रविवार, 11 फ़रवरी 2024

मुजफ्फरनगर में किसानों को मिलेगा 1.72 लाख कुंतल बीज


गन्ने की कोशा-0238 प्रजाति को किया जाएगा रिप्लेस, 20 प्रतिशत दूसरी प्रजातियों की बुवाई का लक्ष्य

मुजफ्फरनगर। जनपद में अब तक सबसे लोकप्रिय गन्ना प्रजाति कोशा-0238 को रिप्लेस करने की मुहिम शुरू हो गई है। इस प्रजाति को लाल सडऩ रोग ने जकड़ लिया है। गन्ना विभाग किसानों को नई चार प्रजातियों का 1.72 लाख कुंतल बीज उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा गन्ना शोध संस्थान से भी किसानों को बीज दिलाया जाएगा। शासन से 20 प्रतिशत अन्य प्रजातियों की बुवाई कराने का लक्ष्य मिला है।

मिली जानकारी के अनुसार जनपद में कुल 1.76 लाख हेक्टेयर गन्ना रकबा है, जिसमें से लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्रफल में कोशा-0238 प्रजाति की फसल है। यह प्रजाति अभी तक किसानों और शुगर मिलों के लिये वरदान साबित हुई है। गन्ने में रिकवरी अधिक होने के साथ ही पैदावार भी अच्छी निकलती रही है, लेकिन पिछले दो वर्षों से इस प्रजाति में लगातार रोग बढ रहा है। लाल सडन रोग ने इस प्रजाति को नुकसान पहुंचाया है। जनपद में किसान उपचार के लिये भारी मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग कर रहे हैं, इसके बावजूद रोग काबू में नहीं आ रहा है। बीते दिनों इस प्रजाति के जनक गन्ना वैज्ञानिक डा. बख्शीराम जिले में आये थे। रोग की अधिकता को देखते हुए उन्होंने किसानों से इस प्रजाति को खत्म करने की अपील की थी। गन्ना विकास परिषद् ने भी किसानों से अपील की है कि इस प्रजाति की अब बुआई न करें, जिसे देखते हुए गन्ना विभाग ने गन्ने की किसान पौधशाला तैयार कराई है। इन पौधशालाओं में नवीन प्रजाति को अहमियत दी गई है। इन पौधशालाओं से किसानों को गन्ने का बीज दिया जायेगा। बसंतकालीन बुआई शुरू होने वाली है, जिसके चलते किसान पौधशालाओं से बीज ले सकते हैं। पौधशालाओं में 1.72 लाख कुन्तल बीज है। 

इस सम्बन्ध में जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसौदिया ने किसानों से अपील की है कि कोशा-0238 की बुआई बिल्कुल भी न करें। यह प्रजाति लाल सडन रोग से ग्रस्त हो चुकी है। इसके स्थान पर किसान पौधशालाओं से बीज लेकर बुआई कर सकते हैं। ट्रेंच विधि से गन्ने की बुआई करने से अधिक पैदावार होती है और बीज कम लगता है।

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