मुजफ्फरनगर। नाबालिग के अपहरण के बाद हत्या के मामले में पांच दोषियों को अदालत ने उम्रकैद और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। शव छिपाने के मामले में एक दोषी पर पांच हजार का अतिरिक्त अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। अपर सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर तीन के पीठासीन अधिकारी गोपाल उपाध्याय ने सुनवाई की।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा और सहायक शासकीय अधिवक्ता अरुण शर्मा ने बताया कि बाबरी थाना क्षेत्र के अय्यूब ने 24 जुलाई 2007 को अपने नाबालिग पुत्र हैदर कुरैशी के गुम होने की सूचना पुलिस को दी थी। इसके बाद वादी ने नाबालिग पुत्र का शव मिलने के बाद बुटराड़ा निवासी अनुज, इमरान, इकबाल, राजीव, सलीम और कासमपुर निवासी रवि के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा कायम करा दिया था।
तत्कालीन थाना प्रभारी फूल चंद भारती ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। अदालत में मामले का विचारण किया। दोनों पक्षों की तर्कों को सुनने के बाद अदालत ने पांच दोषी अनुज, इकबाल, राजीव, सलीम और रवि को हत्या में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास, 15-15 हजार जुर्माना और अपहरण के अपराध में 10 वर्ष का कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। दोषी रवि को शव छिपाने के मामले में भी दोषी मानते हुए पांच वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड सजा सुनाईं। तीनों धाराओं में सुनाई गई कारावास की सजा एक साथ चलेंगी।
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