नई दिल्ली। 'सनातन धर्म' पर तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पुत्र कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे के खिलाफ मंगलवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद दोनों ने अपने बयान पर कायम रहने की बात कही है। खरगे ने कहा कि मुझे किसी की परवाह नहीं है।
दर्ज एफआईआर पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने सफाई देते हुए कहा कि "मुझे परवाह नहीं है, वे जो चाहें कर सकते हैं, मेरा बयान बहुत स्पष्ट है। यह किसी विशेष धर्म के खिलाफ नहीं है। मैंने और स्टालिन ने कहा था कि कोई भी धर्म जो समानता का उपदेश नहीं देता, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। संविधान मेरा धर्म है। अगर यूपी में कोई समस्या है, तो मुझे नहीं लगता कि यह मेरी समस्या है। जो भी करना होगा हम करेंगे..."
रामपुर के दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं राम सिंह लोधी और हर्ष गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक से इन दोनों नेताओं की शिकायत की थी। सनातन धर्म पर विवादित बयान देने के मामले में सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोपित मंत्रियों में उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खरगे का नाम शामिल था। दोनों अधिवक्ताओं का कहना था कि चार सितंबर को उदयनिधि स्टालिन का भाषण अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया व कोरोना से करते हुए कहा, जिस प्रकार इन बीमारियों को खत्म किया जा रहा है, उसी प्रकार सनातन धर्म को भी खत्म करना आवश्यक है। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने भी स्टालिन के भाषण का समर्थन किया था। अधिवक्ताओं की शिकायत पर दोनों मंत्रियों के खिलाफ धारा 153 ए व 295 ए के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी।
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