सोमवार, 11 सितंबर 2023

मुजफ्फरनगर जैन साध्वी का लोकगमन

 खतौली। दिगंबर जैन मंदिर भागीरथी वर्णी कानूनगोयान में आचार्य श्री 108 भारत भूषण महाराज की प्रथम आर्यिका 105 भावित भूषण माता का देवलोक गमन हो गया। पिछले 10 दिनों से माता की समाधि भावना चल रही थी।



आचार्य श्री 108 भारत भूषण महाराज ने बताया कि प्रत्येक जीव को अंत समय में समाधि मरण ही करना चाहिए। जैन धर्म के अनुसार मृत्यु एक महोत्सव की तरह है। इस सत्य को स्वीकार कर अपने परिणामों की संभाल करनी चाहिए। जिससे भविष्य की गति उत्तम बने और सच्चे देव शास्त्र गुरु का सानिध्य प्राप्त कर कल्याण किया जा सके। माताजी ने भी अंतिम समय में सभी जीवों के कल्याण की भावना भायी और शांत परिणामों से देह का परित्याग किया।


आर्यिका भावित भूषण माता की अंतिम संस्कार डोला यात्रा भगीरथी मंदिर से प्रारंभ होकर बिद्बिबाड़ा, जीटी रोड, भगवान महावीर मार्ग से होते हुए कुंदकुंद जैन सभा स्थल पहुंचीं। जहा सुश्रावकों ने अंतिम संस्कार की क्रियाएं पवित्र मंत्रोचार के साथ संपंन कराई। मुखाग्नि का कार्य ग्रहस्थ जीवन के परिजनों ने समाज लोगों के सहयोग से संपन्न कराया। भक्तगण जैन धर्म का जय घोष कर रहे थे। संत समाज के जयकरों के साथ श्रद्धालु चल रहे थे। अंतिम यात्रा में खतौली जैन समाज के साथ साथ सरधना, मेरठ, रामपुर मनिहारान, नोएडा, मवाना, मुजफ्फरनगर व गाजियाबाद से जैन समाज के साधर्मी जन सम्मिलित हुए।

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