मुजफ्फरनगर। समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक ने विबग्योर आईटीआई के संचालक और प्रधानाचार्य के खिलाफ छपार थाने में दर्ज कराया है। इसमें 54 विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि को हड़पने के प्रयास का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।
जिला समाज कल्याण विभाग में वरिष्ठ सहायक अवनीश कुमार ने बताया कि विबग्योर प्राइवेट आईटीआई कॉलेज रुड़की रोड़ बढेड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। आईटीआई की जांच के लिए नायब तहसीलदार सदर ने 30 जनवरी को निरीक्षण किया था। उनकी ओर से डीएम को 31 जनवरी को दी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि निरीक्षण के दौरान कॉलेज के गेट पर ताला लगा हुआ मिला। वहां तैनात चौकीदार ने बताया कि विबग्योर आईटीआई कॉलेज बंद हो चुका है। इसके स्थान पर मुजफ्फरनगर फार्मेसी कॉलेज संचालित किया जा रहा है। इसमें शिक्षण संस्थान की ओर से अनुसूचित जाति वर्ग के 31, सामान्य वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के दो-दो, पिछड़ा वर्ग से 19 छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत आवेदन पत्र लॉगिन करते हुए अग्रसारित किए गए थे।
रिपोर्ट में इन कुल 54 विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि साजिशन हड़पने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। इस पर विबग्योर आईटीआई के संस्था अध्यक्ष विवेक त्यागी पुत्र कृष्णदत्त निवासी सरकुलर रोड सिविल लाइन, प्राचार्य एवं छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी शिवकुमार पुत्र चरणदास निवासी गांव जड़ौदा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
फर्जी शिक्षण संस्थाओं पर अंकुश लगाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने 19 जनवरी 2023 को कमेटी का गठन किया था। अलग-अलग अधिकारियों को नामित करते हुए सीडीओ से जांच रिपोर्ट तलब की थी। इसी के तहत विबग्योर आईटीआई की जांच की गई। - विनीत मलिक, जिला समाज कल्याण अधिकारी
विबग्योर आईटीआई के प्रधानाचार्य शिव कुमार ने बताया कि उनकी संस्था ने कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है। हमने दोनों जांच अधिकारी को समस्त कागजात दिखाए थे। यह भी बताया था कि संस्था के प्रथम वर्ष के किसी भी छात्रवृत्ति की मास्टर डाटा समाज कल्याण विभाग को जमा नहीं कराया गया। किसी भी छात्र को किसी प्रकार की कोई छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हुई। किसी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं हुई।
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