लखनऊ । प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी में लंबी कतार से बचने के लिए मरीजों को टोकन बांटे जाएंगे। भीड़ अधिक होने की स्थिति में तत्काल और डॉक्टर भी लगाए जाएंगे। मरीजों को असुविधा से बचाने के लिए हेल्प डेस्क बनाकर उनके ऑनलाइन पंजीकरण भी किए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर पंजीकरण काउंटरों की संख्या भी बढ़ेगी।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर और घर के निकट इलाज मुहैया कराने को राज्य सरकार कई नये कदम उठाने जा रही है। इस संबंध में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी निदेशक या सीएमएस, सभी मंडलीय अपर निदेशक, समस्त सीएमओ और प्रभारी चिकित्साधिकारियों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ओपीडी या इमरजेंसी कक्ष में मरीजों की संख्या अधिक होने पर अभी डॉक्टर को दिखाने के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। अब ऐसी स्थिति होने पर वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के साथ ही अन्य चिकित्साधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
दोपहर 2 बजे तक देखे जाएंगे मरीज
ओपीडी में सुबह बजे से दोपहर 2 बजे तक हर हाल में मरीज देखे जाएंगे। निर्देश दिए गए हैं कि सभी पंजीकृत मरीजों का परामर्श, उपचार और जांच समय से हो जाएं। मरीजों की सुविधा के लिए पैथालॉजी जांच के लिए पंजीकरण और सैंपल कलेक्शन शाम 4 बजे तक होगा। मरीजों के पंजीकरण के दौरान उनका मोबाइल नंबर अवश्य दर्ज करने को कहा गया है, ताकि उन्हें ऑनलाइन जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामना संदेश भी भेजे जाएंगे। सभी सीएमओ से कहा गया है कि वे हर हाल में सीएचसी पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
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