नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। इसके चलते उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब कडा कदम उठाया है। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित एनसीआर में आने वाले 9 शहरों में बडे निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।यूपी के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर बिना पंजीकरण के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बारे में निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन पर निर्माण कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के डस्ट एप पर पंजीकरण कराना होगा, ताकि वायु प्रदूषण की स्थिति पर निगरानी रखी जा सके। इसके अलावा प्रमुख शहरों समेत सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए मानकों का पालन करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) की उप समिति की शुक्रवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में यूपीपीसीबी ने अपना एक्शन प्लान रखा। एनसीआर के नौ प्रमुख शहरों ग्रेटर नोएडा, नोएडा, मेरठ, हापुड़, बागपत, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर और खुर्जा में 3 नवंबर को एक्यूआई 282-481 के बीच दर्ज किया गया है, जोकि वायु प्रदूषण के लिहाज से बहुत ही खराब श्रेणी में आता है।यूपीपीसीबी ने बैठक में बताया कि पिछले एक माह में एनसीआर में 74 डिफॉल्टर निर्माण स्थलों पर जुर्माना लगाया गया है। मशीनों से 1132.62 किमी लंबी सड़कों की सफाई कराई जा रही है। 849.46 किमी सड़कों पर छिड़काव हो रहा है। निर्माण स्थलों पर 237 एंटी स्मॉग गन इस्तेमाल की जा रही हैं।
एनसीआर में अधिक ट्रैफिक वाले 42 स्थानों पर पुलिस की विशेष व्यवस्था की गई है। 2188 उद्योगों में स्वीकृत ईंधन का प्रयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। जबकि, स्वीकृत ईंधन प्रयोग न करने पर 85 इकाइयों को या तो बंद कर दिया गया है या वे खुद बंद कर ली गई हैं।
सुनिश्चित किया जा रहा है कि ईंट भट्टों में मानकों का पालन हो। ऑफ सीजन के चलते एनसीआर में सभी ईंट भट्ठे बंद चल रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। जेनरेटरों को भी यथासंभव गैस से चलाने पर जोर दिया जा रहा है।
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