हरित पटाखों का करो प्रचार,
जिससे हो जीवन का उद्धार,
पटाखों पर लगाओ प्रतिबंध,
स्वस्थ जीवन का उठाओ आनंद।
हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा से हर तरफ खुशहाली हो। हरियाली ही हरियाली हो दुनिया हरित ऊर्जा वाली हो।
मुजफ्फरनगर । शारदेन स्कूल मुजफ्फरनगर के प्रांगण में विजयदशमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
शारदेन स्कूल में आयोजित रामलीला मंचन का शुभारंभ श्री राम की आरती के साथ हुआ। के .जी विंग तथा कक्षा 1से 4 के बच्चो ने अपने अभिनय द्वारा रामायण के किरदारों को जीवंत कर दिया। छोटे-छोटे बच्चे रामलीला का मंचन करते हुए बहुत ही उत्साहित दिखाई दे रहे थे। बीते कई सालों की तरह इस साल भी कक्षा 8 के सभी वर्गों के विद्यार्थियों ने रामलीला में अपना बढ़-चढ़कर योगदान दिया तथा बड़े हर्षोल्लास के साथ गणेश स्तुति, नृत्य तथा भाषण की प्रस्तुति दी। कक्षा आठवीं के छात्र रामायण के किरदारों की पोशाक में बहुत ही खूबसूरत लग रहे थे। चाहे बात राम की शिक्षा की हो या सीता के स्वयंवर की हो, सभी छात्र-छात्राओं ने रामलीला का मंचन कर अपने अभिनय द्वारा सभी का मन अपनी और आकर्षित कर लिया। रामलीला मंचन में पहले श्री राम जानकी समेत चारों भाइयों का अयोध्या नगरी में राजा दशरथ के दरबार में भव्य स्वागत किया गया। दरबार में राजा दशरथ द्वारा श्री राम का अपना उत्तराधिकारी बनाकर राजकाज सौपने की घोषणा की गई। रामलीला में जहां एक तरफ कैकई द्वारा राम को वनवास और भरत के लिए राज्याभिषेक मांगने पर राजा दशरथ का मूर्छित हो जाना दर्शाया गया। वहीं दूसरी तरफ बच्चों द्वारा राम रावण का द्वंद युद्ध का मंचन प्रस्तुत किया गया। विद्यालय की प्रबंधक महोदय श्री विश्व रतन जी ने, प्रधानाचार्य श्रीमती धारा रतन जी ने एवं अध्यापकों ने रामलीला करने वाले सभी छात्रों की जमकर सराहना की। विद्यालय का प्रांगण तालियो की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
रावण के वध के बाद स्कूल मैदान में रावण का पुतला दहन किया गया।
जिसमें शारदेन परिवार ने हरित पटाखो को जलाकर अपने वातावरण को और आसपास के वातावरण को शुद्ध, स्वच्छ और खुशहाल जीवन देने वाला बनाया। विद्यालय परिवार के द्वारा, छात्र-छात्राओं के द्वारा पटाखों का तिरस्कार कर हरित पटाखो को इस्तेमाल में लाया गया ताकि सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहे और जीवन खुशहाल हो सके।
विद्यालय की प्रधानाचार्या' श्रीमती धारा रतन जी' ने कार्यक्रम की प्रस्तुति देखकर सभी छात्रों का और अध्यापकों का उत्साहवर्धन किया।बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि रामायण एक कहानी से ज्यादा अपने परिवार को प्यार, सम्मान देने, अपने वचनों को पूरा करने और मर्यादा का पालन करने जैसे मूल्यों के महत्व को प्रदर्शित करने का एक शैक्षिक माध्यम है। इसी उदेश्य को लेकर स्कूल में राम लीला का आयोजन कराया गया। आप सभी श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर अपने जीवन को सफल बनाएं और पटाखे को न जलाकर ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करें ताकि आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे।
अंत में विद्यालय के प्रबंधक 'श्री विश्व रतन जी 'ने अध्यापकों एवं छात्रों की काफी सराहना की और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग भगवान श्री राम से संबंधित बातों को जाने तथा उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर सफलता की ओर चले और पूरे संसार में मानवता को कायम करके राम राज्य का सपना साकार कर सके। आप वह फूल है जो उपवन को भी महका देते हैं और सच्चाई के पथ पर चलकर विद्यालय का माता-पिता का नाम रोशन करते हैं। रामलीला मंचन के कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी अध्यापकों का गहन योगदान रहा।
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