बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

किसानों के दिल्ली कूच को लेकर संगठनों में मतभेद


नई दिल्ली । शंभू बॉर्डर पर किसानों के जेसीबी, पोकलैन और ट्रैक्टरों के साथ जमाव पर हाईकोर्ट के कड़े रुख के बीच किसान आंदोलन-2.0 में  अलग-अलग संगठन पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन से अलग हैं। भाकियू टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है। लेकिन बुधवार को प्रदेशभर में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन कर सरकार के पुतले फूंके जाएंगे। दूसरी ओर चढ़ूनी गुट ने कूच पर फैसला लेने के लिए कमेटी गठित की है। उसकी रिपोर्ट पर ही फैसला लेंगे। इसके अलावा, हरियाणा की खाप पंचायतें भी किसानों की मांगों का तो समर्थन करती हैं, लेकिन अभी तक दिल्ली कूच को लेकर खुलकर मैदान में नहीं उतरी हैं। किसानों पर आंसू गैस के गोले चलाने के विरोध में 15 फरवरी से भाकियू चढ़ूनी गुट और टिकैत गुट ने इसका विरोध जताया। इसके बाद चढूनी गुट की ओर से एक दिन तीन घंटे तक टोल फ्री कराए गए और अगले दिन ट्रैक्टर मार्च निकाले गए। इसी प्रकार, टिकैत गुट की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद करके विरोध जताया गया।  इस बार हरियाणा पुलिस की ओर से बाॅर्डर पर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं और 13 फरवरी से किसान नाके को तोड़ने के लिए कई बार कोशिश कर चुके हैं, लेकिन नाके से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इस बीच देश विरोधी बयानबाजी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलने के चलते भी लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। 

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