मुजफ्फरनगर 08 जून। मंत्री कपिल देव के निमंत्रण पर शुकतीर्थ में 10 जून को आयेंगे पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, देंगे करोडों रुपये के पर्यटन एवं विकास कार्यों की सौगात
ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक तीर्थस्थलों के द्रुतगामी विकास के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में जनपद के पौराणिक तीर्थस्थल शुकतीर्थ के विकास को नए पंख लगाने के लिए प्रदेश के पर्यटन मंत्री 10 जून को यहाँ आयेंगे। उनके आगमन की जानकारी देते हुए नगर विधायक एवं प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि सेवा, सुशासन एवं जन कल्याण को कटिबद्ध भाजपा सरकार विकास के नित नए आयाम स्थापित कर रही है।
कपिल देव ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा की उद्गम स्थली शुकतीर्थ के चहुंमुखी विकास के लिए स्वयं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा, कार्यान्वयन एवं समय-समय पर निगरानी की जा रही है। मंत्री कपिल देव ने बताया कि 10 जून को पर्टयन मंत्री जयवीर सिंह शुकतीर्थ आयेंगे तथा उनके प्रस्तावों के अनुसार 11 करोड 47 लाख रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा 33 करोड रुपये के प्रस्तावित विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे।
उन्होंने बताया कि इन विकास कार्यों में शुकतीर्थ के मुख्य मार्गों पर कलाकृतियाँ, धाम में टीएफसी एवं पार्किंग निर्माण, गंगा घाट का उच्चीकरण, वहलना जैन मंदिर का पर्यटन विकास, पर्यटन सूचना केंद्र का निर्माण आदि सम्मिलित हैं। मंत्री कपिल देव ने क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व पर्यटन मंत्री को धन्यवाद दिया और मुजफ्फरनगर आगमन पर पर्यटन मंत्री के जोरदार स्वागत की तैयारियाँ की हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र एवं शुकतीर्थ में विकास कराये जाने को लेकर गंभीर हैं। विदित रहे, मंत्री कपिल देव लंबे समय से यहाँ गंगा की जलधारा लाने के लिए भी प्रयासरत हैं।
शुकतीर्थ में तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, साधु-संतों की सेवा के लिए श्री गंगा सेवा समिति पिछले 25 वर्षों से लगातार सेवा कर रही है। 10 जून को समिति अपनी रजत जयंती मना रही है। समिति के अध्यक्ष सतीश चंद गोयल का कहना है कि समिति के रजत जयंती उत्सव में पर्यटन मंत्री, मंत्री कपिल देव अग्रवाल आदि को आमंत्रित किया गया है तथा उनके भव्य स्वागत की तैयारियाँ की गई है। समिति आगे भी जनसेवा में इसी प्रकार लगी रहेगी।
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