मुजफ्फरनगर। अदालत ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में आरोपी पूर्व विधायक उमेश मलिक को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। बुधवार को विशेष न्यायायल (एमपी/एमएलए कोर्ट) के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने फैसया सुनाया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पांच फरवरी 2012 के विधानसभा चुनाव में कस्बा शाहपुर में सत्यपाल के मकान पर भाजपा नेता उमेश मलिक का कार्यालय संचालित हो रहा था। अधिकारियों के मुआयने में इस कार्यालय पर भारी मात्रा में चुनाव सामग्री जमा मिली थी। कार्यकर्ताओं के लिए खाना तैयार होने और बांटे जाने का आरोप था। मौके पर खड़े वाहनों की कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
मामले में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत तत्कालीन थानाध्यक्ष एसएस चौधरी ने मुकदमा कायम कराया था। पुलिस ने तफ्तीश के बाद आरोप पत्र दाखिल किया। मामले का परीक्षण विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए कोर्ट) में हुआ। बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पूर्व विधायक उमेश मलिक को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के लगे आरोपों से मुक्त करते हुए बरी किया है।
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