मुजफ्फरनगर । खतौली में हुए उपचुनाव के बाद भाजपा का किला धराशाई होते दिखाई दे रहा है। क्योंकि भाजपा का वोट बैंक माने जाने वाला जाट, गुज्जर और दलित भाजपा के हाथ से निकल गया है। वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं दोनों उपमुख्यमंत्री साथ ही केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान, प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल का जादू इस बार मतदाताओं पर नहीं चल पाया। इसके चलते 56 प्रतिशत मतदान हो सका। मतदान की चाल धीमी होने के चलते भाजपा का किला धराशाई होते दिखाई दे रहा है।
बात करें गठबंधन की तो कम हुई वोटिंग परसेंटेज के चलते इस बार गठबंधन अपनी चरम सीमा पर दिखाई दे रहा है। गठबंधन के साथ मुस्लिम, गुज्जर, जाट, दलित एवं अन्य जाति वोट करती हुई नजर आई। याद रहे केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान द्वारा चैनल की बाइट में कहा गया था कि उपचुनाव को छोड़ दो पर आने वाले 2024 के चुनाव में मेरा ध्यान जरूर रखना। जिसकी वजह से लोगों ने उनके इस भाषण को सुनकर उन्हें दरकिनार कर दिया, क्षेत्र हुई वार्ता में बताया गया है कि केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान अपना ही सोच रहे हैं ना कि पार्टी का केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, प्रदेश अध्यक्षभूपेंद्र चौधरी सहित कई बड़े नेताओं द्वारा जाट बाहुल्य क्षेत्रों में लगातार चुनाव प्रचार किया गया, परंतु इस बार जाट बाहुल्य क्षेत्रों में जयंत चौधरी का पारा सिर चढ़कर बोला प्रदेश सरकार के मंत्री दिनेश खटीक द्वारा कई दलित बाहुल्य क्षेत्रों में दौरा किया गया था परंतु दलित बहुल क्षेत्र में इस बार आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण का जादू सिर चढ़कर बोला। दलितों द्वारा गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की गई वही गुज्जर, जाट और मुस्लिम भी इस बार गठबंधन पर वोटिंग करते नजर आया। जब सर्वे किया गया तो 2013 का दंगे का रोना रोने वाली भाजपा और दंगे की वजह से सजा का ऐलान होने वाले भाजपा के पूर्व विधायक विक्रम सैनी की बदतमीज का खामियाजा इस बार भाजपा को खतौली विधानसभा में उपचुनाव में भुगतना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में तो गांव के गांव गठबंधन और निर्दलीय प्रत्याशी पर वोट करते नजर आए। उनका कहना है कि गठबंधन का प्रत्याशी बाहरी है तो क्या कौन सा स्थानीय विधायक ने हमारे क्षेत्र में कोई कार्य कराया है। जिसका विरोध करने पर विक्रम सैनी द्वारा उनके घर पर गाली गलौज कर हमें भगा दिया जाता था। ऐसे ही बड़बोले विधायक को कई बार क्षेत्र की जनता द्वारा गांव से धक्के देकर बाहर निकाला गया। कई स्थानों पर तो भाजपा दोबारा नहीं आना का बोर्ड लगाकर साथ ही भाजपा नेताओं के प्रवेश पर इस गांव में प्रतिबंध है। जैसे चुनाव के दौरान बोर्ड दिखाई दिए। एमएलसी बनाए गए अश्वनी त्यागी द्वारा समाज को रिझाने की कोशिश की गई परंतु त्यागी समाज इस बार भाजपा के हाथ से निकलता नजर आया। भारतीय जनता पार्टी के नए कार्यकर्ता अभिषेक चौधरी का जादू भी गुर्जर समाज पर नहीं चल पाया भाजपा का केंद्रीय से लेकर प्रदेश तक का अमला इस बार वोटरों को रिझाने में असमर्थ रहा। वही 2022 के चुनाव में मीरापुर से विधायक बने चंदन सिंह चौहान का जादू गुर्जर समाज सहित कई अन्य जातियों पर सिर चढ़कर बोला लोगों ने उन्हें सर आंखों पर बिठाया।
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