भगवान श्रीरामलला की सैंकडों वर्षो पुरानी धरोहर अष्ट धातु के सिक्के पांडुलिपि मूर्तियों का संग्रह 22 जनवरी से पहले रखे जायेंगे दर्शनों के लिए
मुजफ्फरनगर। शहर में एक निजी पुस्तकालय, जिसमें सुरक्षित और संग्रहीत हैं ---- श्रीराम निधि !!! यानि भगवान् श्रीराम से सम्बंधित अनेकों दुर्लभ प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथों का संग्रह ।।।।। जिसमें श्रीमद्वाल्मीकीरामायण, अध्यात्म रामायण, मूल रामायण, भावार्थ रामायण, हनुमन्नाटक सहित गोस्वामी श्री तुलसीदास की कृतियों की प्रति श्रीरामचरितमानस की लगभग सात हस्तलिखित प्रतियां भी संग्रहित हैं, जिनमें अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, लंका काण्ड, किष्किन्धाकाण्ड पूर्ण एवं सुरक्षित हैं । इनमें श्रीरामचरितमानस की सबसे प्राचीन पाण्डुलिपि विक्रम संवत् १८४४ में लिपिबद्ध हुई है । साथ ही गोस्वामी जी की अन्य रचनाएं गीतावली, हनुमान बाहुक, रामाज्ञा प्रश्न संग्रहीत हैं ।
भगवान् श्रीराम से ही सम्बन्धित संस्कृत भाषा में लिपिबद्ध श्रीराम+जानकी सहस्रनाम, श्रीराम रक्षा स्तोत्र,श्रीराम पटल, राम हृदय, श्रीराम गीता , सुन्दर काण्ड विधान भी सुरक्षित एवं संग्रहीत हैं । मुजफ्फरनगर के नदी रोड़ पर स्थित पं० भूपेंद्र शर्मा के इस निजी एवं महत्वपूर्ण पुस्तकालय में श्रीराम की मुद्राएं भी देखने को मिलती हैं , जिनको राम टंका कहा जाता है । विक्रम संवत् १७४० की इन मुद्राओं में एक ओर श्रीराम दरबार तो दूसरी ओर राम लखन के चित्र निर्मित हैं तो किसी किसी में हनुमान जी के चित्र हैं ।
शोध की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण और श्रीराम निधि से सुसज्जित यह निजी पुस्तकालय नगर के गौरव का विषय है 22 जनवरी अयोध्या श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में विराजमान से पहले पंडित भूपेंद्र शर्मा श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखेंगे।
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