शनिवार, 25 नवंबर 2023

बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए विचार विमर्श


मुजफ्फरनगर। शारदेन स्कूल मुजफ्फरनगर में बाल्यावस्था शिक्षा पद्धति को उन्नत बनाना" पर एक गहन संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें अन्य विद्यालयों के 90 शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।

विद्यालय में अध्यापकगण को चंदन का टीका लगाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलित करने के बाद सरस्वती वंदना ' हे शारदे मां'  गाकर किया गया। वर्कशॉप का संचालन 'श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव जी' के द्वारा किया गया। इस सत्र का लक्ष्य था प्रारंभिक शिक्षा में नवाचारी दृष्टिकोणों की खोज करना और युवा दिमागों के लिए अनुकूलित शिक्षा वातावरण विकसित करना।श्रीमती श्रीवास्तव ने बाल्यावस्था में शिक्षण के नए तरीकों पर प्रकाश डाला, जिसमें इंटरएक्टिव खेलों, कहानी कहने के ऐप्स, और शैक्षिक सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल था। इन उपकरणों के माध्यम से बच्चों के लिए सीखने का अनुभव अधिक आकर्षक और प्रभावी बनाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, शिक्षक-छात्र संबंधों और कक्षा में सकारात्मक वातावरण बनाने के महत्व पर भी चर्चा की गई। शिक्षकों को ऐसे तरीके बताए गए जिनसे वे बच्चों की रचनात्मकता और जिज्ञासा को बढ़ा सकते हैं। इस संगोष्ठी ने हमें नए विचार और उपकरण प्रदान किए, जो हमारी शिक्षण प्रथाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक होंगे। यह आयोजन हमारे छात्रों के लिए एक अधिक संवेदनशील और समृद्ध शैक्षिक वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

वर्कशॉप के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या 'श्रीमती धारा रतन जी' ने अध्यापकगण  को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक प्रत्येक छात्र की क्षमता, सीखने की गति, रुचि आदि को समझते हैं, उनका मार्गदर्शन करते हैं और वे अक्सर प्रत्येक छात्र के माता-पिता के साथ बातचीत करके उन्हें उनके बच्चों के प्रदर्शन के बारे में सूचित करते हैं और उनकी शिक्षा को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बच्चों को हम सिर्फ प्यार से ही पढ़ने में रुझान एवं रचनात्मक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

विद्यालय के प्रबंधक  विश्व रतन 'ने संचालिका ' श्रीमती रश्मि श्रीवास्तव' को एक प्यारा पौधा भेंट करते हुए कहा कि वास्तव में आज का वर्कशॉप बहुत ही बेहतर हुआ और उम्मीद करता हूं कि ऐसे वर्कशॉप  आगे भी होते रहेंगे जिससे हमारे शिक्षक शिक्षण प्रथाओं में  क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में सहायक होंगे। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि आप इस वर्कशॉप में जितना कुछ यहां सीखे है, आप और भी अध्यापक अध्यापिकाओं को बताएं।

सभी अध्यापक अध्यापिकाओं को जलपान कराने के साथ-साथ उन्हें ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया गया।

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