मुजफ्फरनगर । अभियोजन कार्याे की समीक्षा करते हुए अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने निर्देश दिया कि गम्भीर प्रकृति के वादों में प्रभावी पैरवी कर अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलायी जाय, उन्होंने पॉक्सो एक्ट में पैरोकार की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाए जाना सुनिश्चित किया जाए। जिससे अपराधी किस्म के लोगों को यह मैसेज जाये कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वे सज़ा से बच नहीं सकते हैं।
उन्होनें बताया कि गम्भीर अपराध की श्रेणी में माह दिसम्बर‚ 2022 में गैंगस्टर में 05‚ हत्या में 02‚ बलात्कार के संबंध में 01‚ फिरौती हेतु अपहरण में 01‚ दहेत हत्या में 01‚ पोक्सों में 10 तथा एससी⁄एसटी एक्ट के अन्तर्गत 03 वाद सहित कुल 23 में निर्णय कराया गया जिसमें से 08 वाद में सजा करायी गयी। अभियोजन कार्यों की मासिक समीक्षा करते हुए अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने कहा कि प्रत्येक माह की कार्य योजना बनाते हुए जनपद के टॉप 10 अपराधियों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि न्यायालय में साक्ष्य के लिए आने वाले गवाहों को शत प्रतिशत परिक्षित कराया जाय तथा दोषमुक्त मामलों में नियमानुसार अपील की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाय। अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने मौजूद शासकीय अधिवक्ताओं एवं अभियोजन के अधिकारियों से न्यायालयों में साक्षियों की उपस्थिति और उनके पक्षद्रोही होने के कारणों की समीक्षा की एवं कहा कि समन तामीली समयबद्ध होनी चाहिए। अधिकतम साक्षियों को न्यायालयों के समक्ष परीक्षित कराया जाय। अकारण साक्षियों की वापसी ना होने पाए, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों में सफल अभियोजन पैरवी कर सजा का प्रतिशत बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि न्यायालयों में लंबित पुराने मामलों का निस्तारण शीघ्र हो सके।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अपराध प्रशांत प्रसाद एवं समस्त शासकीय अधिवक्ता उपस्थित रहें।
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