कौशांबी। एक पीपीएस अधिकारी को आईआरएस अधिकारी बताकर जालसाज ने शादी की। फिर प्लॉट खरीदने व अलग-अलग बहाने से 15 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोप है कि तीन साल पूर्व तलाक होने के बावजूद जालसाज उनके नाम का इस्तेमाल कर पुलिस विभाग में गलत काम के लिए दबाव बनाता था। कौशांबी थाने में आरोपी समेत तीन लोगों पर धोखाधड़ी व अन्य धारा में मुकदमा हुआ है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ चल रही है। शामली में डीएसपी के पद पर तैनात श्रेष्ठा ठाकुर एक बड़े धोखे का शिकार हुईं हैं। उनका पति बेहद शातिर और धोखेबाज निकला है, जिससे साल 2018 में श्रेष्ठा ठाकुर की शादी हुई थी।
पुलिस को शिकायत मिली कि 2018 में मेट्रोमोनियल साइट पर कौशांबी के युवक से जान-पहचान हुई थी। उसने खुद को आईआरएस अधिकारी बताया था। दोनों परिवारों में बातचीत होने पर उनकी शादी हो गई। आरोप है कि शादी के बाद युवक ने खुद को रांची में आयकर उपायुक्त के रूप तैनात बताता था लेकिन जब उन्हें सच्चाई का पता चला तो पैरों तले जमीन निकल गई। वह अपने नाम जैसे एक आईआरएस अधिकारी, जो बिहार में तैनात हैं के नाम का गलत इस्तेमाल करता था। पीड़िता का कहना है कि वह परिवार बचाने के लिए सबकुछ सहन कर गईं। इस बीच आरोपी ने उनके नाम पर लोन लिया और उनके फर्जी हस्ताक्षर कर 15 लाख रुपये खाते से निकाल लिए। बच्चा पैदा होने पर भी आरोपी का व्यवहार नहीं बदला तो उन्होंने तीन साल पहले तलाक ले लिया। आरोप यह भी है कि आरोपी पूर्व पति तलाक होने के बावजूद पुलिस विभाग में उनके नाम का गलत इस्तेमाल करके लाेगों से धोखाधड़ी करता था। आरोपी ने दो साल पहले शादी भी कर ली। फिर भी वह उन्हें अलग-अलग तरह से परेशान कर रहा है। उन्होंने शिकायत में बताया कि आरोपी जालसाज ने फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बना कर उनके फोटो अश्लील व अशोभनीय टिप्पणी के साथ शेयर कर दिए। पिछले दिनों भी उनका नाम लेकर एक व्यक्ति को घसीटकर मारने की धमकी दी। उन्होंने अपनी और बच्चे की जान को खतरा बताया बताया है। फिलहाल पुलिस अधिकारी मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं।
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