बुधवार, 7 दिसंबर 2022

एसिडिटी में कारगर हैं ये उपाय

 *एसिडिटी* 


मंदाग्नि से 103 प्रकार के रोग होते है, जिसमे पहले स्थान पर एसिडिटी और एक सौ तीन स्थान पर कैंसर को रखा गया है।

ये सूची यहाँ देने का प्रयास कर रहे हैं।

1. हाइपर एसिडिटी

2. जल्दी-जल्दी भूख लगना

3. भोजन के 4 घंटे बाद या खाली पेट जलन

4. अत्यधिक प्यास

5. हर समय मुँह सुखना

6. मसूढ़ो में संवेदनशीलता

7. लार का खट्टा होना

8. दाँतो में ढीलापन

9. होठों के किनारे फटना

10. दाँतो में ठंडा गर्म लगना

11. दाँतो का फटना या टुकड़ो में निकलना

12. दाँतो की नसों में दर्द

13. गले या टॉन्सिल का बार बार संक्रमण

14. अम्ल का मुँह में आना

15. अल्सर

16. खट्टी डकार

17. उदर के ऊपरी भाग में दर्द

18. बहुत ज्यादा गर्मी लगना या जलन होना

19. थकान, हाथ पैरो में भारीपन, मानसिक शक्ति का ह्रास

20. शरीर छूने से बुखार की अनुभूति

21. प्रसन्नता व उत्साह की कमी

22. अवसादित होने की प्रवृति

23. बिना कारण घबराहट, व्याकुलता, तेज शोरगुल में चिड़चिड़ाहट

24. अत्यधिक रक्तहीन चेहरा

25. सिरदर्द

26. आसानी से बातो बातो में आँसू आजाना

27. आँखों में सूजन, लाली, दर्द, जलन, गड़न

28. पलको एवं कोर्निया में प्रदाह

29. बालो का घुँघराले होना

30. नाख़ून पतले होना, जल्दी टूट जाना

31. रूखी त्वचा

32. बाल घुँघराले, बेजान, झड़ते

33. शरीर पर पसीने से खुजली

34. पित्ती उछलना

35. पिण्डलियों में बायटे आना, ऐंठन

36. झाईयां

37. कान में दर्द

38. आवाज़ में बदलाव

39. बैचैनी

40. कब्ज

41. ऑस्टियो ऑर्थोरिटिस

42. यूरिक एसिड बढ़ना

43. CRP बढ़ना

44. मासपेशियो में ऐंठन

45. पैर के बाहरी भाग में दर्द

46. अमाशय या अन्न नली में दर्द या घाव

47. बवासीर

48. भगन्दर

49. फिशर

50. गैस्ट्रिक

(वायु बनकर शरीर में घूमने से)

51. पेट में जलन

52. गले में जलन

53. छाती में जलन जैसे heart attack हो

54. सिर दर्द या भारीपन

55. चक्कर

56. कान में घंटियाँ बजना

57. हाई बी पी

58. सिर में भ्रम की स्थिति, समझ न आना

59. बालों का झड़ना

60. बालों का सफ़ेद होना या पकना

61. पीठ दर्द

62. धड़कन बढ़ना

63. पायरिया

64. मुँह में दुर्गन्ध

65. भूख न लगना

66. प्यास न लगना

67. खट्टी / कच्ची डकार

68. मितली होना

69. मल में गंध

70. पेट में भारीपन

71. अफारा

72. शुगर

73. ढीले मसूड़े

74. मसूढ़ो के किनारे सफ़ेद या हरी परत

75. मल थोड़ा पतला, लेकिन मुश्किल से निकले

76. उल्टी होने, करने के बाद हल्का महसूस होना

77. अनिद्रा 

78. कोलेस्ट्रॉल बढ़ना

79. बॉडी का फूल जाना मोटा हो जाना

80. पैरो में चलने पर दर्द

81. मसूढ़ों से खून आना

(कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से होने वाले रोग)

82. रक्त वाहिनियों में अवरोध

83. हृदयाघात

84. रक्त वाहिनियों का का संकरा होना

85. धमनियों में थक्के जमना

86. अत्यधिक बलगम

87. साँस लेने में कठिनाई

88. सीने में भारीपन

89. धमनियों में कड़कपन

90. किडनी से जुडी हुई बीमारियाँ

91. मस्तिष्क में ब्लड सप्लाई अवरोध होने से भूलने की समस्या

92. शरीर में जगह जगह गाँठे

93. हर्निया

94. गर्भाशय का स्थान से नीचे लटक जाना

95. हाथ पैर पतले होना

96. आंतरिक या बाहरी रक्त स्त्राव

97. आँखों का कमजोर होना

98. आँखों के सामने कुछ उड़ता प्रतीत होना

99. मुँह में कफ़ ज्यादा आना

100. पसीने में बदबू

101. मल मूत्र ज्यादा होना, मल लेसदार होना

102. हाथ पैरो में फड़कन

103. शरीर में होने वाला कैंसर

*अजवाइन*

🙏🙏🙏🙏🙏

 *अजवाइन सेंधा नमक और मुलेठी की चाय सुबह खाली पेट पीने से खट्टी डकार आना पित्त का बनाना गैस बनना रामबाण अद्भुत लाभ मिलता है🙏🙏* 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

