गुरुवार, 2 नवंबर 2023

बिजली की फर्जी रिपोर्ट और आरसी को लेकर एक्स ई एन व तहसीलदार पर 1.60 लाख जुर्माना


 शामली। एक्सईएन और तहसीलदार पर लगाया 1.60 लाख रुपये जुर्माना - उपभोक्ता के विरुद्ध विद्युत केबिल गलत जोड़ने की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने व रिकवरी नोटिस जारी करने का मामला- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम आयोग ने सुनाया फैसला

शामली। उपभोक्ता के विरुद्ध विद्युत केबिल गलत जोड़ने की फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराने और रिकवरी नोटिस जारी करने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम ने अधिशासी अभियंता खंड तृतीय और तहसीलदार शामली को एक लाख 60 हजार रुपये का अर्थदंड अदा करने का आदेश सुनाया है।

कस्बा जलालाबाद के मोहल्ला करीमबख्श निवासी अली शेर ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग शामली में परिवाद दायर किया था कि वह अपने नाम से घरेलू कनेक्शन के बिलों का भुगतान करता रहा है। उसकी अनुपस्थिति में अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय शामली के जेई ने अवैध तरीके से विद्युत केबिल जोड़ने की नौ नवंबर 2015 को थानाभवन थाने पर फर्जी तरीके से दर्ज करा दी और उसके विरुद्ध 11430 रुपये की रिकवरी जारी करने की सूचना दी। 

इस प्रकरण की जांच जेई आलोक कुमार ने करते हुए कनेक्शन को सही पाया। जेई की रिपोर्ट पर थानाध्यक्ष ने चार जनवरी 2016 को अंतिम रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कर दिया। इसके आठ माह बाद अधिशासी अभियंता ने रिकवरी नोटिस भेज दिया। परिवादी का कहना है कि उसने रिकवरी को समाप्त करने के लिए लगातार कई प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन उनकी रिकवरी समाप्त नहीं की गई। इसके चलते वह बीमार हो गया। बिना अपराध के उनके विरुद्ध झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर व गलत रिकवरी नोटिस जारी करके शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। 

आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता और सदस्य अमरजीत कौर ने परिवाद की सुनवाई करते हुए परिवादी को जारी किया गया प्रश्नगत गलत वसूली प्रमाण पत्र 11460 रुपये निरस्त करने, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड तृतीय और तहसीलदार शामली को इस आदेश की तिथि से 45 दिन के अंदर शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के एक लाख रुपये, और दस हजार रुपये परिवाद व्यय परिवादी को अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा संयुक्त रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार अपनाने के लिए 50 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की धनराशि 50 हजार रुपये राजकोष में जमा की जाएगी। 

अधिशासी अभियंता को एक लाख 60 हजार रुपये में 70 प्रतिशत यानि एक लाख 12 हजार रुपये और बाकी धनराशि 48 हजार रुपये तहसीलदार शामली द्वारा अदा की जाएगी। निर्धारित आदेश का अनुपालन न करने पर दोनों अधिकारियों के विरुद्ध उपभोक्ता फोरम संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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