बुधवार, 7 फ़रवरी 2024

भाजपा व रालोद गठबंधन में मुजफ्फरनगर सीट पर रालोद का दावा


 नई दिल्ली। वेस्ट यूपी में सियासत करवट ले रही है। बताया जा रहा है कि रालोद को  4 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर भाजपा ने दिया है। ये सीटें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा बताई जा रही हैं।

मुजफ्फरनगर सीट को लेकर विवाद बना है। सपा के बाद रालोद मुजफ्फरनगर सीट पर दावा जता रहा है। उसका दावा है कि यहां से पिछला चुनाव चौधरी अजित सिंह सिर्फ साढ़े छह हजार वोट से भाजपा के डॉ. संजीव बालियान से हारे थे। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से दो बुढ़ाना और खतौली पर रालोद का कब्जा है। इसके अलावा चरथावल, पुरकाजी व मीरापुर भी भाजपा हार चुकी है। इस लोकसभा इलाके में भाजपा के पास सिर्फ शहर विधानसभा सीट है। इसके चलते रालोद यहां अपना दावा जता रहा है। इसके अलावा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की मांग पर भी सहमति बन सकती है। सूत्रों के अनुसार बात काफी आगे जा चुकी है।नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश में सियासी सुगबुगाहट ने जोर पकड़ लिया है। सूत्रों का दावा है कि आरएलडी और बीजेपी के बीच गठबंधन का फार्मूला तय हो गया है। ऐसे में इसे गठबंधन में पड़ी नई दरार के तौर पर देखा जा रहा है।

एक तरफ सपा जहां इस अटकलों को मात्र अफवाह बता रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने इशारों ही इशारों में साफ कर दिया है कि वह जयंत को अपने साथ लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है। योगी सरकार में मंत्री दानिश अंसारी ने इन सियासी अटकलों को हवा देते हुए कहा कि जहां धुआं होता है वहां कहीं न कहीं आग होती है। उन्होंने जयंत का स्वागत करते हुए कहा कि देश के विकास में सबका साथ निहित है।दानिश से पहले अनुप्रिया पटेल भी जयंत चौधरी का एनडीए में स्वागत कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से जाना कि जयंत जल्द ही एनडीए परिवार में शामिल होंगे, लिहाजा मैं अपनी पार्टी की तरफ से उनका स्वागत करती हूं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मुझे बीजेपी और आरएलडी के बीच हुए सीट शेयरिंग के समझौते की जानकारी नहीं है।

बताते चलें कि रालोद का सपा से गठबंधन होने के बाद सपा की कुछ शर्तों के कारण गठबंधन में दरार नजर आने लगी। सपा ने रालोद को सात सीटें देने का भरोसा दिया है। इनमें बागपत, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ या अमरोहा, हाथरस और मथुरा हैं।सूत्रों के अनुसार सपा ने कैराना, बिजनौर और मुजफ्फरनगर में प्रत्याशी अपना और निशान रालोद का रहने की शर्त रख दी। रालोद कैराना और बिजनौर पर तो राजी है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर पेच फंस गया है। रालोद ने ऐसी स्थिति में अपनी सीटें बढ़ाने की बात रखी। वहीं, अब भाजपा ने रालोद को पांच सीटें बिना शर्त देने की पेशकश की है। ये सीटें कैराना, बागपत, अमरोहा, मथुरा और मुजफ्फरनगर हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा का एक धड़ा रालोद को अपने खेमे में लाना चाहता है। इससे प्रधानमंत्री मोदी के अबकी बार 400 पार का लक्ष्य भेदने में आसानी होगी।

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