सोमवार, 13 नवंबर 2023

राहु काल को छोड़कर पूरे दिन मनाएं भैया दूज


भाई बहन के पवित्र बंधन का पर्व भैया दूज दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस साल कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया दिनांक 14 नवंबर को शुरू होगी। 14 नवंबर को 2:36 बजे से इसकी शुरुआत होगी जो 15 नवंबर दोपहर को 1:47 बजे तक समाप्त होगी। इसके उदय होने की तिथि के अनुसार भैया दूज का त्यौहार 15 नवंबर को बुधवार के दिन भैया दूज 2023 मनाया जाएगा। इस दिन राहुकाल को छोड़कर बहनें अपने भाई को किसी भी समय तिलक लगा सकती हैं। पर सबसे ज्यादा शुभ समय सुबह 6:44 बजे से लेकर 9:24 बजे तक का है। भाई दूज के दिन जो राहुकाल का समय है वह दोपहर के वक्त 12:03 बजे से लेकर 1:24 बजे तक का होगा तो इस दौरान तिलक ना करें।

भाई दूज की कथा 

भाई बहन के इस त्यौहार की शुरुआत की बात करें तो इसे यमुना जी ने शुरू किया था। यमुना और यमराज दोनों ही भगवान सूर्य की संताने हैं। दोनों ही बहन भाई एक दूसरे से बहुत प्रेम करते थे विशेषकर यमराज को अपनी बहन से काफी अधिक प्यार था। एक बार की बात है यमराज को अपनी बहन यमुना की बहुत ज्यादा याद सता रही थी क्योंकि उसे देखे हुए काफी समय हो गया था। इसलिए वह अचानक से अपनी बहन के घर चले गए और जब यमुना ने अपने भाई को देखा तो वह भी बहुत अधिक खुश हो गई। फिर उन्होंने अपने भाई के लिए बहुत सारे पकवान बनाए। इसके अलावा उन्होंने यमराज को मिष्ठान भी खिलाया और उपहार के तौर पर उन्हें नारियल दिए। यमराज अपनी बहन का इतना प्यार देखकर बहुत खुश हुए और उन्होंने कहा कि वह उनसे कुछ भी मांग सकती है। वरदान मांगने की बात सुनकर यमुना ने यमराज से कहा कि आपकी दया से मेरे पास हर चीज है मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि आप हर वर्ष एक बार मेरे घर जरूर पधारें। बहन की बात सुनकर यमराज ने तथास्तु कहा और यह कहा कि मैं ही नहीं बल्कि आज के बाद हर भाई अपनी बहन के घर जाएगा। यमराज ने यह भी कहा कि इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएंगीं और यमराज उस भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद देंगे और उसके जीवन की हर मुसीबतें भी दूर हो जाएंगी।‌ बस उसी दिन से भाई बहन का यह त्यौहार मनाया जाने लगा।

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