शनिवार, 24 दिसंबर 2022

नगर निकाय चुनाव के आरक्षण पर फैसला सुरक्षित

 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव के आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रहा बहस का सिलसिला अब समाप्त हो गया है। अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रखते हुए आगामी 27 दिसंबर को इस फैसले को सुनाने का निर्णय दिया है। शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव के पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर दाखिल की गई याचिकाओं पर चली बहस का सिलसिला अब समाप्त हो गया है। ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के संबंध में सुनवाई कर रही हाई कोर्ट बेंच ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। बताया जा रहा है कि आगामी 27 दिसंबर दिन मंगलवार को अदालत द्वारा सुरक्षित रखे गए इस फैसले को सुनाया जाएगा। उस समय तक नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पर लगाई गई रोक जारी रहेगी। हाईकोर्ट में बहस के दौरान अदालत के सम्मुख सरकारी वकील ने अपनी दलीलें विद्वान न्यायाधीश के सामने रखी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के जज ने सख्त टिप्पणी भी की और पूछा कि आपके पास अगर पिछड़ा वर्ग आरक्षण का डाटा है तो उसे अदालत के सामने रखा जाए। कोर्ट ने सख्त लहजा दिखाते हुए यह भी पूछा कि आपके पास ओबीसी डाटा कहां से आया है? शनिवार को छुटटी होने के बावजूद हाईकोर्ट में चली बहस की समाप्ति के बाद अदालत की ओर से फैसला सुरक्षित रख लिए जाने के बाद अब नगर निकाय चुनाव अगले दिनों के लिए टलने के आसार बन गए हैं। उधर सवेरे से अदालत के फैसले पर टकटकी लगाए बैठे नगर निकाय चुनाव में चेयरमैन और पार्षद तथा सभासद पद के संभावित उम्मीदवारों के चेहरे लटक गए है। क्योकि अदालत द्वारा अपना फैसला सुरक्षित रखे जाने से उनका इंतजार भी बढ़ गया है।


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