शाहपुर। राजनीति में काफी कम समय में बड़ी शोहरत पाने वाले उमेश मित्तल इन दिनों कस्बे की जनता के दिलों में राज कर रहे हैं राज करने का मुख्य कारण उमेश मित्तल का जनता के प्रति सेवा भाव तथा सम्मान है उसके साथ उमेश मित्तल कस्बे में निस्वार्थ भाव से विकास कार्यों में जुटे पड़े हैं जिस कारण नगर पंचायत चुनाव में कस्बे की जनता के बीच उमेश मित्तल के नाम की चर्चाएं अब जोर पकड़ने लगी है धीरे-धीरे लोग उमेश मित्तल के नाम की चर्चा उनके द्वारा किए गए विकास कार्य कस्बे में जंगल में लगी आग की तरह फैल रहे है हिंदू धर्म में गौ माता का मां के बराबर सम्मान है लेकिन कस्बे में दो गौशाला होने के बावजूद भी आए दिन गोधन सड़कों पर भूखा प्यासा फिरता रहता था ऐसे में उमेश मित्तल ने जनता के सहयोग से गोधन के लिए चारे की व्यवस्था की। ऐसे ही कुछ गरीब लोगों के घरों में बिजली तथा पानी की किल्लत के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था समाजसेवी उमेश मित्तल ने कस्बे में दर्जनों खराब पड़े सरकारी नल जनता के सहयोग से ठीक कराएं। तथा गरीब तबके के लोगों के घरों में कनेक्शन की व्यवस्था भी कराई। जब कस्बे में लोगों से नगर पंचायत अध्यक्ष कौन होना चाहिए के बारे में जानकारी के सर्वे में वहाँ की जनता ने समाजसेवी उमेश मित्तल का नाम प्रस्तुत किया लोगों का कहना है कि उमेश मित्तल बाकी प्रत्याशियों के मुकाबले कस्बे में राजनीति कम और सेवा भाव ज्यादा रखते हैं उनके दरवाजे गरीब आदमी के लिए हमेशा खुले रहते हैं पिछले लंबे समय से वह निस्वार्थ कस्बे के जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं अब जनता को उनका हक दिलाने के लिए उनके साथ तन मन धन से खड़ी हुई है एक व्यक्ति ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि पिछले 5 वर्षों में सत्तारूढ़ पार्टी के नाम पर कस्बे का केवल शोषण ही हुआ है जबकि भारतीय जनता पार्टी विकासशील पार्टी है गरीब और शोषित समाज को उठाने वाली पार्टी है कस्बे पिछले 5 वर्षों में गरीब और गरीब हुआ है कस्बे को विकास के नाम पर कुछ कुछ नहीं मिला,
भारतीय जनता पार्टी के कट्टर वोट बैंक कहे जाने वाले वैश्य समाज की बैठक में भी समाज के जिम्मेदार लोगों ने भी प्रत्याशी उमेश मित्तल को ही भारतीय जनता पार्टी के सिंबल का प्रमुख दावेदार बताया,
जिस तरह से समाजसेवी उमेश मित्तल की लोकप्रियता जनता के बीच बढ़ती जा रही है उसी तरह प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों का मनोबल टूटता जा रहा है प्रतिद्वंदी प्रत्याशी जनता के बीच जाने से भी कतरा रहे हैं, क्योंकि जनता के बीच जाने पर उन्हें केवल एक ही आवाज सुनाई देती है उमेश मित्तल जिंदाबाद,
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