👉 *मास्टर ट्रेनरों ने भूकम्प एवं शीतलहर पर किया फोकस, दामिनी ऐप बचाएगा बिजली गिरने से जान*
मुजफ्फरनगर । जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा आयोजित प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन ग्राम प्रधानों एवं लेखपालों को संकट की घडी में आपदा से बचाव के लिये प्रशिक्षित किया गया। यहाँ कुल 2000 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। ये लोग अपने-अपने गाँवों में आपदा मित्र के रूप में सेतु की भूमिका निभायेगें। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि जिन लोगों ने यह प्रशिक्षण लिया है, वे अपने गाँवों में इस प्रशिक्षण को भौतिक रूप से अपने गाँव के लोगों के साथ बाटेंगें ताकि जान-माल की हानि को कम किया जा सकें।
ए0डी0एम वित्त गजेन्द्र कुमार ने बताया कि सडक दुर्घटनायें सबसे अधिक जनहानि करती हैं। हादसों की वजह से परिवारों पर आजीविका का संकट भी आ जाता है। हादसे पूरी तरह से मानव जनित संकट है। इन्हें रोका जा सकता है। उन्होनंे कहा कि यातायात के नियमों का पालन किया जाये। तेज रफ्तार से वाहन न चलायें। दुपहिया वाहनों पर दो से अधिक व्यक्ति न बैठें। उन्होंने कहा कि महिला प्रतिभागी सडक सुरक्षा के अनुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आपदा पटल प्रभारी नासिर हुसैन ने बताया कि जनपद स्तर पर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण का हमेशा से यह लक्ष्य रहा है कि आपदा में कम से कम नुकसान हो। इसको लेकर काफी हद तक सफलता भी मिली है। उन्होनें बताया कि शीतलहर एवं भूकम्प से बचाव के लिये जो गाईड लाईन जारी की गयी है, उस पर अमल किया जाये। मास्टर ट्रेनर जैकी कुमार ने बताया कि संस्थान छोटा हो या बडा, सभी जगह अग्निशमन यंत्र होने चाहिये। आग लगने की स्थिति में क्या किया जाये, यह उन्होनें विस्तार से बताया। श्री राम कॉलेज की प्राचार्या प्रेरणा मित्तल ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण लगातार होने चाहिये। उन्होनंे कहा कि इस 04 दिवसीय प्रशिक्षण में काफी कुछ सीखने को मिला है। प्रशिक्षण लेने वाले कार्मिक इस प्रशिक्षण को जीवन में उतारें। इस अवसर पर यहाँ नोडल एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला, आपदा पटल प्रभारी नासिर हुसैन, मास्टर ट्रेनर अनुराधा वर्मा, बुशरा, शीजा खानम, मिर्जा गुलजार बेग, जैकी कुमार, पंकज त्यागी, विवेेक गोयल, गुलफाम अहमद, योगेश कुमार, शिखा शर्मा, निकिता रमन, रेनू रानी ने प्रशिक्षण ले रहे कार्मिकों को आपदा से बचाव को लेकर प्रशिक्षित करते हुये सलाह दी कि जो सीखा गया, उसे जीवन में संकट की घडी में अवश्य प्रयोग करें। इस अवसर पर अजय कुमार, अमित कौशिक, प्रवेश कुमार, रविन्द्र कुमार, पप्पू, अंशुल पुण्डीर आदि का योगदान रहा।
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