सोमवार, 8 जनवरी 2024

सल्फर लेपित यूरिया ‘यूरिया गोल्ड’ से मिलेगी बेहतर उपज

 मुजफ्फरनगर ।  केंद्र सरकार ने देश में किसान हित में नीम लेपित यूरिया के स्थान पर सल्फर लेपित यूरिया ‘यूरिया गोल्ड’ लांच किया है। हमने इस विषय में केंद्रीय पशुपालन राज्य मन्त्री डॉ संजीव बालियान से वार्ता की है। 

     केंद्रीय मन्त्री डॉ बालियान ने बताया कि यह मौजूदा यूरिया का अच्छा विकल्प है। किसान को  15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर फायदा देगा। सल्फर-कोटेड यूरिया से मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने, पोषक तत्वों का पूरा फायदा उठाने और फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभायेगा। 

     देश में किसानों को नीम लेपित यूरिया के 45 किलोग्राम का बैग 266.50 रुपये की एमआरपी पर उपलब्ध होता है। लेकिन अब इसी कीमत पर सल्फर लेपित यूरिया ‘यूरिया गोल्ड’ के नाम पर मिलेगी, लेकिन यूरिया की मात्रा सिर्फ 40 किलोग्राम ही होगी। ‘यूरिया गोल्ड’ के प्रति बैग का शुद्ध वजन पारंपरिक नीम लेपित यूरिया के 45 किलोग्राम के मुकाबले 40 किलोग्राम है, जिससे प्रभावी  रूप से नया उत्पाद लगभग 30 रुपये महंगा हो गया है लेकिन यह किसानों के लोइए बहुत लाभदायक होगा और कम मात्र में लगेगा।

     आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 28 जून 2023 को आयोजित अपनी बैठक में यूरिया गोल्ड के नाम सेसल्फर लेपित यूरिया लॉन्च करनेके प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। नए सल्फर लेपित यूरिया ‘यूरिया गोल्ड’ की घोषणा के 06 महीने बाद सब्सिडी में कटौती की आशंका व्यक्त की जा रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अनुदान में कटौती की आशंका को खत्म करते हुए पारंपरिक यूरिया के समान कीमत 266.5 प्रति बैग रखा है।

     डॉ बालियान ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने 22 जून 2023 को किसानों के हित  में एक बड़ा फैसला लेते हुए किसानों  के लिए  3,70,128.7 करोड़ रुपये के एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमे  3,68,676.7 करोड़ रुपये यूरिया सब्स‍िडी के लिए थे। यह रकम अगले तीन साल तक के लिए  की गयी थी,यानी अब तीन साल तक किसानों  को यूरिया का कोई अतिरिक्त पैसा नहीं देना होगा।

    सल्फर कोटेड यूरिया में नाइट्रोजन के साथ सल्फर की कोटिंग होती है।सल्फर पौधों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसलिए जमीन में हो रही सल्फर की कमी को पूरा करने में मदद करती है। सल्फर पौधों में प्रोटीन बनाने और रोग से सुरक्षा करता है। इसके उपयोग से फसलों की उत्पादकन बढ़ता है।और साथ ही यूरिया की खपत भी कम होगी, जिससे किसानों को दोहरा फायदा मिलने की उम्मीद है। डॉ बालियान ने कहा कि किसानों को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।

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