मुजफ्फरनगर । होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते है। इन दिनों में कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। इस बार होलाष्टक फरवरी माह के आखिरी दिन 28 फरवरी से लगेंगे।
6 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू हो चुका है और इस महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है। इससे आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारम्भ होते हैं और होलिका दहन के साथ होलाष्टक समाप्त होते है। दरअसल, होलाष्टक के 8 दिनों के दौरान राजा हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए कठोर कष्ट दिए थे। उसने आखिरी दिन प्रहलाद को जलाकर मारने की कोशिश भी की थी। इसलिए इन आठ दिनों कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। होलाष्टक के दिनों में ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में लगाते है और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिल जाता है।
होलाष्टक के दिनों में न करें ये काम
– होलाष्टक के दौरान विवाह, मुंडन समेत कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
– इस दौरान घर-गाड़ी, सोना खरीदने भी अशुभ माना जाता है।
– नवविवाहिता को सुसराल में पहली होली देखने की भी मनाही की गई है।
– होलाष्टक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसकी आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान कराने चाहिए।
– इन दिनों में कोई नया काम-व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए।
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