बुधवार, 7 दिसंबर 2022

गैंगस्टर्स एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका


नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एक केस होने पर गैंगस्टर एक्ट के तहत FIR दर्ज करने की वैधता को चुनौती दी गई है।

इसके अलावा याचिका में आरोपी की 60 दिन की पुलिस रिमांड देने के प्रावधान को चुनौती दी गई है। साथ ही आरोपी की संपत्ति को अधिग्रहण करने के पुलिस के अधिकार को भी चुनौती दी गई है।याचिका में कहा गया है कि गैंगेस्टर एक्ट के तहत लोगो की प्रॉपर्टी जब्त करना भी सविधान के मूल अधिकारों के खिलाफ है। साथ ही यूपी गैंगस्टर एक्ट के अधिनियम अनुच्छेद 14 की कसौटी पर खरे नही उतरते। यह कानून के शासन के खिलाफ है। याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है। पुलिस इसका प्रयोग मनमाने ढंग  करती है। पुलिस जिसपर चाहे उसके ऊपर लगा देते है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि जिस व्यक्ति ने अपराध किया है उसके खिलाफ पहले ही उस मामले में FIR दर्ज की जा चुकी है, उसके खिलाफ इस अधिनियम के तहत फिर से FIR दर्ज कर दिया जाता है जो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (2) का उल्लंघन है।

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