लखनऊ। तत्कालीन चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ लोकायुक्त ने जांच शुरू करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही तत्कालीन विशेष सचिव प्रांजल यादव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी लोकायुक्त भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत को लोकायुक्त ने प्राथमिक तौर पर सही पाया है।
गुरुवार को शासन की ओर से जारी प्रेसनोट में इसकी जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, अमित मोहन प्रसाद के साथ ही तत्कालीन विशेष सचिव प्रांजल यादव, तत्कालीन संयुक्त सचिव प्राणेश चन्द्र शुक्ला, अपर निदेशक डीके सिंह, अनुभाग अधिकारी चिकित्सा अनुभाग-6 चन्दन कुमार रावत के खिलाफ उप लोकायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने आरोपों को पहली नजर में सही पाया। इसलिए महेश चंद्र श्रीवास्तव के परिवाद को अंतिम जांच के लिए स्वीकार कर लिया है। लोकायुक्त के सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इन सभी के विरूद्ध परिवाद संख्या-1560-2021 प्रस्तुत किया गया था।
दरअसल महेश चंद्र श्रीवास्तव ने आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ ये आरोप लगाया था कि यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ लि. में बीते कई सालों से मुख्य अभियन्ता विद्युत का पद खाली होने के बावजूद संबंधित विभाग विद्युत कार्यों के लिए टेंडर प्रकाशित कर रहा है। इसके साथ ही आरोपी लोक सेवक अपनी प्रिय कम्पनी फर्म को कार्य आवंटित करवा कर लाभ उठा रहे हैं। वहीं फायर फाइटिंग के कार्य हेतु दक्ष न होने के बावजूद फायर फाइटिंग के काम को भी नियमों के खिलाफ किया जा रहा है।
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