अजवाइन के उपयोग

सर्दियों के मौसम में सर्द से बचने के लिए अजवायन एक सफल औषधि है यह एक उत्कृष्ट एंटी-ऑक्सिडेंट है अजवायन मोटापे को कम करने में भी मदद करती है जंगली अजवायन की पत्ती का तेल श्रेष्ट माना गया है प्रतिरक्षा प्रणाली को दृढ़ करता है ये श्वसन किर्या को दुरुस्त करता है जोड़ों और मांसपेशियों का लचीलापन बढाता है और त्वचा को संक्रमण से बचाता है अजवायन का उपयोग औषधि के रूप में मुख्यत: उदर एवं पाचन से समबन्धित विकारों तथा वात व्याधियों को दूर करने में किया जाता है 

अजवायन ही एक ऐसी चीज या औषधि है जो अकेली ही सौ प्रकार के खाद्य पदार्थों को पचाने वाली होती है अनेक प्रकार के गुणों से भरपूर अजवायन पाचक रूचि कारक,तीक्ष्ण, कढवी, अग्नि प्रदीप्त करने वाली, पित्तकारक तथा शूल, वात, कफ, उदर आनाह, प्लीहा, तथा क्रमि इनका नाश करने वाली होती है

अजवायन की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण है जो कि संक्रमण से लड़ने में मदद करता है अजवायन में लाल मिर्च की तेजी+राई की कटुता तथा हींग और लहसुन की वातनाशक गुण एक साथ मिलते है  इस लिए यह गुणों का भंङार है यह उदर शूल, गैस, वायुशोला, पेट फूलना, वात प्रकोप आदि को दूर करता है इसी कारण इसे घर पर छुपा हुआ वैध्य भी कहा गया है अति गर्म प्रकृति वालों के लिए यह हानिकारक होती है-

आइये जाने इसके क्या प्रयोग है - 

1गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अजवाइन जरुर खानी चाहिए क्युकि इससे ना सिर्फ खून साफ रहता है बल्कि यह पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह को संचालित भी करता है-

2यदि अधिक शराब पी लेने से अगर व्यक्ति को उल्टियाँ आ रहीं हो तो उसे अजवाईन खिलाना बेहतर होगा इससे उसको आराम मिलेगा और भूंख भी अच्‍छी तरह से लगेगी-

3कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है-

4गुड़ और पिसी हुई कच्ची अजवाइन समान मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्मच रोजाना 4 बार खायें। इससे गुर्दे का दर्द भी ठीक हो जाता है-

5शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खा़ज हो जाए तो अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है- घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं-

6गठिया के रोगी को अजवाइन के चूर्ण की पोटली बनाकर सेंकने से रोगी को दर्द में आराम पहुंचता है- अजवाइन का रस आधा कप में पानी मिलाकर आधा चम्मच पिसी सोंठ लेकर ऊपर से इसे पीलें इससे गठिया का रोग ठीक हो जाता है-

7जिन बच्चे को रात में पेशाब करने की आदत होती है उन्हें रात में लगभग आधा ग्राम अजवाइन खिलायें-

8दो चम्मच अजवाइन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात में सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें चेहरा साफ़ होता जाएगा और मुहांसे से भी निजात मिलेगी-

9अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं-

10मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है- मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें-सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है-

11जुकाम के साथ हल्का बुखार हो तो देशी अजवाइन 5 ग्राम, सतगिलोए 1 ग्राम को रात में 150 मिलीलीटर पानी में भिगोकर, सुबह मसल-छान लें फिर इसमें नमक मिलाकर दिन में 3 बार पिलाने से लाभ मिलता है-अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है-

12एसिडिटी की तकलीफ है तो थोड़ा-थोड़ा अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं-एसिडिटी से राहत मिलेगी-

अजवाइन+अदरक(सोंठ) पाउडर और काला नमक 2-2 और 1 के अनुपात में मिलाएं भोजन करने के बाद एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें तो पेट दर्द व गैस की समस्या में आराम मिलेगा-अशुद्ध वायु का बनना व सर में चढ़ना ख़त्म होगा-

14अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें-इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं-अजवायन के तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम होती है-

