मुजफ्फरनगर । श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों में भव्य सज्जा की जा रही है वहीं घरों में ठाकुर जी के विशेष श्रंगार की तैयारी है। पार्लरों में भीड़ है और पोशाकों की खरीदारी की जा रही है।
भगवान की पोशाक और मूर्तियों की दुकानों पर लोगों की कतार लगी रही। कोई अपने लड्डू गोपाल के लिए मोहक पोशाक लेने आया था तो कोई आरामदेह और कुछ अलग सा झूला। ग्राहकों में अधिकांश महिलाएं थीं। कोई नई तरह की बांसुरी मांगता तो दूसरा पिछले साल से अलग शृंगार का सामान। श्रीकृष्ण की पोशाक, झूले, बांसुरी और शृंगार के सामान की कई दुकानें हैं। अधिकांश ग्राहक नई तरह की पोशाक और झूले के लिए आए। इनमें भी झूले लेने वालों की संख्या अधिक रही। मखमल लगा हुआ झूला काफी पसंद किया जा रहा है। झूलों की कीमत सौ रुपये से शुरू हो जाती है। हजार से डेढ़ हजार रुपये तक के झूले भी हैं लेकिन अधिकांश ग्राहक पांच सौ तक की कीमत के झूले खरीदते हैं।
लड्डू गोपाल लेने के लिए भी कई महिलाएं पहुंच रही हैं। लड्डू गोपाल कई आकार में हैं। सबसे बड़े एक फुट तक के हैं। इससे अधिक बड़े आर्डर पर ही तैयार किए जाते हैं। महिलाएं दुकान से ही लड्डू गोपाल को लेकर उन्हें पोशाक पहनाकर भी देखती हैं। बाजार में कढ़ाईदार, रेशम के धागों से बने पोशाक और मुकुट भी हैं। महिलाएं घर का काम खत्म कर पोशाक और मुकुट बनाने में जुट जाती हैं। जन्माष्टमी पर काम बहुत बढ़ जाता है। महिलाएं राधा-कृष्ण, ठाकुर जी की पोशाक, मुकुट बना रही हैं। पोशाक 100 से लेकर 750 रुपये, मुकुट 10 से लेकर 100 रुपये तक के हैं। दुकानों के अलावा ऑनलाइन भी पोशाक मंगाई गई हैं।
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