मुजफ्फरनगर। चैप्टर चैयरमेन पवन कुमार गोयल ने बताया कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा औद्योगिक संगठन है, हमारा संगठन विगत वर्षों से उत्तर प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग सरकार से उठता आ रहा है।
इसका कारण यह है कि यू पी सी डा अथवा उद्योग निदेशालय द्वारा उद्यमियों को दी गयी लीज होल्ड भूमि पर यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद लगाना है, बैंक लिमिट में बदलाव करना है, उम्र ढलने के बाद अपने खुनी रिश्ते में ही उद्योग को ट्रांसफर करना है, उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हो या भूमि का अमल्गमेशन या सपरेशन करना हो तो, इन सभी कार्यों को करने के लिए उद्यमी को यू पी सी डा या उद्योग निदेशालय की अनुमति लेना अनिवार्य होता है।इस कार्य को कराने के लिए उद्यमियों को इन सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते है और कुछ मामलों में उद्यमी भ्रष्टाचार का शिकार भी हो जाते है।
यह स्तिथि सरकार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की निति के भी विपरीत है। लीज होल्ड पर भूमि देने का कानून अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, उस समय अंग्रेजो की मंशा थी की वह उनकी गुलाम बनी रहे । वर्तमान में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश में आजादी के अमृत काल में गुलामी के प्रत्येक अंश से मुक्ति पाने का प्रण लिया है।
इन सभी कारणों से लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किया जाना औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नितान्त आवश्यक है।
ऐसा करने से प्रदेश को अनेक लाभ होंगे जो निम्नलिखित है:-
• प्रशासनिक परेशानिया कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा ।
• प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी जिससे सरकार का एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा।
•फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की भी प्राथमिकता है।
•नए रोजगार सृजित होंगे जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
• लीज होल्ड से फ्री होल्ड करने पर जो फीस सरकार को मिलेगी उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी।
देश के कुछ राज्यों द्वारा लीज होल्ड भूमि से उद्योगों को होने वाली कठिनाइयां को ध्यान में रखते हुए इसे फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया गया है जिसमें हरियाणा, दिल्ली, वेस्ट बंगाल एवं कर्नाटक मुख्य रूप से शामिल है। उत्तर प्रदेश उद्योग निदेशालय के औद्योगिक क्षेत्रों में फ्री होल्ड पॉलिसी लागू तो है परन्तु यह केवल एक हेक्टेयर या उससे बड़े भूखंडों पर ही लागू है। इस सुविधा से प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग पूर्णतः वंचित है।
विगत दिनों लखनऊ में आईआईए द्वारा आयोजित उद्यमी महा सम्मेलन में भी आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज सिंघल द्वारा माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से आग्रह किया गया था कि प्रदेश में उद्योग की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड कर दिया जाए। श्री सिंघल ने अपने प्रतिवेदन में यह भी स्पष्ट किया था कि लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड केवल इस शर्त के साथ ही परिवर्तित किया जाए कि इस भूमि का उपयोग किसी भी परिस्थिति में बदला नही जायेगा । इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप भी नहीं बदलेगा और अतिरिक्त भूमि पर नए उद्योग भी स्थापित होंगे और सरकार का राजस्व बढ़ने के साथ-साथ नए रोजगार भी सृजित होंगे।
प्रेस वार्ता में चैप्टर चेयरमैन पवन कुमार गोयल, निवर्तमान चेयरमैन विपुल भटनागर, सचिव अमित जैन, ज्वाइंट सेक्रेटरी उमेश गोयल, पीआरओ राज शाह, एक्जीक्यूटिव मेंबर नईम चांद और अनुज कुछल उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें