मुजफ्फरनगर।आईआईए की एक साधारण बैठक का आयोजन होटल स्वर्ण इन्न सुईट में किया गया।
जिसमें विशिष्ठ अतिथि के रूप में रविंद्र कुमार सिंह डिप्टी डायरेक्टर ऑफ फैक्टरीज मेरठ, राजकुमार सहायक श्रमायुक्त श्रम विभाग मुजफ्फरनगर, स्वाति कौशिक सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान संभाग सहारनपुर, बाल कृष्ण शुक्ला सहायक निदेशक कारखाना, राजकुमार यादव वरिष्ठ निरीक्षक अनिल कुमार विधिक माप विज्ञान मुजफ्फरनगर पधारे।
सभी का स्वागत चैप्टर चेयरमैन पवन कुमार गोयल ने बुके देकर किया।
चैप्टर चेयरमैन पवन कुमार गोयल ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि लघु उद्यमी अपनी फैक्ट्री में बहुत अधिक व्यस्त होता है क्योंकि फैक्ट्री के सभी कामों के साथ-साथ विभागीय काम भी उसे ही देखने और करने होते है, ऐसे में कई बार भूलवश कहीं कोई त्रुटियां हो जाती है, उसके लिए विभाग को उनका सहयोग करना चाहिए, छोटी मोटी गलती पर ध्यान न दिया जाए, उन्होंने कहा कि शासन के आदेश पर विभिन्न फैक्टरियो के रेंडम सर्वे किये जा रहे हैं जिसमें चार विभाग मापतोल बांट विभाग, श्रम विभाग, फैक्ट्री एक्ट व पॉल्यूशन विभाग की संयुक्त टीम बाहर से आकर फैक्ट्री का सर्वे करती है एवं पाई गई कमियों का क्रियान्वयन स्थानीय अधिकारियों के द्वारा किया जाता है।
आईआईए ऐसे सर्वे का विरोध करता है एवं हमारा केंद्रीय नेतृत्व भी इन सर्वे को बंद करने की मांग शासन से कर चुका है क्योंकि ऐसे सर्वे इंस्पेक्टर राज को पुनः स्थापित करेंगे। उन्होंने ये भी कहा की किसी सदस्य इकाई का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आईआईए के पूर्व चेयरमैन विपुल भटनागर ने श्रम विभाग से आ रही समस्याओं के बारे में कहा कि सभी विभाग को फैसिलिटेटर की तरह कार्य करना चाहिए ना कि डिक्टेटर के रूप में । उद्योग और विभाग एक दूसरे के पूरक है आप सहयोगी के रूप में कार्य करेंगे तो उद्योग भी बढ़ेगा एवं विभागीय नियमों का पालन भी अधिक होगा। आज श्रमिक की मांग अधिक है व उपलब्धता कम है जिस कारण सरकार द्वारा निर्धारित मिनिमम वेज से कम पर कारीगरों की उपलब्धता ही नहीं है, शायद ही ऐसी कोई फैक्ट्री हो जो मिनिमम वेज से कम अपनी फैक्ट्री में किसी श्रमिक को दे रहा हो । उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट कहीं भी हो सकते हैं कभी भी हो सकते हैं व किसी भी उद्योग में हादसा होने पर विभाग को उद्यमी की परेशानी को देखते हुए उस पर अनावश्यक दबाव नहीं बनना चाहिए । उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के लिए अनेकों योजनाएं है उनको प्रचारित व प्रसारित किया जाना चाहिए।
श्रम विभाग से आए सहायक श्रमायुक्त राजकुमार ने कहा कि वैसे तो विभाग सदैव सहयोगी के रूप में कार्य करता है व किसी शिकायत पर पहले उद्योग के जवाब का इंतजार भी करता है दोषी पाए जाने की स्थिति में ही कार्यवाही की जाती है उन्होंने श्रम कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया।
पूर्व चेयरमैन कुश पुरी ने कहा कि किसी भी सर्वे का आईआईए कभी विरोध नहीं करता, पर उसमें कुछ व्यवहारिक नहीं होता अतः उसका किसी को लाभ नही होता है सिर्फ कागजी खानापूर्ति होती है और उत्पीड़न ही बढ़ता है lअंग्रेजों के समय के बने नियम आज भी लागू जिनमे आज परिवर्तन की आवश्यकता है, आज देश बदल रहा है उद्योग बदल रहा है, उद्यमी बदल रहा है, हम फैक्ट्री में हर संभव सुरक्षा के लिए प्रयासरत है पर बहुत सारे नियम व्यावहारिक नहीं है इन्हें आज समय के अनुसार बदला जाना चाहिए ।
