घर के प्रवेश द्वार पर या घर के अंदर कहीं भी गंदगी न रहने दें, वरना मां लक्ष्मी का घर में आगमन नहीं होता है।
किसी भी गरीब या जरूरतमंद को दरवाजे से खाली हाथ न लौटाएं।
इस दिन जुआ न खेलें, शराब पीने और मांसाहारी भोजन लेने से बचें।
भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति न रखें, जिसकी सूंड दाहिनी ओर हो।
घर के अंदर आतिशबाजी या फुलझड़ी का प्रयोग करें। किसी को लेदर से बना तोहफा, धारदार तोहफा और पटाखे न दें।
दीपावली के दिन न कर्ज दें और न लें। सूर्यास्त के बाद किसी को कुछ न बांटें। पूजा स्थल को रात भर खाली न छोड़ें। उसमें इतना घी या तेल डालेंं की वह पूरी रात जलता रहे।
दीपावली के दिन नाखून काटना, शेविंग न करें।
दीपावली पर क्या करें
प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ एवं सुन्दर वस्त्र धारण करें।
संकल्प के साथ दिनभर उपवास करें दिन में सुन्दर पकवान बनाएं और घर सजाएं। अपने से बड़ों का आशीर्वाद लें।
शाम को पूजा से पहले पुनः स्नान करें। भोजन में स्वादिष्ट व्यंजन, कदली फल, पापड़ तथा अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाएं।
मां लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर मौली बांधें पुष्प अर्पित करें श्री लक्ष्मी गणेशजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें।
चौकी पर छह चौमुखे व 26 या 52 छोटे दीपक रखें। जल, मौली, चावल, फल, पुष्प कमल का गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से विधिवत पूजन करें। पूजा के बाद एक-एक दीपक घर के कोनों में जलाकर रखें।
लक्ष्मी पूजा के समय ताली नहीं बजानी चाहिए। आरती बहुत तेज आवाज में न गाएं। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी शोर से घृणा करती हैं।
मां लक्ष्मी शांति प्रिय हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों के बीच झगड़ा नहीं होना चाहिए। लक्ष्मी मां की अकेले पूजा ना करें।
भगवान विष्णु के बिना उनका पूजन अधूरा माना जाता है।
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