सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

मुजफ्फरनगर कोर्ट ने श्री राम कॉलेज मैनेजमेंट को इस मामले में दी बड़ी राहत

 


मुजफ्फरनगर । पूर्व प्रोफेसर और सभासद के भतीजे की आत्महत्या के चार साल पुराने मामले में कोर्ट ने श्रीराम कालेज के डीन सहित महिला प्रोफेसर और चेयरमैन के पीए को राहत दी है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मृतक के पिता की ओर से सीजेएम के आदेश के विरुद्ध दायर की गई पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।

नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला प्रेमपुरी निवासी एक सभासद के भतीजे निशांत मित्तल पुत्र जितेंद्र मित्तल का दो अप्रैल 2020 को घर पर गोली लगा शव बरामद हुआ था। स्वजन ने आरोप लगाया था कि निशांत ने तनाव में आकर आत्महत्या की है। बताया था कि निशांत श्रीराम कालेज में सहायक प्रोफेसर था, जहां कालेज डीन और एक सहायक प्रोफेसर ने उसका उत्पीड़न किया। जबरन उसका त्यागपत्र ले लिया गया, जिससे वह तनाव में आ गया था। इसके चलते दो अप्रैल 2020 को सुबह उसने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में निशांत के पिता जितेन्द्र कुमार पुत्र चमन लाल की ओर से शहर कोतवाली पुलिस और एसएसपी को शिकायती पत्र देकर आत्महत्या के जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का आदेश देने की गुहार लगाई थी। रिपोर्ट दर्ज न होने पर सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, लेकिन सीजेएम ने सुनवाई कर 20 जुलाई 2022 को प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था। जिसके विरुद्ध जितेन्द्र कुमार ने एडीजे कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर श्रीराम कालेज के डीन पंकज कुमार, सहायक प्रोफेसर जेबा ताहिर और श्रीराम कालेज के चेयरमैन के पीए प्रवीण कुमार के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने का आदेश देने की मांग करते हुए सीजेएम की ओर से जारी पूर्व आदेश खारिज करने की गुहार लगाई थी। जितेन्द्र कुमार के अधिवक्ता अमित कुमार तायल ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशांत सिंगला ने सुनवाई करते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। 

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