शनिवार, 13 जनवरी 2024

मकर संक्रान्ति 15 जनवरी 2024 को ही सर्वश्रेष्ठ


मुजफ्फरनगर । भोपा रोड पर स्थित धार्मिक संस्थान विष्णुलोक के संचालक रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ पंडित विनय शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रान्ति का पावन पर्व 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को है। शिव रहस्य में वर्णन है कि पौष मास में विशेष रूप से मकर संक्रान्ति पर्व काल मे जो घी व कम्बल तथा तिल का दान करता है। वह मनुष्य राज योग भी प्राप्त करता है मकर संक्रान्ति का पुण्यकाल बहुत ही फलदायी माना जाता है। इस वर्ष 15 जनवरी 2024 को रात्रि 2 बजकर 43 मिनट से सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश हो जायेंगे। इस अवधि मे सूर्य भगवान अस्त हो चुके होगे जबकि मकर संक्राति का पुण्यकाल सूर्य के उपस्थित रहते ही मनाना श्रेष्ठ माना गया है। ऐसा शास्त्रो में उल्लेख है। इस वर्ष उदयातिथि के आधार पर 15 जनवरी 2024 को पुण्यकाल प्रातः 9 बजकर 7 मिनट तक मकर संक्रान्ति का पुण्यकाल रहेगा। इस आधार पर मकर संक्रान्ति का पावन पर्व 15 जनवरी को ही मनाना विशेष फलदायी रहेगा। मकर संक्रान्ति के दिन सूर्य को जल देने से मष्तिक मे ऊर्जा पैदा होती है। मकर संक्रान्ति पर्व में श्राद्ध तथा अनुष्ठान, स्नान, दान जप- तप आदि का अत्यधिक महत्व है। इस दिन घी व कम्बल के दान का विशेष महत्व है। शास्त्रानुसार मकर संक्रान्ति पर किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है और दान करने वाला सम्पूर्ण भोगों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त होता है। मकर संक्रान्ति के दिन खिचड़ी का भी महत्व है, इस दिन खिचड़ी खाने तथा खिचड़ी-तिल दान देने का विशेष महत्व है। मकर संक्रान्ति सूर्य का जन्मदिवस भी है अतः जैसे हम अपने जन्मदिवस पर केक काटते है उसी प्रकार सूर्य भगवान के जन्मदिवस को मनाने के लिए सूर्य भगवान का घी से अभिषेक किया जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन देवताओ का ब्रह्ममुहूर्त प्रारम्भ होता है। मकर संक्रान्ति पर्व काल में खिचड़ी, कम्बल, तिल, मूँगफली, गजक, रेवडी आदि का दान श्रेष्ठ माना जाता है। मकर संक्रान्ति के दिन से सूर्य की गति तिल-तिल बढ़ती है इसलिए तिल के दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य भगवान दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रवेश करेगे। उत्तरायण काल देवताओ का दिन कहा जाता है इस दिन सूर्य भगवान अपने पुत्र शनि के घर में एक माह के लिए जाते है। मकर राशि का स्वामी शनि ही माना जाता है। शास्त्रानुसार भगवान सूर्य एवं भगवान श्रीकृष्ण पुत्र दाता है, अतः जो पुत्रार्थी मकर संक्रान्ति वाले दिन भगवान सूर्य एवं श्रीकृष्ण की पूजा करता है उसे निश्चित रूप से पुत्र की प्राप्ति होती हैं।

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