मुजफ्फरनगर। बीती रात चंद्र ग्रहण के लिए सूतक काल शनिवार शाम चार बजे से लगने के बाद बंद हुए मंदिरों के कपाट सुबह मूर्तियों को गंगा जल से स्नान करवाये जाने व श्रंगार के बाद खोल दिए गए
चंद्रग्रहण के कारण सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे। शहर के प्रमुख मंदिरों के कपाट कल शाम भगवान के पूजन अर्चन के बाद बंद हो गए। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई दिया इसलिए यहां इसका सूतक काल भी माना गया। चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले लग जाता है। सूतक काल शनिवार शाम चार बजे से लग गया था। सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इस चंद्रग्रहण का स्पर्श शनिवार की रात में एक बजकर 25 मिनट पर मोक्ष रात्रि दो बजकर 24 मिनट पर हुआ। देर रात ग्रहण के बाद सुबह पांच बजे के बाद ही मंदिरों में पूजा हुई। इसके बाद मंदिरों में भीड़ नजर आई।
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