लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दाखिल कर नगर निकाय चुनाव के संबंध में राज्य सरकार की तरफ से गठित यूपी स्टेट लोकल बॉडीज डेडीकेटेड बैकवर्ड क्लास कमीशन की रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने का मुद्दा उठाया गया।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में उपस्थित अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने कहा कि यदि याची ने प्रमुख सचिव, नगर विकास को रिपोर्ट की मांग सम्बंधी कोई प्रत्यावेदन दिया होगा तो उसे रिपोर्ट की प्रति अवश्य उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से दिए गए इस आश्वासन के बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सत्यवती की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याची की तरफ से कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किये जाने के कारण 30 मार्च को जारी आरक्षण संबंधी अधिसूचना पर आपत्ति नहीं दाखिल कर सकी। राज्य सरकार द्वारा याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि यह याचिका एक छद्म याचिका है जिसे याची के नाम पर किसी और ने दाखिल कराया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याचिका के विरोध का यह कोई आधार नहीं है। कहा कि 30 मार्च की अधिसूचना पर आपत्ति के लिए अंतिम तिथि 6 अप्रैल नियत है, लिहाजा उसके पास आपत्ति दाखिल करने के लिए बहुत कम समय बचा है। इस पर सरकार की तरफ से मौजूद अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि यदि याची ने प्रक्रिया के तहत कोई प्रत्यावेदन भेजा होगा तो उसे पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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