बुधवार, 7 जून 2023

मुजफ्फरनगर ऐसा था जीवा का खौफ, नाम से ही चलता था कारोबार

 


मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की कोर्ट के अंदर गोली मारकर हत्या के मामले में हत्यारोपी की पहचान विजय यादव पुत्र श्यामा यादव निवासी केराकत जिला जौनपुर के रूप में हुई है। पुलिस छानबीन में जुटी हुई है। हमले में एक सिपाही लाल मोहम्मद भी घायल हुआ है। वहीं, हमले में घायल डेढ़ साल की बच्ची को बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया है, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। बता दें कि लखनऊ कोर्ट में मारे गए कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का पश्चिमी यूपी के अंदर ऐसा खौफ था कि लोग उसके नाम से ही कांपते थे। जीवा ने 1997 में पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर जरायम की दुनिया में कदम रखा था। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी को रालोद ने 2017 विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर की सदर सीट से टिकट भी दिया था, लेकिन वह हार गईं थी। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वह टिकट की दौड़ में शामिल थीं। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। हत्या से पहले मुजफ्फरनगर में कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर प्रशासन ने बड़ा शिकंजा कसा था। यहां प्रशासन की टीम ने संजीव जीवा की करोड़ों रुपये की संपत्ति को कुर्क किया था। कुख्यात संजीव जीवा और उसकी पत्नी पायल माहेश्वरी की करीब आठ बीघा जमीन प्रशासन ने कुर्क की थी। भूमि दो हिस्सों में थाना आदर्श मंडी और सदर कोतवाली क्षेत्र में थी। जमीन की कीमत करीब 1.86 करोड़ रुपये बताई गई थी। कृषि भूमि पर खड़ी गेहूं की फसल को नौ हजार रुपये में नीलाम कराकर धनराशि सरकारी खजाने में जमा करा दी गई थी। संजीव जीवा और उसकी पत्नी व बच्चों के नाम आदमपुर गांव में 21 बीघा भूमि को प्रशासन ने कुर्क किया था। यह जमीन उसने अपनी पत्नी और पुत्रों के नाम पर खरीदी थी।

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