सोमवार, 3 अप्रैल 2023

पाठ्य पुस्तकों से हटेगा मुगल शासन का गौरव गान

 


प्रयागराज। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने नए शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए इतिहास, नागरिक शास्त्र और राजनीति शास्त्र की किताबों में कई बड़े बदलाव किए हैं। दसवीं की लोकतांत्रिक राजनीति-2 पुस्तक में 'लेाकतंत्र और विविधता', 'जनसंघर्ष और आंदोलन', 'लोकतंत्र की चुनौतियां' जैसे कई पाठ हटा दिए गए हैं। वहीं, भारतीय इतिहास के 12वीं के पाठ्यक्रम के द्वितीय भाग में यूनिट-5 'शासक और इतिवृत' पाठ से अन्तर्गत मुगल शासकों एवं उनके दरबार के बारे में पढ़ाया जाता था, उसे नहीं पढ़ाया जाएगा। इसी के साथ इतिहास के भाग तीन में यूनिट-3 में औपनिवेशिक शहर और यूनिट-5 में विभाजन को समझना भी हटा दिया गया है। इससे यूपी बोर्ड के साथ ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के छात्र भी अब इन पाठों को नहीं पढ़ेंगे। शासक और इतिवृत में मुगल दरबार के तहत विद्यार्थियों को अकबरनामा, बादशाहनामा, मुगल शासक और उनका साम्राज्य, पांडुलिपियों की रचना, आदर्श राज्य, राजधानियां और दरबार, शाही परिवार, मुगल अभिजात्य वर्ग, धर्म पर प्रश्न उठाना जैसे विषय पढ़ाए जाते थे। इन्हें अब हटा दिया गया है। इसी तरह औपनिवेशिक शहर और विभाजन को समझना टॉपिक भी किताब से हटा दिया गया है। इसके तहत औपनिवेशिक शहरों और विभाजन किस तरह हुआ इसके विषय में पढ़ाया जाता था। इतिहास में ही 11वीं की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव और औद्योगिक क्रांति को भी हटा दिया गया है।

नागरिक शास्त्र की 12वीं की किताब समकालीन विश्व राजनीति से समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व और शीत युद्ध का चैप्टर भी हटा दिया गया है। वहीं, स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से जन आंदोलनों का उदय और एक दल के प्रभुत्व का दौर भी हटाया गया है। इसमें कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति, सोशलिस्ट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय जन संघ आदि के विषय में पढ़ाया जाता था। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किए गए हैं। सरकार ने इन बदलावों के लिए पहले ही संकेत दे दिए थे।

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