जोशीमठ। शहर में हो रहे भू-धंसाव से संकटग्रस्त परिवारों को बचाने और राहत देने का काम युद्ध स्तर पर होगा। मुख्यमंत्री धामी शनिवार को जोशीमठ के दौरे पर पहुंचे।
भूधंसाव के बाद जोशीमठ-औली रोपवे बंद कर दिया गया है। फरवरी तक रोपवे की अग्रिम बुकिंग थी। शीतकाल में हिमक्रीड़ा स्थल औली में ट्रेकिंग और स्कीइंग का लुत्फ उठाने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन, जोशीमठ के भूधंसाव ने पर्यटकों को भी भयभीत कर दिया है।
इससे भी पर्यटकों की संख्या लगातार कम हो रही है। इन दिनों प्रतिदिन दो हजार से अधिक पर्यटक व तीर्थयात्री जोशीमठ और औली पहुंच रहे हैं। हालांकि, पर्यटक जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव से भयभीत होकर वहां रुकने से डर रहे हैं। औली में भूधंसाव का कोई खतरा नहीं है, लेकिन वहां पर ठहरने के लिए सीमित संसाधन हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर जोशीमठ की स्थिति का समीक्षा की। उन्होंने तत्काल डेंजर जोन खाली कराने और सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में तुरंत आपदा कंट्रोल रूम स्थापित होगा। स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित स्थान की तलाश की जाएगी। आवश्यक होने पर प्रभावितों के लिए एयर लिफ्ट सुविधा की तैयारी रखी जाएगी।
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