मेरठ से पधारे डिप्टी डायरेक्टर ऑफ फैक्ट्री रविंद्र कुमार सिंह ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से फैक्ट्री एक्ट में कौन-कौन से उद्योग कवर होते हैं व क्या-क्या योजनाएं उद्योग में लागू की जानी चाहिए के बारे में विस्तार से बताया।
आईआईए के पूर्व चेयरमैन नवीन जैन ने कहा कि जैसे गुजरात में नियम है कि फैक्ट्री एक्ट में रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ही फायर एनओसी भी उसी विभाग द्वारा दी जाती है, ऐसा ही उत्तर प्रदेश में किया जाना चाहिए।रवीन्द्र सिंघल ने भी कहा गुजरात में अधिकारी कमियों को नोट करा जाते है व समयसीमा में निस्तारण करने पर निरीक्षण होता है ऐसा ही यहाँ भी होना चाहिये l
आईआईए के सचिव अमित जैन ने मेट्रोलॉजी विभाग के अधिकारियों से पूछा कि यदि हम बांट या माप का कोई यंत्र सिर्फ अपने इंटरनल यूज़ के लिए करते हैं व उपभोक्ता को उसके द्वारा उसे नाप तौल कर नहीं बेचते है, ऐसे में नियम के अनुसार उस यंत्र का कैलिब्रेशन की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए परंतु विभागीय अधिकारी ऐसी स्थिति में भी चालान कर रहे हैं ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने यंत्रों का कैलिब्रेशन विभाग से ना करवाकर यदि एनएबीएल से अधिकृत एजेंट से कराया जाए तो क्या वह विभाग को मान्य है।
सहारनपुर मेट्रोलॉजी विभाग से आयी स्वाति कौशिक जी ने कहा कि ज्यादातर पंजीकरण व रिन्यूअल अब ऑनलाइन कर दिया गया है जिसमें आपको विभाग में ना आकर स्वयं ही कर सकते है जिसका समय सीमा विभाग द्वारा निस्तारण कर दिया जाएगा । इस तरह से विभाग का समय भी बचता है और पारदर्शिता से भी कार्य हो रहा है। यदि आप सामान की छोटी पैकिंग करते हैं तो आपको विभागीय नियमानुसार सभी उपकरणों का पंजीकरण व कैलिब्रेशन कराना चाहिए। पैकिंग पर विभागीय नियमानुसार सारी जानकारियां अंकित की जानी चाहिए । उपभोक्ता के संरक्षण के लिए यह बहुत आवश्यक है।
किर्लोस्कर कंपनी से आए हुए वक्ताओं ने प्रेजटेंशन के माध्यम से सी पी सी बी से अप्रूव डीजल जेनरेटर के बारे में अवगत कराया।सीपीसीबी 4 प्लस जैनरेटर सेट का निर्माण पूर्णतय वातावरण को स्वच्छ रखता है।व पर्यावरण विभाग से अप्रूव्ड होने के कारण इसे ग्रैप लागू होने की स्तिथी में भी निर्बाध चलाया जा सकता है व किसी भी स्तिथी में प्रतिबंधित नहीं है
बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को मोमेंट देकर सम्मानित किया।
आईआईआए के पीआरओ समर्थ जैन व ज्वाइंट पीआरओ राज शाह ने बैठक में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया। बैठक में सर्व श्री मनीष भाटिया, अमित गर्ग, मनोज अरोरा, अरविंद मित्तल, प्रतुल जैन, अर्पित गर्ग, पंकज मोहन गर्ग, अरविंद गुप्ता, सुधीर गोयल, उमेश गोयल, आचमन गोयल, पियूष गर्ग, सुधीर अग्रवाल, शमित अग्रवाल, संजीव मित्तल, रविंद्र सिंघल स्वास्तिक, कपिल मित्तल, राहुल अग्रवाल, दीपक सिंघल, अनुज कुचछल, सुरेंद्र अग्रवाल, अमन गुप्ता, नईम चांद, असद फारुकी, अतुल अग्रवाल, मुकुल गोयल, अंकुर तायल, अमरीश कुमार, पुलकित सिंगल, विनोद जलोत्रा, वंश कपूर, विजय कपूर, प्रशांत गुप्ता, गुंजन गुप्ता, निशांत कुचछल, आदि भारी संख्या में उद्यमी उपस्थित रहे।
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