15अजवायन, सौंफ, सोंठ और काला नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर देसी घी के साथ दिन में तीन बार खाएं तो भूख लगने लगेगी-

16शाम को अजवायन को एक गिलास पानी में भिगोएं सुबह छानकर सिर्फ उस पानी में शहद डालकर पीने से मोटापे को कम करने में मदद होती है-

17खांसी-जुकाम में चुटकी भर काला नमक, आधा चम्मच अजवायन,और दो लौंग इन सब को पिस कर गुनगुने पानी के साथ दिन में कई बार पीने से अदभुत लाभ मिलता है यह एक रामबाण दवा है-

18आधा कप पानी में आधा चम्मच अजवायन और थोड़ी सी हल्दी पाउडर डालकर उबाले और ठंडा करें और इसमें एक चम्मच शहद डालकर पीएं और गर्म पानी में अजवायन डालकर इसका भाप लें-इस से छाती में जमा कफ निकल जाता है-

19शीत-पित्ती की बीमारी के लिए अजवायन के फूल को गुड के साथ मिला कर पानी से लेने से पित्ती ठीक होती है-अजवायन का चूर्ण गेरु में मिलाकर शरीर पर मलने से पित्ती में तुरन्त लाभ होता है-

20बेर के पत्तों और अजवायन को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने पर खांसी में लाभ होता है-

21जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छे से गर्म करें व छान ले और इससे जोड़ों की मालिश करे इससे आराम होगा-

22अजवायन एक प्रबल कीटनाशक है आँतों में कीड़े होने पर अजवायन के साथ काले नमक का सेवन करने पर पेट के कीड़े बाहर निकल जाते हैं-अजवायन का चूर्ण और गुड समान मात्रा में मिलकर गोली बनाकर दिन में दो तीन बार खिलाने से भी पेट के सभी प्रकार के कीडे नष्ट हो जाते है-सुबह दस-पन्द्रह ग्राम गुड खाकर दस-पन्द्रह मिनट बाद एक से दो ग्राम अजवायन का चुर्ण बासी पानी के साथ ले-इससे भी आंतों में मौजूद सब प्रकार के कीडे मर कर मल के साथ बहार निकल जायेंगे।

23अजवायन के फूल (सफ़ेद दाने के रूप में बाज़ार में उपलब्ध) का चूर्ण पानी में मिलाकर उस घोल से घाव, दाद, खुजली, फुंसियाँ आदि धोने पर ये चर्मरोग नष्ट होते हैं-

24अजवायन का प्रसव के बाद अग्नि की प्रदिप्त करने और भोजन को पचाने, वायु एवं गर्भाशय को शुद्ध करने के लिए सभी परम्परागत भारतीय परिवारों में लड्डू बना कर खिलाया जाने की परंपरा है यह चमत्कारी लाभ देता है प्रसूति स्त्रियों को अजवायन व गुड मिलाकर देने से भूख बढ़ती है प्रसव के बाद अजवायन के प्रयोग से गर्भाशय शुद्ध होता है-गर्भाशय पूर्वास्थिती में आ जाता है और दूध ज्यादा बनता है-बुखार व कमर का दर्द ठीक करता है इससे खराब मासिक चक्र ठीक भी हो जाता है।

25पान में अजवायन को डाल कर खाने से पुरानी खांसी ठीक होती है तथा दोपहर को भोजन के बाद पिसी 2 - 3 ग्राम अजवायन लेने से खाना आसानी से हजम होता है-।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

*आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज* 

1.  आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए।

 2. अदरक के सेवन से एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं, इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी अदरक की चाय भी ले सकते हैं। 

 3. मुलैठी का चूर्ण या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है। 

 4. नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है। 

 5. इतना ही नहीं यदि आप चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी।

  6. मुनक्का या गुलकंद के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं। 

 7.  अधिक मात्रा में पानी पीने, दोपहर के खाने से पहले पानी में नींबू और मिश्री का मिश्रण, नियमित रूप से व्यायाम और दोपहर और रात के खाने के बीच सही अंतराल आदि सावधानियों से एसिडिटी की समस्या से बचा जायू सकता है।

" *खाली पेट दो बेलपत्र का सेवन करें शुगर बीपी को नियंत्रण में ले 25 ग्राम लहसुन 25 ग्राम अदरक 25 ग्राम अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर एक नींबू निचोड़ कर प्रतिदिन पिए हृदय रोग से मुक्त रहेंगे"* 

*_आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे अनंत शिखर सद्गुरु औषधालय साकेत पुरी कॉलोनी देवकाली बाईपास अयोध्या मिलने का समय प्रातः 8:00 से1 2:00 तक शाम 5:00 से_ 8:00 बृहस्पतिवार 10:00 से 2:009455831300,9670108000*pin.c.224123*

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