबुक पे मार्मिक अपील करते हुए अमित जानी ने पोस्ट किया कि ये अमित जानी की पदयात्रा नही शवयात्रा है। लखनऊ वालो ने उनके विश्वाश को तोड़ के उनको रुला दिया है जैसे अर्थी के साथ लोग चलते है वैसे ही रास्ते मे समय मिलें तो मुझे 4कन्धे दे देना। अमित जानी ने कहा कि उनको शिवपाल यादव से कोई शिकायत नही है ना मै उनके विरोध मे ये यात्रा कर रहा हूं लेकिन मै सिवाल की जनता को अकेले नही छोड़ सकता अपने समर्थको और जनता के लिए मै चुनाव लड़ूंगा भले ही मुझे निर्दलीय ही मैदान मे क्यूं ना आना हो। 

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