मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग में एक सभासद के खिलाफ पालिका के अधिकारियों और कर्मचारियों के आचरण को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सम्मान न करने के आरोप लगाते हुए की गई प्रतिकूल टिप्पणी को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। बोर्ड मीटिंग में सभासद की टिप्पणी का विरोध किया गया तो वहीं बैठक निपटने के बाद स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के आह्नान पर सभासद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पालिका में कामबंद हड़ताल कर तालाबंदी कर दी गयी। हालांकि इसका संज्ञान लेते हुए चेयरपर्सन ने त्वरित कदम उठाते हुए मामले को सूझबूझ से संभाला और दोनों पक्षों में सुलह सफाई कराकर सम्मानजनक निपटारा करा दिया। चेयरपर्सन ने कहा कि सभासद शालीनता के साथ व्यवहार करें और कर्मचारियों व अधिकारियों को भी हिदायत दी गई कि जनप्रतिनिधि होने के नाते सभी सभासदों का उचित सम्मान किया जाये। उन्होंने कहा कि शहर में किसी भी वार्ड में कार्य होगा तो सभासद के संज्ञान में लाकर ही कराया जायेगा। उनके सम्मान से कोई खिलवाड़ नहीं होगा, लेकिन उनका भी दायित्व है कि वो पालिका को परिवार मानकर कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ शालीन व्यवहार करें और सदन में संसदीय भाषा की मर्यादा में ही अपनी बात, विरोध और आक्रोश को प्रकट करें।
नगरपालिका परिषद् की सोमवार को आयोजित हुई बोर्ड बैठक के दौरान एजेंडा पारित होने के बाद जब समस्याओं पर चर्चा चल रही थी तो वार्ड 51 से सभासद अब्दुल सत्तार निवासी दक्षिणी खालपार ने सदन में सभासदों के मान सम्मान का मामला उठाते हुए कहा कि सभासदों का पालिका में कोई अस्तित्व ही नहीं माना जाता है। वो जनता के साथ उनके कार्य के लिए आते हैं तो उनको कार्यालयों में कर्मचारी और अधिकारी उचित सम्मान नहीं देते हैं। कुछ वार्डों के सभासदों ने यह मामला उठाया था कि वार्डों में कार्य उनको सूचना दिये बगैर ही शुरू करा दिये जाते हैं, जनता से उनको पता चलता है कि वार्ड में विकास कार्य शुरू हो गये हैं। इसको लेकर हंगामा तब बढ़ा जबकि सभासद अब्दुल सत्तार ने सदन में ही पालिका कर्मियों को पांच साल तक सभासदों का नौकर बताते हुए कहा कि जो सम्मान नहीं करेगा हम उसको लात घूंसों से पीटेंगे और ऐसा होगा तो यही कर्मचारी फिर सभासद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराते कोतवाली जायेंगे। सभासद की इस टिप्पणी पर सदन में ही कार्यालय अधीक्षक और स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमवीर सिंह ने कड़ा ऐतराज जताया और विरोध किया। मामला बिगड़ता देखकर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने बैठक में भी स्थिति सामान्य की।
बैठक के बाद संगठन के आह्नान पर पालिका कर्मियों के द्वारा सभासद पर अभद्रता और अपमान करने का आरोप लगाते हुए पालिका कार्यालयों में तालाबंदी कर कामबंद हड़ताल कर दी। सभागार में सभी कर्मचारियों ने संगठन के प्रांतीय उपाध्यक्ष ओमवीर सिंह, अध्यक्ष ब्रजमोहन और महामंत्री सुनील वर्मा के नेतृत्व में एकजुट होकर धरना दे दिया। कर्मचारियों ने सभासद अब्दुल सत्तार की निंदा करते हुए दो बोर्ड बैठकों के लिए बहिष्कृत करने की मांग करते हुए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को पत्र भी सौंपा। इसमें कहा गया कि बोर्ड बैठक के बाद भी सभासद अब्दुल सत्तार ने कर्मचारियों को पीटने की बात दोहराई। संगठन ने मांग की है कि सभासदों के सीधे पटल पर जाकर कर्मचारी से सम्पर्क करने पर प्रतिबंध लगाया जाये और उनके द्वारा ईओ के माध्यम से या चेयरपर्सन के माध्यम से कार्य कराया जाये। पालिका में तालाबंदी होने पर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप और उनके पति गौरव स्वरूप ने मामले का संज्ञान लिया। इसी दौरान कर्मचारियों की बात लेकर कार्यालय अधीक्षक ओमवीर सिंह, कर्मचारी संगठन के महामंत्री सुनील वर्मा व अन्य कर्मचारी चेयरपर्सन के आवास पर पहुंचे। इसी बीच चेयरपर्सन ने सूझबूझ से मामला सुलझाया। सभासदों को भी वहां पर बुलाया गया और दोनों पक्षों के गिले शिकवे दूर कराये गये।
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि पालिका एक परिवार है और छोटी मोटी कहासुनी हो जाती है। यह परिवार का दस्तूर है। उन्होंने कहा कि सभासद ने खेद व्यक्त तो कर्मचारियों ने भी उनका सम्मान किया। सभासदों को हमने शालीनपूर्ण व्यवहार करने के लिए आग्रह किया है, ताकि भविष्य में परिवार में इस प्रकार की खटास न आये। वहीं कर्मचारियों और अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि जनप्रतिनिधि होने के नाते सभासद को पूरा सम्मान दिया जाये। किसी के सभी सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। इस दौरान सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, मौ. खालिद, अन्नू कुरैशी, शहजाद, आदिल, अब्दुल सत्तार, नौशाद खान, शौकत अंसारी, हनी पाल, देवेश कौशिक सभासद पति गुलरेज उर्फ राजू, राहुल पंवार आदि मौजूद रहे तो वहीं कर्मचारी संगठन के ओमवीर सिंह, ब्रजमोहन, सुनील वर्मा, गगन महेन्द्रा, तनवीर आलम, गोपीचंद वर्मा सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
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