मुजफ्फरनगर । खतौली में भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत का आयोजन किया गया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि यह गन्ना बेल्ट है यहां सरकार ने ना तो गन्ने का भाव बढ़ा और कई शुगर मिलों के द्वारा दो गन्ने का भुगतान ही नहीं किया जा रहा। बिजली की बात है बिजली को लेकर उन्होंने कहा कि बिजली के अधिकारियों और सरकार का आतंक देखने को मिल रहा है। कई प्रदेशों में बिजली फ्री है और यहां बिजली काफी महंगी है । सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को फ्री बिजली देने की बात कही थी आप मीटर लगा रहे हैं। हम सरकार से पूछना चाहते हैं कि फ्री बिजली कैसे आएगी वह हमको सरकार बताएं। बेरोजगारी बढ़ रही है। आवारा पशुओं का आतंक है। यह सारी समस्याएं हैं। यहां पर जो आए हैं हम अधिकारियों को ज्ञापन देंगे। हमारे ब्लॉक अध्यक्ष कपिल शाम को पक्षपात रवैया अपनाते हुए उसे जेल में डाला गया। वह किसानों की आवाज उठाता था उसकी आवाज को दबाने के लिए यहां की सरकार ने एक टारगेट करके जो मजबूती से आवाज उठाते हैं उनको बंद करने का काम किया जाता है। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि जैसे दूसरे मुल्कों में होता है यहां की सरकार उसी तरह का तानाशाही रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि जो भी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहा है या तो उनकी पार्टी में शामिल हो जाओ नहीं तो जेल जाएगा। उसके खिलाफ फर्जी तरीके से मुकदमे लगाए जाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर कहा कि उनकी यात्रा ठीक चल रही है। उनका अपना एजेंडा है हमारी भी 9 तारीख में राहुल गांधी से बात होगी जो किसान के मुद्दे होंगे उस संबंध में हम बात करेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल को हमने भी समर्थन दिया था हमारे लोग वहां गए हमारा अराजनीतिक संगठन है। हमारे संगठन में सभी विचारधारा के लोग हैं किसी की विचारधारा कोई भी हो सकती है कहीं भी जा सकता है कहीं भी वोटिंग कर सकता है। हम अगर जाएंगे तो जो किसान के मुद्दे हैं क्योंकि कांग्रेस की भी कई राज्यों में सरकार है। उन राज्यों में किसानों गरीबों आदिवासियों के लिए क्या बेहतर हो सकता है। उस संबंध में हम उनसे बात करेंगे। चौधरी राकेश टिकैत ने आवारा पशुओं को लेकर कहा कि आवारा पशुओं का बेहद आतंक है। उसमें सरकारों को भी लगना चाहिए और समितियां बनाकर काम करना चाहिए क्योंकि जिस तरह सरकार ने ₹30 एक पशु का खाने का रेट रखा है। उन्होंने कहा कि इस तरह पशुओं को कैद करके मारने का प्लान सरकारों का है। ₹30 में 1 पशुओं का भोजन नहीं आ सकता उसके लिए यह तो रेट बढ़ाना पड़ेगा। सरकार दो या तीन गांव में एक गौशाला बनाएं भले ही ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा करके उन्हें चलवाए।
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