मुजफ्फरनगर। जिले की हवा में प्रदूषण का जहर लगातार घुलता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में हवा की गुणवत्ता बद से बदतर हो गई है।
अक्तूबर माह में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। बदलते मौसम ने मुश्किलें बढ़ा दी है। निर्माण कार्य, वाहनों की बढ़ती संख्या, बिना मानक चल रही फैक्ट्रियां और धुआं उगलते वाहन सबसे बड़ी वजह बन गए हैं। मुख्य मार्गों के निर्माण में भी मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। पानी का छिड़काव तक नहीं किया जाता। यही वजह है कि रोजाना हवा की गुणवत्ता खराब हो रही हैरविवार को एक्यूआई 231 के खराब स्तर पर रिकॉर्ड किया गया। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह का कहना है कि विभाग की टीम सोमवार से तेजी से जांच अभियान चलाएगी। जहां पर मानकों का पालन नहीं हो रहा है, वहां पर बंदी की कार्रवाई होगी।
जिले का एक्यूआई तीन सौ पर भी पहुंच चुका है। 13 अक्तूबर को 292 रहा, जबकि 14 अक्तूबर को 303 पर पहुंच गया था। चिकित्सकों का कहना है कि बाजार में जाने के दौरान भी मॉस्क और चश्मे का प्रयोग करना चाहिए। इससे किसी हद तक खराब हवा से बचाव किया जा सकता है। मुजफ्फरनगर जिले में इन दोनों कोल्हुओं के चलने से पूरे जिले में प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर है । प्रदूषण विभाग जिले की पेपर मिलो एवं सरिया मिलो तक सीमित होकर रह जाता है इससे साफ जाहिर होता है कि जिले के प्रदूषण विभाग को अवैध रूप से चल रहे कोल्हुओ से भारी मात्रा में हो रहे प्रदूषण पर ध्यान न देकर प्रदूषण विभाग केवल और केवल बड़े उद्योगपतियों को तंग कर रहा है ,जबकि पेपर एसोसिएशन की माने तो पिछले कई दिनों से पेपर उद्योग में उत्पादन इकाइयां बंद कर दी गई है वहीं दूसरी ओर सरिया मिलन की भी कई इकाइयां बंद कर दी गई है।
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