रविवार, 6 अगस्त 2023

ज्ञानवापी सर्वे में मिले कुछ और मंदिर के सुबूत


वाराणसी । ज्ञानवापी सर्वे में एएसआइ के विशेषज्ञों ने तीनों गुंबदों की जांच भी की। उन्हें गुंबदों के नीचे मंदिर के शिखर जैसे ढांचे मिले, जिन पर फूल, पत्तियां, कमल के फूल आदि की स्पष्ट आकृतियां हैं। पश्चिमी दीवार और दक्षिण दिशा में बाहरी हिस्से की जमीन की जांच भी की।

सर्वे टीम ने सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश किया। चार टीमों में बंटकर पहले से तय स्थानों पर जांच शुरू की। मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि एक टीम पश्चिमी दीवार की जांच में जुट गई और दूसरी ने व्यास जी के कमरे में प्रवेश किया। एक टीम उस हाल में पहुंची, जहां नमाज होती है। हाल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक ताखे मिले हैं। इनकी संरचना और उनके आसपास उभरे चिह्नों की थ्रीडी मैपिंग भी हुई। मंदिर पक्ष ने कहा कि गुंबद के पूरा सर्वे होने में अभी समय लगेगा, मगर छत की डिजाइन ने हमारा उत्साह बढ़ाया है। दस सदस्यीय टीम कमरे से लगी सीढ़ी से होकर उत्तर दिशा में स्थित गुंबद में दाखिल हुई। अंदर से ऊपरी गुबंद के नीचे एक शंकुकार शिखरनुमा आकृति दिखी। शिखर से गुंबद की ऊंचाई करीब छह फुट है। सर्वे टीम ने शिखर की लंबाई, चौड़ाई को नापा। शिखर का व्यास काफी बड़ा है और उसकी नाप डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) के जरिए की गई। मुख्य गुंबद के नीचे भी शंकुकार शिखरनुमा ढांचा बना हुआ है और उसके चारों ओर पतला गलियारा है।

दक्षिणी गुंबद में भी शिखर जैसे ढांचे पर फूल, पत्ती आदि हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक चिह्न उकेरे हुए मिले। टीम ने इन आकृतियों की बनावट देखी और उसके आकार आदि के बारे में नोट किया। उन्होंने तीनों शिखरों के बीच में गोल चिह्न पाया जैसा मंदिर के शिखर पर ध्वज के लिए बना होता है। इन शंकुकार शिखरों का उल्लेख एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की रिपोर्ट में भी है। मंदिर पक्ष इसे प्राचीन आदि विश्वेश्वर मंदिर का शिखर बताता है।

टीम लगभग पूरे दिन गुंबद व शिखर की जांच करती रही। इसके बाद छत पर भी पहुंची। यहां से तीनों गुंबदों को देखा। उनके व्यास को नापा और उसकी बनावट को देखा। मंदिर पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि सर्वे टीम व्यास जी के कमरे में विश्वनाथ मंदिर की तरफ खुलने वाले दरवाजे से दाखिल हुई। यहां से मलबा हटाने का काम जारी है। कमरे में ही जगह-जगह छोटे-बड़े अवशेष मिले, जो मंदिर के प्रतीत हो रहे हैं। खंभों पर उकेरी गईं आकृतियां स्पष्ट होती जा रही हैं। एक खंभे पर सात पंक्तियां भी मिलीं हैं जो स्पष्ट नहीं हो रहीं।

चार हिस्सों में बंटे कमरे में जमीन पर कुछ पत्थर भी हैं, जिन पर कमल के फूल, पंखुड़ी और स्वास्तिक जैसे चिह्न हैं। पुरातत्ववेत्ताओं ने प्रत्येक आकृति की बारीकी से जांच की, विशेष रूप से उनकी बनावट की। उनके बारे में नोट भी बनाया।

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